स्वदेशी की लहर: मध्य प्रदेश में जन-जागरण का नया अध्याय
(संजीव दुबे)
भोपाल । मध्य प्रदेश जन अभियान परिषद एवं स्वदेशी जागरण मंच के संयुक्त तत्वावधान में आज भोपाल के रवींद्र भवन में राज्य स्तरीय स्वदेशी जागरण सप्ताह का भव्य शुभारंभ हुआ। इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने तिरंगा थाम कर एक जोशीली रैली निकाली और जनसमूह को संबोधित करते हुए स्वदेशी उत्पादों के उपयोग की ओर जागरूकता फैलाने की अपील की।
कार्यक्रम में भाजपा के वरिष्ठ पदाधिकारी, मंत्री, संगठन कार्यकर्ता तथा स्वदेशी जागरण मंच और जन अभियान परिषद से जुड़े प्रमुख प्रतिनिधि मौजदू रहे। इस अभियान के अंतर्गत 25 सितंबर से 2 अक्टूबर तक राज्य के 313 विकासखंडों में “स्वदेशी और आत्मनिर्भरता” का संदेश पहुंचाने के लिए रैलियाँ, सेमिनार, स्वदेशी मेलों और जन संवाद कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

उद्घाटन संबोधन में मुख्य बातें
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अपने उद्घाटन संबोधन में कहा:
> “स्वदेशी ही वह मूल मंत्र है, जिसने भारत को आजादी दिलाई। आज ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ की दिशा में हमारी सबसे बड़ी ताकत स्वदेशी उत्पाद ही बनेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस अभियान के ब्रांड एंबेसडर हैं।”
उन्होंने यह भी कहा कि छोटी-छोटी खरीदारी से छोटे दुकानदारों, कारीगरों और स्थानीय उद्योगों को सहारा मिलता है। उन्होंने जनता से अपील की कि त्योहारों के समय विदेशी सामान की बजाय स्वदेशी वस्तुओं को प्राथमिकता दें।
इसके अतिरिक्त, उन्होंने महात्मा गांधी और पंडित दीनदयाल उपाध्याय की विचारधाराओं को स्वदेशी आंदोलन से जोड़ते हुए, उनके आदर्शों को आज भी देश निर्माण की प्रेरणा बताया।

आयोजन का स्वरूप एवं लक्ष्य
सम्पूर्ण प्रदेश स्तर पर विस्तार: यह अभियान 25 सितंबर से 2 अक्टूबर तक चलेगा और हर विकासखंड में लोगों तक स्वदेशी विचारधारा पहुंचेगी। स्वदेशी मेले एवं प्रदर्शनी: स्थानीय उत्पादों, हस्तशिल्प और छोटे व्यवसायों को प्लेटफार्म मिलेगा। जन संवाद एवं रैलियाँ: तिरंगे के साथ रैलियाँ निकाली गईं, कार्यकर्ता और जनता “गर्व से कहिए — हम स्वदेशी हैं” जैसे नारे लगाते दिखे, आयोजनकर्ता संस्थाएँ: इस अभियान का आयोजन मध्य प्रदेश जन अभियान परिषद और स्वदेशी जागरण मंच कर रहे हैं, जन अभियान परिषद के फेसबुक पृष्ठ पर भी इस शुभारंभ को हाइलाइट किया गया है, जिसमें कहा गया है कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस महाअभियान का शुभारंभ किया।
स्वदेशी जागरण मंच, मध्य प्रदेश ने इस कार्यक्रम को लेकर जारी सूचना में लिखा है: “देश की प्रगति के लिए स्वदेशी भाव को जन-जन तक पहुँचाना हमारा लक्ष्य है। यह सप्ताह लोगों को प्रेरित करेगा कि वे स्थानीय उत्पादों, कारीगरों और छोटे व्यवसायों का समर्थन करें।”कार्यकर्ता एवं मंच के प्रतिनिधियों ने भी कहा कि यह अभियान सिर्फ प्रतीकात्मक नहीं, बल्कि व्यवहार परिवर्तन की दिशा है — जब लोग अपने रोज़मर्रा की खरीद में स्वदेशी को प्राथमिकता देंगे, तभी स्वावलंबन की असली लहर प्रदेश और देश में फैलेगी।
मुख्यमंत्री और आयोजन की प्रशंसा
इस कार्यक्रम की एक बड़ी उपलब्धि यह है कि मुख्यमंत्री स्वयं रैली में शामिल हुए और प्रत्यक्ष संवाद के माध्यम से जनता से संबोधित हुए। उन्होंने न केवल विचारों से प्रेरित किया, बल्कि प्रतीकात्मक कदमों से भी उदाहरण पेश किया — तिरंगा थामना, रैली करना, और जनता के साथ कंधे से कंधा मिलाकर संदेश देना। यह दिखाता है कि स्वदेशी जागरण को केवल घोषणाओं तक सीमित न रखते हुए, इसे जनसमूह के बीच ले जाने की रणनीति है।
जन अभियान परिषद एवं स्वदेशी जागरण मंच का संयुक्त आयोजन इस तरह की सार्वजनिक जागरूकता पहल के लिए एक प्रभावी मॉडल है। कार्यक्रम का विस्तार 313 विकासखंडों तक करना इस बात की गवाही है कि आंदोलन को सिर्फ राजधानी या महानगर तक सीमित नहीं रखा गया है, बल्कि गहराई तक ले जाना है।
इस स्वदेशी जागरण सप्ताह से उम्मीद की जा सकती है कि प्रदेश में स्थानीय उद्योग, व्यवसाय, कारीगर और छोटे दुकानदारों को नए अवसर मिलेंगे। साथ ही, उपभोक्ताओं में यह मान्यता बनेगी कि भारत में निर्मित उत्पाद न केवल गुणवत्तापूर्ण हैं, बल्कि उनका उपयोग राष्ट्र और समाज को सुदृढ़ करने में योगदान देता है।
राष्ट्रीय कार्य परिषद सदस्य साकेत राठौड़ , क्षेत्रीय संघटक स्वदेशी जागरण मंच केशव मध्य भारत प्रांत संयोजक ,श्रीकांत बुधौलिया जितेंद्र सतपाल जाट,संतोष पांडे , हेमंत रावत, शिवेंद्र कौरव , आदि कार्यकर्ता स्वदेशी जागरण के उपस्थित थे।
इस प्रकार, यह आयोजन केवल एक समारोह नहीं, बल्कि एक स्वदेशी सोच जाग्रति आंदोलन की शुरुआत है — जो भविष्य में मध्य प्रदेश को स्वावलंबन और स्थानीय शक्ति की तरफ ले जाएगा।
