हम्माली करने को विवश अन्नदाता

रसमोहनी धान खरीदी केन्द्र में प्रबंधक की तानाशाही
कृषकों को नहीं मिल रही किसी प्रकार की सुविधा
धान खरीदी केंद्रों में मजदूरों को काम पर नहीं लगाया गया है परिणामस्वरूप धान बेचने आ रहे किसानों को ही हम्माली करनी पड़ रही है। अपने लाए हुए बोरों से किसानों को खुद उन बारदानों में धान पलटी करना पड़ रही है, जो खरीदी केंद्रों में उन्हें दिया जाता है, लेकिन जिम्मेदारों ने सब जानने के बाद भी आंख बंद की हुई है।
(सुनील मिश्रा) -9755476196
शहडोल। केंद्र सरकार के नए कृषि बिल पर मचे बवाल के बीच जिले में ग्रामीण क्षेत्रों में धान उठाव केन्द्रो में किसान कड़ाकें की ठण्ड में रहने को परेशान है, किसानों को जानकारी नहीं होने का पूरा फायदा जिले के रसमोहनी खरीदी केंद्र पर उठाया जा रहा है। इन खरीदी केंद्र की जिम्मेदारी मुन्ना बरगाही के पास है। केंद्र पर अपनी धान के साथ किसान पूरी रात रखवाली करते बैठे रहते हैं। इसके बावजूद सोसायटी के कर्मचारी देरी से खरीदी केंद्रों पर पहुंच रहे हैं। रसमोहनी धान खरीदी केन्द्र में न तो किसानों के बैठने के लिए व्यवस्था और न ही पीने के पानी की सुविधा की गई है। कोरोना गाइड लाइन का भी यहां पालन नहीं किया जा रहा है। जो भी किसान आ रहे हैं वे बिना मास्क लगाए आ रहे हैं और आपसी दूरी के नियम का पालन किए बिना काम कर रहे हैं। खरीदी केंद्रों में इन कमियों के कारण किसानों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इस मामले में अभी तक जिला प्रशासन ने गंभीरता से ध्यान नहीं दिया है।
प्रबंधक की मनमानी
धान के उपार्जन के लिए रसमोहनी समिति में प्रबंधक मुन्ना बरगाही की तानाशाही रवैया कम नहीं दिख रहा है। जिस वजह से किसानों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है। स्थिति यह है कि कई किसान तीन दिनों तक धान की खेप लाने के बाद भी उनकी तौलाई नहीं हो पा रही है। किसानों को कथित प्रबंधक द्वारा किसी प्रकार की सुविधा केन्द्र पर नहीं दी जा रही है, किसान ठण्ड में खुले आसमान के नीचे रात गुजारने को मजबूर हैं न ही अलाव की व्यवस्था की गई है और न ही पानी की कोई व्यवस्था खरीदी केन्द्र पर की गई है।
वारदाने की जमकर कमी
एक ओर सरकार किसानों का धान खरीदने के लिए हर संभव प्रयास कर रही तो, वही दूसरी ओर अफसर व कर्मचारियों की लापरवाही के चलते किसानों को धान खरीदी केंद्रों में वारदाना (बोरिया) नही मिल रहे है। जिससे किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वारदाना नही होने से किसानों को इस कड़कड़ाती ठंड में अपनी धान की सुरक्षा के लिए रात गुजारनी पड़ती है, किसानों का कहना है कि इन्ही सब परेशानियों के चलते देश मे किसान विरोध कर सड़क पर उतरे है।
लैम्पस प्रबंधक की भी मनमानी
कलेक्टर-कमिश्नर के सख्त निर्देश है कि किसानों को खरीदी केंद्रों में किसी भी तरह की कोई परेशानी नही होनी चाहिए, लेकिन जिले के रसमोहनी में किसानों को किसी तरह की कोई सुविधा नही दी जा रही, यहां तक कि पीने का पानी तक नही है और न ही इस कड़कड़ाती ठंड में आलाव की व्यवस्था की गई है और किसान परेशान हो रहे है, इसके साथ ही लैम्प्स परिसर में ठण्ड में पडऩे वाली ओस से बचने के लिए टेंट नहीं लगाया गया है, वारदाने को लेकर भी किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
इनका कहना है…
एक कोने में हमने टेंट लगवाया है, जनरेटर की व्यवस्था भी है, किसानों को किसी तरह की परेशानी नहीं होने दी जा रही है।
मुन्ना बरगाही
प्रबंधक, रसमोहनी लैम्प्स