देश के लिए कुछ गुजरने के जज्बे को लेकर सुनील नें तैयार की खास मशीन जो पाल्यूशन कंट्रोल करने में 90 से 95 प्रतिशत तक सक्षम, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने मशीन का डिजाइन सीपीसीबी साझा करने लिखा पत्र
देश के लिए कुछ गुजरने के जज्बे को लेकर सुनील नें
तैयार की खास मशीन जो पाल्यूशन कंट्रोल करने में 90 से 95 प्रतिशत तक सक्षम, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने मशीन का डिजाइन सीपीसीबी साझा करने लिखा पत्र
कटनी! बड़वारा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम बड़वारा निवासी किसान रामकुमार कुशवाहा के बेटे सुनील कुशवाहा ने मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर देश के लिए कुछ गुजरने के जज्बे को लेकर खास मशीन तैयार की है। मशीन बनाने पर पहले कलेक्टर द्वारा सम्मानित किया गया अब केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने मशीन का डिजाइन सीपीसीबी साझा करने पत्र लिखा है। बोर्ड द्वारा कहा गया है कि वायु प्रदूषण पर आपकी चिंता सराहनीय है। इसे कार्यालय ने गंभीरता से लिया है। सरकार ने देश में वायु प्रदूषण (प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण) अधिनियम 1981 लागू किया जा रहा है। ऐसे में यह मशीन कारगर साबित होगी। बता दें कि सुनील गांव में प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा के बाद नौवीं से 12वीं तक की पढ़ाई पियूष हाई सेकेंडरी स्कूल कटनी से की। कॉलेज की पढ़ाई जबलपुर मैकेनिकल इंजीनियरिंग से पढ़ाई की और इसी के साथ पाल्यूशन कंट्रोल मशीन तैयार की है जो कि वायु प्रदूषण को 90 से 95 प्रतिशत रोकने में सक्षम है। 3 लाख रुपए खर्च कर बनाई है, जो 5 एकड़ जमीन कें प्रदूषण को कुछ ही घंटों में साफ कर देती है।
इस मशीन के माध्यम से लोगों को साफ हवा में सांस लेने में फायदा मिलेगा, इससे निकलने वाला कार्बन का उपयोग कलर पेंट और अंगूठी बनाने में किया जाएगा, इस मशीन के माध्यम से हवा में फैलने वाली कई प्रकार की गंभीर बीमारियों को रोकने में मदद मिलेगी, मशीन में कोई बिजली नहीं लगेगी यह मशीन पूरी तरह से सोलर एनर्जी से चलेगी, ओजोन लेयर में छिद्र होने से बचाया जा सकेगा, इस मशीन के माध्यम से प्रदूषित शहरों को साफ किया जाएगा जिसके कारण वहां पर रहने वाले लोगों को कई प्रकार की गंभीर बीमारियों से मुक्ति मिलेगी। इस मशीन में सबसे पहले एक ऑनलाइन नेटवर्किंग मशीन लगी हुई है, जिसके द्वारा इस मशीन को चालू और बंद किया जाता है। यह मशीन मोबाइल और कम्प्यूटर के द्वारा भी चल सकेगी। चालू कर सकते हैं कहीं भी से और कितनी दूर से चालू कर सकते हैं इसके बाद मशीन का पूरा सिस्टम लगा हुआ है जिसके द्वारा मशीन को चालू और बंद किया जाता है इस मशीन में सबसे पहले एक चिमनी है इस चिमनी में कोयला लकड़ी प्लास्टिक जो भी जलाते हैं इसी चिमनी के ऊपर एक मशीन लगी हुई है जो कि चीनी का पूरा प्रदूषण को खींच करके मशीन में ले जाती है यह मशीन अंदर और बाहर दोनों तरह का प्रदूषण खत्म करती है इसमें एक वाल लगा हुआ है जो कि एस1 सिस्टम चालू करते हैं तो अंदर का प्रदूषण और एस2 सिस्टम चालू करते हैं तो बाहर का एस1 और एस2 दोनों चालू करते हैं तो अंदर और बाहर दोनो तरह का प्रदूषण को खींच कर के मशीन में ले जाया जाता है इस मशीन में आठ से नौ प्रकार के अलग-अलग प्रकार के फिल्टर हैं जिसमें सबसे पहले कार्बन के बड़े काणों को रोका जाता है इसके बाद कार्बन के छोटे कणों को रोका जाता है इसके बाद प्रदूषण मिले जहरीली गैस चुंबकीय कण इसके बाद प्रदूषण में मिले पीएम 2.5 के कण इतने महीन और बारिक होते हैं कि शरीर की फिल्टर सिस्टम को भी पार कर देते हैं जिसके कारण यह फिल्टर एक ऐसा फिल्टर है जो की पूरी तरह से प्रकाश संश्लेषण की तकनीक पर आधारित हैं इस प्रकार से पेड़ पौधे कार्बनडाइऑक्साइड को अवशोषित करते हैं और शुद्ध ऑक्सीजन बाहर निकालते हैं उसी प्रकार यह फिल्टर बारीक से बारीक और महीन से महीन कणों को भी फिल्टर करके एक खराब हवा को एक नेचुरल हवा में बदलता है यह फिल्टर पूरी तरह से प्रकाश संश्लेषण की तकनीक पर आधारित है इसके बाद एक पाइप के माध्यम से साफ हवा 90 से 95 प्रतिशत शुद्ध हवा बाहर निकल जाती है इसी मशीन के नीचे एक नल लगा हुआ है जिसके द्वारा फिल्टर में जमे हुए कार्बन के कण को निकाल लिया जाता है इस प्रकार से यह मशीन वायु प्रदूषण को 90 से 95 प्रतिशत रोकने में सक्षम है।
इस मशीन को बनाने का आईडिया
इस मशीन को बनाने का आईडिया तरीका जब आया जब मैं कटनी से जबलपुर के लिए कॉलेज जा रहा था जब मैं ट्रेन के डब्बे में जो सीढिय़ा होती हैं दरवाजे के पास वहां बैठकर जा रहा था वह ट्रेन का डब्बा इंजन से दूसरे नंबर पर था ट्रेन के इंजन से निकला हुआ धुआं मुंह में आकर लगा जिसके कारण हमें कुछ मिनटों तक सांस लेने में समस्या हुई फिर हमने सोचा कि यह तो धुआं बहुत ही खतरनाक है इससे बहुत सारी समस्याएं हो सकती हैं और इसे रोकना चाहिए फिर हमने इस एयर पोलूशन को गूगल में सर्च किया जिसके कारण दिल्ली में बहुत ही खतरनाक समस्या देखने को मिली