युवा राष्ट्र निर्माण के सूत्रधार- कुलपति
विश्वविद्यालय में समाजशास्त्र परिषद का हुआ गठन एवं सरस्वती पूजन का हुआ आयोजन
शहडोल। कुलपति प्रोफेसर डॉ. रामशंकर ने कहा कि युवा राष्ट्र निर्माण के सूत्रधार है। पंडित शंभू नाथ विश्वविद्यालय शहडोल के छात्रों का यह दायित्व है कि वह ऐसी पीढ़ी का निर्माण करे, जो राष्ट्र के प्रति सजग रहे, वंचितों के लिये कार्य करके देश एवं समाज में परिवर्तन लाये। उन्होंने कहा कि विकसित भारत के निर्माण के लिये यह आवश्यक है कि नई शिक्षा नीति ऐसी हो, जिसमें युवाओं का स्किल डेवलपमेंट हो। उन्हें रोजगार के विभिन्न अवसर प्राप्त हो। विद्यार्थी अपनी पसन्द के क्षेत्र में ज्ञान अर्जित कर सकें। कुलपति प्रोफेसर डॉ. रमाशंकर आज समाजशास्त्र विभाग के समाजशास्त्र परिषद गठन तथा बसंत पंचमी के अवसर पर आयोजित सरस्वती पूजन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
कुलपति प्रोफेसर डॉ. रमाशंकर कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में कला, विज्ञान, प्रौद्योगिकी, डिजिटल टेक्नालॉजी, संस्कृति आदि को शामिल किया गया है, जो युवाओं के लिये अनन्त संभावनाओं के द्वार खोलता है। उन्होंने कहा कि शिक्षण संस्थाएं हमेशा नये विचारों, नई प्रेरणाओं, नये प्रयोगों को शामिल करें। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय से संभाग के सभी महाविद्यालयों की संबद्धता संबंधी विधेयक विधानसभा में पास हो गया है। राजपत्र में प्रकाशन के बाद इसकी आगे की प्रक्रिया प्रारंभ हो जाएगी। इसका संभाग के लगभग 32 महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं को लाभ मिलेगा। उन्हे अब रीवा के चक्कर नहीं लगाने होंगे।
युवा समाज और देश के सर्वांगीण विकास में योगदान दें-कुलसचिव
कुलसचिव प्रो. आशीष तिवारी ने कहा कि युवा समाज और देश के सर्वांगीण विकास में योगदान दें। देश में नई शिक्षा प्रणाली प्रारंभ की गई है। इस प्रणाली का उद्देश्य कॉलेज व स्कूलों में युवाओं को सस्ती एवं गुणवत्तायुक्त शिक्षा दिलाना है। इसका विस्तार कॉलेज, स्कूलों में बेहतर ढंग से किया जाएगा। उन्होने कहा कि आप कितनी भी ऊंचाई पर पहुंच जाना पर लोगों के जीवन बदलने का कार्य करना, जीवन को एक बेहतर उद्देश्य देकर लोगों के हित के बारे में सोचना यह छात्र का दायित्व है। उन्होंने सभी को बसंत पंचमी की शुभकामनाएं भी दिया।
छात्र अपने उत्तरदायित्वों का निर्वहन निष्ठा पूर्वक करें-विभागाध्यक्ष समाजशास्त्र
विभागाध्यक्ष समाजशास्त्र प्रोफेसर डॉ. तारामणि श्रीवास्तव ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि आज वसंत पंचमी के इस पावन दिन मां सरस्वती के आराधना व उपासना का दिन है। विश्वविद्यालय के सभी छात्र आज के दिन सभी नकारात्मक चीजों को छोड़कर सकारात्मक चीजों की ओर अग्रसर हो। मां सरस्वती विद्या की देवी है, सभी छात्र बेहतर अध्ययन, अध्यापन कर अपने भविष्य का मार्ग प्रशस्त करें। उन्होंने कहा कि आज समाजशास्त्र परिषद का गठन हुआ है। परिसर के अध्यक्ष उपाध्यक्ष एवं सभी सदस्य मिलकर एक सकारात्मक वातावरण का निर्माण करें तथा छात्र-छात्राओं के अंदर छुपी प्रतिभा को निखारने का प्रयास करें जिससे छात्र-छात्राओं का प्रतिभा निखार सके और वह अपना बेहतर भविष्य का मार्ग गढ़ सके।
कार्यक्रम में समाजशास्त्र परिषद का गठन किया गया। जिसमें अध्यक्ष आकाश कुशवाहा, उपाध्यक्ष रेनू विश्वकर्मा, सह सचिव दिव्या सिंह, एवं कोषाध्यक्ष राहुल सिंह सहित अन्य सदस्यों का चयन कर उनका सम्मान एवं स्वागत किया गया तथा उन्हें अपने दायित्वों के निर्वहन हेतु शपथ भी दिलवाई गई। कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती के छायाचित्र के समक्ष दीप प्रज्वलन माल्यार्पण तथा मंत्रोच्चारण के साथ सरस्वती वंदन कर किया गया।
इस दौरान समाजशास्त्र की छात्रा प्रियंका कोरी, शिफा खान, दिव्या सोनी एवं स्वाती यादव के द्वारा संगीत एवं स्वागत गीत की प्रस्तुति दी गई। कार्यक्रम में छात्रों को सामाजिक दायित्व के संबंध में भी जानकारी दिया गया। कार्यक्रम का संचालन प्रो. जितेंद्र सेन के द्वारा किया गया। कार्यक्रम में नई शिक्षा नीति के महत्व के संबंध में भी जानकारी दी गई।कार्यक्रम में विभागाध्यक्ष खेल विभाग प्रोफेसर डॉ. नीलिमा खरे, प्रोफेसर डॉ. सिद्धार्थ मिश्रा, प्रोफेसर डॉ. राकेश मिश्रा, प्रोफेसर डॉ. जितेंद्र सेन सहित विश्वविद्यालय के प्रमुख प्रोफेसर एवं बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।