उमरियापान के खाम्हा गांव में मीजल्स वायरस के संक्रमण की आशंका,कलेक्टर के निर्देश पर स्वास्थ्य कर्मचारियों ने डाला गांव में डेरा, पल-पल परिस्थितियों पर रखी जा रही नजर,खाम्हा में बीमारी का प्रकोप, एक बच्चे की मौत, 50 से अधिक बीमार

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उमरियापान के खाम्हा गांव में मीजल्स वायरस के संक्रमण की आशंका,कलेक्टर के निर्देश पर स्वास्थ्य कर्मचारियों ने डाला गांव में डेरा, पल-पल परिस्थितियों पर रखी जा रही नजर,खाम्हा में बीमारी का प्रकोप, एक बच्चे की मौत, 50 से अधिक बीमार


कटनी॥ उमरियापान सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अंतर्गत ग्राम खाम्हा में मीजल्स वायरस के संक्रमण ने ग्रामीणों व बच्चों को अपनी चपेट में ले लिया है। गांव में आधा सैकड़ा से अधिक बच्चे व बड़े बीमार है। लाल चकत्तों व दानों के साथ फैले संक्रमण के कारण घर-घर लोग परेशान है। गुरुवार को यहां एक मासूम बच्चे की मौत हो गई। ग्रामीण इसे बीमारी की वजह से मौत होना बता रहे है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग ने अबतक यहां संक्रमण की जांच नहीं की है और न ही मौत के कारणों की पुष्टी की है। खबर की जानकारी लगते ही देर रात कलेक्टर गांव के लिए रवाना हो गए हैं। ग्राम पंचायत सरंपच सुशील पाल ने बताया कि करीब एक सप्ताह से ग्राम में इस बीमारी का असर देखने मिल रहा है। बच्चों को तेज बुखार, सर्दी, जुखाम, आंखों में लालिमा, आंखों में पसीना, शरीर में लाल चकत्ते, दाने व खुजली की समस्या बनी हुई है। एक के बाद एक बच्चे संक्रमित हो रहे हैं। घर-घर लोग बीमार पड़े हुए है। गांव में करीब 70 बच्चे व बड़े इसकी चपेट में हैं। सरपंच ने बताया कि गुरुवार को गांव के निवासी अरविंद पटेल के डेढ़ वर्षीय पुत्र अंशुल पटेल की मौत हो गई है। अरविंद के घर में उनका बेटा नैतिक (11) व बेटी रेशमा(9) भी बीमारी से पीड़ित है। सरपंच ने बताया कि अरविंद पटेल के अनुसार उनके बच्चे में कुछ दिनों से बीमारी के लक्षण थे। गुरुवार को अचानक तेज बुखार आया और बच्चे को अस्पताल ले जाने का मौका ही नहीं मिला। परिजन जबतक उसे अस्पताल ले जाते, तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। सरपंच सहित उपसरंपच राममनोहर कोल, हीरालाल बर्मन, रामप्रताप लोधी, मुकेश पाल, दीपू बैरागी, रामेश्वर पाल ने बताया कि गांव की आबादी करीब 2200 है। संक्रमण का असर सबसे अधिक बच्चों पर है। कुछ घरों में युवा भी इसकी चपेट में है। तेज बुखार के चलते सबसे अधिक परेशानी हो रही है। वही
ग्राम खाम्हा में वायरल संक्रमण फैलने की खबर मिलने के तत्काल बाद गुरुवार देर रात 11:00 कलेक्टर अबिप्रसाद स्वास्थ्य विभाग की पूरी टीम लेकर गांव में जा पहुंचे। गुरुवार रात 11 बजे से लेकर शुक्रवार की भोर तक कलेक्टर खोज ग्राम खाम्हा में डटे रहे, स्वस्थ विभाग के कर्मचारियों के साथ संकट की इस घड़ी में कलेक्टर ने न केवल एक जिम्मेदार अधिकारी की भूमिका निभाई बल्कि इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए गांव के प्रत्येक व्यक्ति का हाल जानने के लिए स्वास्थ्य विभाग के अमले को निर्देशित भी किया। कलेक्टर की ही सक्रियता का असर रहा कि पौ फटते ही स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी दोबारा गांव के हर घर में जाकर हर एक व्यक्ति से उनके स्वास्थ्य के संबंध में जानकारी जुटाने लगे स्वास्थ्य विभाग द्वारा अभी भी गांव में जानकारी जुटाने का काम किया जा रहा है। पीड़ित व्यक्तियों और बच्चों की पूरी स्वास्थ्य हिस्ट्री दर्ज की जा रही है। कलेक्टर के निर्देश पर गांव में एंबुलेंस और स्वास्थ्य अमले को स्थिति नियंत्रित होने तक नजर रखते हुए रुकने को कहा गया है। वर्तमान समय में गांव में न केवल स्वास्थ्य विभाग बल्कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका में भी घर-घर दस्तक देकर लोगों की जानकारी और संक्रमण को लेकर जानकारी एकत्र करने में जुटी हुई है। इसके साथ ही कलेक्टर श्री प्रसाद ने पीड़ितों को अस्पताल पहुंचाने के लिए गांव में एंबुलेंस खड़ी करा रखी है साथ ही उन्होंने स्वास्थ्य अमले को यह भी निर्देशित किया है कि किसी भी तरह की परिस्थिति को देखते हुए तत्काल पीड़ित को अस्पताल पहुंचाया जाए ताकि उसे समय पर उचित उपचार मिल सके।
देर रात लगभग 11 बजे जब कलेक्टर अविप्रसाद को गांव में संक्रमण फैले होने की सूचना मिली तो उन्होंने इस मामले को लेकर एक पल की भी देर न की। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के साथ खुद भी मोर्चा संभाला और सारी रात लोगों की मदद के लिए यहां वहां दौड़ते भागते रहे। कलेक्टर की सक्रियता देख ग्रामीणों को जितना आश्चर्य हुआ उतना ही यह विश्वास भी हुआ कि कलेक्टर अवि प्रसाद के रहते यह संक्रमण और अधिक नहीं फैल सकेगा और इस पर जल्द ही अंकुश लगाने में सफलता मिल जाएगी।

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