मोबाइल चला रहे मास्टर साहब, बच्चों के सवाल पूछने पर हुए डिस्टर्ब तो कर दी बच्चों की पिटाई, बरही के मचमचा शासकीय स्कूल की घटना
मोबाइल चला रहे मास्टर साहब, बच्चों के सवाल पूछने पर हुए डिस्टर्ब तो कर दी बच्चों की पिटाई,
बरही के मचमचा शासकीय स्कूल की घटना
कटनी। दो बच्चों ने अपने मास्टर साहब एक सवाल पूछ लिया तो मोबाइल चला रहे मास्टर साहब को इतना क्रोध आ गया कि उन्होंने दोनों बच्चों की बेरहमी से पिटाई कर दी। मारपीट के कारण एक बच्चे का हाथ टूट गया जबकि दूसरे के सिर में चोट आई है। घटना के बाद गांव में आक्रोश व्याप्त है। जहां एक ओर पूरा गांव मास्टर साहब को इस घटना के लिए दोषी ठहरा रहा है, वहीं दूसरी तरफ मास्टर साहब खुद को बेकसूर बताते फिर रहे हैं। विभाग के उच्च अधिकारियों को जब इस घटना की जानकारी लगी तो उन्होंने कार्यवाही के नाम पर खानापूर्ति करते हुए दोषी शिक्षक को उस स्कूल से हटाकर बिरुहली स्कूल में स्थानांतरित कर दिया है।
यह था मामला
प्राप्त जानकारी अनुसार ग्राम बरही तहसील अंतर्गत ग्राम मचमचा की शासकीय माध्यमिक शाला में कुआं निवासी 30 वर्षीय सुखन प्रसाद चौधरी शिक्षक के तौर पर पदस्थ हैं। बताया जाता है की तीसरी कक्षा के छात्र अभिषेक पिता राजाराम यादव ने शिक्षक सुखन प्रसाद चौधरी से एक सवाल का उत्तर पूछ लिया। जब बच्चे ने मास्टर साहब से सवाल का उत्तर पूछा उस समय मास्टर साहब कुर्सी में बैठकर बड़े इत्मीनान से मोबाइल चला रहे थे। बच्चों के सवाल पूछने से जब वे डिस्टर्ब हुए तो तैश में आकर कुर्सी से उठे और बच्चों पर डंडा लेकर टूट पड़े। मास्टर साहब का रौद्र रूप देखकर कक्षा में भगदड़ मच गई। उनके डंडे से दो छात्र जख्मी हो गए।
करवा दूंगा इलाज
मासूम बच्चों के साथ मारपीट करने वाले शिक्षक से जब गांव वालों ने विरोध जताते हुए बात की तो मास्टर साहब ने दो टूक शब्दों में कहा कि मैं इलाज करवा दूंगा कोई बात नहीं। मास्टर ने बच्चों के परिजनों को इलाज कराने का आश्वाशन देकर अपनी जिम्मेदारी पूरी कर ली। वहीं दूसरी तरफ संकुल प्राचार्य श्री उर्मलिया ने 1000 रूपये नगद घायल बच्चे को देकर यह आश्वासन दे दिया कि जो लगेगा मैं दूंगा। शिक्षा विभाग में मास्टरों की ऐसी करतूत पूरे विभाग और शिक्षकों की छवि को धूमिल करती है।
स्थानांतरित करके जिम्मेदारी पूरी की
मारपीट का दोषी शिक्षक अपनी सफाई में यह कहता फिर रहा है कि मैं बच्चों को नहीं मारा। जब मैं उसे करने के लिए गया तो वह दौड़कर भागा और गिर गया। जिससे उसे चोट आ गई। स्थानीय लोगों के आक्रोश को शांत करने के लिए संकुल प्राचार्य ने दोषी शिक्षक को वहां से हटाकर बिरुहली स्कूल में स्थानांतरित कर दिया है।