उपक्षेत्रीय प्रबंधकों की शह पर तकनीकि निरीक्षक कर रहे खेला
राजेन्द्रा-खैरहा में सिन्हा तो, दामिनी-बंगवार उपक्षेत्र में श्रीनिवास ने सम्हाली कमान
रोड सेल में अनाधिकृत मजदूरों से कराया जा रहा काम
प्रबंधन के संरक्षण में चल रहा अवैध कारोबार
इन्ट्रो-साउथ ईस्टर्न कोल फिल्डस् लिमिटेड के सोहागपुर एरिया के भूमिगत खदानों में भी संचालित रोड सेल में अनाधिकृत व्यक्तियों का प्रवेश और आरओएम के नाम पर स्टीम भेजने का खेल चल रहा है, कांटा घर से लेकर कोयले की अवैध निकासी और पूरे हिसाब का जिम्मा तकनीकि निरीक्षकों के माध्यम से उपक्षेत्रीय प्रबंधक के मार्गदर्शन में संपन्न हो रहा है।
शहडोल। एसईसीएल के सोहागपुर एरिया अंतर्गत दो उपक्षेत्रों की चर्चा इन दिनों चरम पर है, दोनों ही उपक्षेत्रों के अंतर्गत दो-दो भूमिगत खदानें हैं, चारों खदानों में रोड सेल का खुला-खेल अब किसी से छुपा नहीं है, सोहागपुर एरिया की शारदा या धनपुरी ओसीएम की तुलना में यहां तकनीकि निरीक्षकों के साथ उपक्षेत्रीय प्रबंधक भी सीधे दखल रख रहे हैं, राजेन्द्रा-खैरहा उपक्षेत्र में उपक्षेत्रीय प्रबंधक श्री सिन्हा और दामिनी-बंगवार उपक्षेत्र में व्ही. श्री निवास तकनीकि निरीक्षकों के माध्यम से कोल प्रबंधन के राजस्व पर कैंची चला रहे हैं और बदले में कोल ट्रांसपोर्टरों और खुद की जेबे गर्म कर रहे हैं। दोनों ही उपक्षेत्रों की भूमिगत खदानों से कहीं का कोयला कहीं जा रहा है और रोड सेल में कमीशन माफिया एवं दलालों का बोलबाला है, सोहागपुर क्षेत्र की लाइफ लाइन कही जाने वाली खदान हैं। रोड सेल में उच्च चरम पर भ्रष्टाचार चल रहा है, हैंड लोडिंग एवं टैरेक्स लोडिंग के माध्यम से कराया जा रहा है, इसका भगवान ही मालिक है। कालरी के अधिकारी अपनी रियासत मानकर मनमर्जी के मुताबिक लूट मचाए हुए हैं, वैसे तो एसईसीएल का श्रम संगठन भ्रष्टाचार मिटाने की ढेरों सारी बातें करते हैं, लेकिन रोड सेल में खुलेआम हो रहे एसईसीएल का नुकसान पर किसी की नजर क्यों नहीं जा रही है।
मजदूरों से छटवाते हैं कोयला
ऐसा नहीं कि इसकी शिकायत समय पर प्रबंधन सहित प्रशासन के पास ना होती हो, लेकिन प्रबंधन व प्रशासन सभी ने चुप्पी साथ रखी है, जिसका नतीजा है कि रोड सेल के नाम पर गुंडा टैक्स की वसूली व कोयले का खेल जारी है। बताया है कि रोड सेल में पदस्थ जिम्मेदारों द्वारा कंपनी के सभी नियमों को ताक में रखकर व्यापारियों से साथ मिली भगत कर मोटी रकम लेकर मजदूरों से कोयला छटवाते हुए उच्च ग्रेड का कोयला भेजने का काम कर रहे हैं, जिसका सीधा नुकसान कॉलरी प्रबंधन को हो रहा है, वहीं यहां पर सदस्य, कर्मचारी, अधिकारी मालामाल हो रहे हैं। बताया गया कि यह खेल काफी दिनों से जारी है, जिस पर अंकुश नहीं लग पा रहा है।
हिसाब से गुण्डा टैक्स
सोहागपुर एरिया अंतर्गत दो उपक्षेत्रों के नियम के मुताबिक रोड सेल से कोयला क्रय करने वालों को कोयले की कीमत और ट्रक में लोड करने तक का जो भी शुल्क होता है, उसे चुकता करने के बाद डिलीवरी ऑर्डर (डीओ) दिया जाता है, इसमें स्पष्ट रूप से लिखा होता है, डीओ लिफ्टिंग ऑफ कोल, नो पेमेंट रिक्वायर्ड इसके बाद भी प्रति ट्रक से अवैध वसूली की जाती है, इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि यहां कितना बड़ा अवैध कोयले का कारोबार चल रहा है। रोड सेल में जमकर भ्रष्टाचार मचा हुआ है, यहां पर कोयले के खेल में छोटे से लेकर बड़े कर्मचारियों-अधिकारियों की मिलीभगत है। जिससे कॉलरी को चूना लगाकर यहां के कर्मचारी व अधिकारी अपना जेब भरने में मस्त है तो, वाहन मालिकों से जबरन प्रति वाहन के हिसाब से गुंडा टैक्स की वसूली भी की जाती है।
चल रहा अवैध उगाही का खेल
राजेन्द्रा-खैरहा एवं दामिनी-बंगवार उपक्षेत्र के रोड सेल से कोयला परिवहन करने वाले गाडिय़ों से अवैध वसूली की जा रही है। विभागीय कर्मचारियों-अधिकारियों द्वारा साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड की खदानों में हर ट्रक से ढाई से तीन हजार रुपए की अवैध वसूली का आरोप लगाया हैं। राजेन्द्रा-खैरहा, दामिनी-बंगवार खदान परियोजना से रोड सेल के माध्यम से कंपनी प्राइवेट लोगों को कोयला बेचती है, लेकिन इन स्थानों पर बेचे जाने वाले कोयले की कीमत और समस्त खानापूर्ति के बाद भी ट्रक चालकों से अवैध वसूली की जाती है। एसईसीएल कर्मचारियों द्वारा खेल-खेला जा रहा है, ट्रक मालिकों से प्रतिदिन हजार रुपए की अवैध उगाही की जाती हैं। कॉलरी सब एरिया मैनेजर के सामने अवैध उगाही करने वाले गिरोह दिन दुगनी रात चौगुनी के तर्ज पर मालामाल हो रहे हैं।
किसकी होगी जवाबदेही
वैसे तो कालरी सुरक्षा की दृष्टि से देखा जाता है और यहां पर अनाधिकृत व्यक्ति का प्रवेश भी वर्जित होता है, अगर कोई व्यक्ति यहां पर जाता है तो, सुरक्षा के सारे मापदंड उसे पालन करते हुए परिसर में प्रवेश करने होंगे, लेकिन यहां पर तो स्थानीय मजदूरों को किसी प्रकार से सुरक्षा मुहैया नहीं कराया जाता और उनसे कोयले की छटनी कराई ई जाती है। खबर है कि मजदूरों को ठेके पर रखा गया है और सुरक्षा की दृष्टि में किसी प्रकार से उपकरण उपलब्ध नहीं कराए गए हैं, अगर मजदूरों के साथ किसी प्रकार से कोई घटना घटित होती है तो, इसकी जवाब देही किसकी होगी अभी तक तय नहीं हो सका है।
कोयले में मिट्टी और पत्थर का मिश्रण
राजेन्द्रा-खैरहा एवं दामिनी-बंगवार खदान में जो कोयले का भंडारण कराया गया है, उस कोयले में अधिकतर मिट्टी एवं पत्थर का मिश्रण है, यहां पर पत्थर को हटाने के लिए मजदूर रखे गए हैं और कोयला निकालकर उसे वाहनों पर लोड किये जा रहे हैं, हालाकि कॉलरी प्रबंधन के कर्मचारी एवं अधिकारी कोयले में ही मिट्टी और पत्थर का मिश्रण कर दे रहे हैं। जिससे कॉलरी प्रबंधन को मुनाफा हो और जो कोयले खरीद रहे उसे नुकसान, हालांकि देखना होगा की राजेन्द्रा-खैरहा एवं दामिनी-बंगवार खदान में मचे भ्रष्टाचार पर कब तक रोक लग पाती है। रोड सेल में हो रही भर्रेशाही की जानकारी प्रबंधन को भी है, लेकिन कार्यवाही नहीं हो पा रही है।