सहायक आयुक्त का औचक निरीक्षण, दो अधीक्षकों थमाया कारण बताओ नोटिस

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उमरिया। जिले के अधिकांश अनुसूचित जनजाति बालक छात्रावासों को अधीक्षकों की लापरवाही और फर्जबेजारी ने अव्यवस्थाओं से भर दिया है। बच्चों को जो अनुशासित और स्नेहिल माहौल मिलना चाहिए वह नहीं मिल पा रहा है। बच्चों के संरक्षण में भी कमी आ रही है। हाल ही में सहायक आयुक्त ट्रायवल अखिलेश पाण्डेय ने जब कई छात्रावासों का औचक निरीक्षण किया तो उन्हे घोर अव्यवस्थाएं देखने को मिली। हॉस्टलों का अनुशासन छिन्न भिन्न दिखाई पड़ा। छात्र बीड़ी सिगरेट पीते पाए गए। बच्चे मैदान में शौच के लिए जाते दिखाई पड़े। अधीक्षक स्वयं भी हॉस्टलों से नदारत पाए गए। इस पर सहायक आयुक्त ने कड़ी नाराजगी जताते हुए अधीक्षकों को कारण बताओ नोटिस जारी की और तीन दिन में उनसे जवाब मंागा है। सहायक आयुक्त निरीक्षण करने अनुसूचित जनजाति बालक हॉस्टल बकेली पहुंच गए। वहां उन्होने अधीक्षक रामप्रसाद बैगा को अनुपस्थित पाया। इसके अलावा उन्हे कुछ बच्चे बीड़ी सिगरेट पीते नजर आए। जब उन्होने बच्चो से अन्य सुविधाओं के बारे में पूछताछ की तो ज्ञात हुआ कि उन्हे भोजन में केवल चावल, दाल, अचार, पापड़ और रात्रिकाल केवल रोटी सब्जी ही दी जाती है। इससे ज्ञात हुआ कि हॉस्टल में मीनू का कभी पालन नही होता है। हॉस्टल में इधर उधर गंदगी की भरमार दिखाई पड़ रही थी। इसी से ज्ञात हुआ कि अधीक्षक किस गंभीरता से अपने दायित्व का निर्वाह कर रहे हैं। ज्ञातव्य है कि अधीक्षक रामप्रसाद बैगा अपनी कर्तव्य निष्ठा को तिलांजलि देकर मनमानी आचरण कर रहे हैं। उनके द्वारा बच्चों की देखरेख और व्यवस्था की ओर ध्यान नहीं दिया जाता है। वे स्वयं भी हॉस्टल में उपस्थित नहीं रहते हैं। सहायक आयुक्त अनुसूचित जनजाति बालक हॉस्टल चौरी पहुंचे, वहां की हालत भी कुछ अलग नहीं थी। यहां भी हॉस्टल अधीक्षक शत्रुभान सिंह अनुपस्थित पाए गए। बच्चे शौच करने खुले मैदान में जाते दिखाई पड़े। जब सहायक आयुक्त ने बच्चों से पूछताछ की तो ज्ञात हुआ कि शौचालयों की सफाई नहीं होने से वे बंद पड़े हैं। अधीक्षक बहुत कम आते हैं और वे साफ सफाई की ओर ध्यान नहीं देते हैं। भोजन में केवल सुबह चावल दाल, अचार, पापड़ और रात में रोटी सब्जी दी जाती है। यहां भी मीनू का कभी पालन नहीं होता है। हॉस्टल में खेलकूद की सुविधा भी कुछ नहीं है। अधीक्षक बच्चों की समस्याओं की ओर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दे रहे हैं। हॉस्टलों की दुर्दशा और बच्चों की दुर्दशा देखकर सहायक आयुक्त ने दोनो अधीक्षकों को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए तीन दिन मेें जवाब मांगा है। उन्होने कहा कि आपका कृत्य कार्य के प्रति उदासीनता एवं लापरवाही दर्शाता है। हॉस्टल में गंदगी पाई गई जबकि तीन-तीन सफाई कर्मी यहां पदस्थ हैं। उक्त कृत्य मप्र सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम का उल्लंघन है तथा सिविल सेवा वर्गीकरण नियंत्रण अपील 1966 के नियम 9 के तहत कदाचरण की श्रेणी में आता है। आप अपना जवाब पत्र प्राप्ति के तीन दिन के अंदर प्रस्तुत करें। सयम सीमा पार होने पर माना जाएगा कि आप उक्त संबंध में कुछ नहीं कहना चाहते हैं। आपके विरुद्ध एकतरफा कार्रवाई की जाएगी। जिसके लिए आप स्वयं उत्तरदायी होगें।

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