नरेगा के काम में घटिया सामग्री उपयोग का हुआ भुगतान

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                                    पतौर पंचायत में सौ फीसदी मशीन और ठेकों से हुए कार्य

जय प्रकाश शर्मा
         मानपुर | भारत सरकार का योजना “महात्मां गांधी राष्टीय रोजगार गारंटी अधिनियम” के तहत मजदूरों को वर्ष में 100 दिन का काम दिलवाने के प्रावधान हैं, नरेगा बजट के सभी कार्य शिर्फ श्रमिकों के द्वारा करवाये जाने के नियम हैं |  इस योजना से जहां ग्रामीण आंचल के  समस्त श्रमिकों को सौ दिन के काम देने के लक्ष्य रहतेहैं वहीं जिला, जनपद और ग्राम – पंचायत प्रशासन के मिली भगत से इस समय नरेगा के सौ फीसदी निर्माण कार्य मशीनों से हो रहे हैं जो की नियम विरूद्ध है | ग्रामीण पंचायत के विकाश और उत्थान के लिये जिसमें गरीब मजदूरों के हित को देखते हुये निर्माण एजेंशी ग्राम पंचायत द्वारा ठेकेदारों को न देकर पूरे काम स्वत: करवाने के नियम हैं, जहां पर ठेकेदार की तरफ से लक्ष्मी पंचायत सचिव व सरपंच के ऊपर भारी पड़ पड़ती है सभी नियमों को लुप्त करके पंचाय के बड़े – बड़े निर्माण कार्य ठेकेदारों द्वारा बड़े धड़ल्ले से करवाये जा रहे हैं | जिनकी शिकायत अथवा खबरों में प्रकाशित – प्रसारण के बाद भी  स्थिति पर कोई सुधार अथवा जांच कार्यवाही नहीं हो रहेहैं | जिसकी जांच यदि सरकार द्वारा अन्य संम्भागीय टीम को गठित करके स्थिति की कड़ी जांच करवाई जाय तो पंचायत से लेकर जिला तक के कई प्रशास्निक लोग दोसी साबित हो सक्तेहैं |
       यही स्थिति मानपुर ब्लॉक के  ग्राम पंचायत पतौर के ग्राम नरवार का मामला प्रकाश में आया है की , जहां नरेगा से बनने वाले बड़े मंहगे कई लाख रुपियों के बजट वाले रप्टा, डैम, पक्के बांधों जैसे कई निर्माण कार्य पूरी तरह से मशीन द्वारा करवाये गये हैं और कई  प्रगति पर हैं | ग्राम पंचायत पतौर द्वारा येजेंशी से ऐसे कई बड़े निर्माण कार्यों को  ठेके पर देकर करवाती है, जो निर्माण छ: दिन के अंदर पूरा करवा दिये जातेहैं, और घटिया सामग्री का उपयोग कर दिया जाता जो दो-तीन महीने में स्पष्ट मौके पर ध्वस्त होते दिखाई देने लगता है जिसके जाच का ब्लॉक से लेकर जिला लेवल तक कोई भी अधिकारी माई बाप नहीं है जिस भी अधिकारी से बात किया जाए उपरोक्त अधिकारी द्वारा बोला जाता है कि ठीक है हम दिखा लेंगे और ऐसी जगह पर उपरोक्त कार्यो का उपयोग किया जाता है जहां पानी के सिंचाई का काम तक नहीं होतेहैं, स्टीमेंटों से हटकर प्रस्तावित के आधे लागत से बने काम साल के अंदर ही फट कर ध्वस्त होने के कगार में आजाया करते हैं | उदाहरण में अभी भी ग्राम पंचायत पतौर के ग्राम नरवार के झिरिया नाला ने स्टॉप डेम कम रपटा कई लाखो की लागत से बनाया गया है और उपरोक्त कार्य का भुगतान भी लगभग 1300000 तेरह लाख रुपए के आसपास संबंधित ठेकेदार को कर दिया गया है उपरोक्त कार्य निर्माण कड़े जांच के काबिल हैं – |

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