स्कूल की शुरुआत होने के 17 दिन बाद हुआ पुस्तक मेला !

शहडोल। सरकार की नीति रीति, आदेश, निर्देश को जमीनी स्तर पर लागू करवाना जिला प्रशासन की जिम्मेदारी होती है। सरकार की हर नीति रीति आदेश निर्देश लोगों के हित और कल्याण को ध्यान में रखकर सरकार द्वारा बनाए जाते हैं। यदि सरकार के तमाम निर्देश नियमों को सही समय पर जमीनी स्तर पर लागू नहीं किया जाए तो उस से हितग्राहियों को नुकसान उठाना पड़ता है ऐसा ही एक मामला शहडोल जिले के शिक्षा विभाग की तरफ से निकलकर सामने आया है जहां शिक्षा विभाग द्वारा शहडोल जिले के सभी प्राइवेट स्कूलों की पुस्तक कॉपी बैग यूनिफॉर्म एवं अन्य सामग्रियों को उचित मूल्य पर भारी डिस्काउंट के साथ अभिभावक द्वारा अपनी मनचाही दुकान और मूल्य पर उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से एक जिला स्तरीय पुस्तक मेले का तीन दिवसीय आयोजन स्थानीय पॉलिटेक्निक ग्राउंड शहडोल संभाग मुख्यालय में 18, 19 और 20 अप्रैल को किया जा रहा है।
जानिए पुस्तक मेला का उद्देश्य
सरकार ने प्राइवेट स्कूल और उससे संबंधित दुकान के बीच परेशान अभिभावकों को उचित मूल्य और अपनी इच्छा अनुसार पुस्तक यूनिफॉर्म बैग एवं अन्य उपयोगी वस्तुओं को एक पुस्तक मेले के माध्यम से उचित दर के साथ क्रय करने का काम किया जा रहा है।। पॉलिटेक्निक ग्राउंड में स्टॉल लगाकर शहडोल शहर की 11 दुकानदारों को इस मेले में अपनी सहभागिता देते हुए नर्सरी से लेकर कक्षा 12वीं तक की एनसीईआरटी और एमपी बोर्ड की पुस्तक यूनिफॉर्म बैग स्टेशनरी एवं अन्य उपयोगी सामग्री के साथ दुकान लगाने के लिए निर्देशित किया गया था। जहां पर सभी अभिभावक उचित मूल्य पर अपनी मनचाही दुकान और रेट पर अपने बच्चों के लिए ज़रूरी सामग्री क्रय कर सके। गौरतलब है सरकार की इस इच्छा से जहां अभिभावकों को लाभ होना चाहिए वहां यह सुविधा अभिभावकों के लिए अनुपयोगी सिद्ध हो रही है। आपको बता दे मध्य प्रदेश के प्राइवेट स्कूलों में शैक्षणिक सत्र 1 अप्रैल 2025 से प्रारंभ हो चुका है और सभी स्कूल में बच्चे पहले दिन से ही अपनी पुस्तक ड्रेस और आवश्यक वस्तुओं के साथ ही स्कूल जाते हैं वही इस मेले का आयोजन शैक्षणिक सत्र के प्रारंभ होने के 17 दिन बाद लगाया जा रहा है जिसके कारण यहां आने वाले अभिभावकों की संख्या बेहद कम है और जो अभिभावक आ भी रहे हैं उन्हें उनकी पुस्तक सामग्री नहीं मिल पा रही। दुकानदार उन्हें दुकान में आकर पुस्तक लेने की बात कह कर लौटा दे रहे हैं। जहां पर शिक्षा विभाग के अधिकारियों का दावा नर्सरी से 12वीं तक की एनसीईआरटी एवं मध्य प्रदेश बोर्ड की सभी पुस्तकों यूनिफॉर्म स्टेशनरी बैग का उपलब्ध होने का किया गया था। वहा सिलेबस की पुस्तकों से ज्यादा अन्य विषयों की पुस्तक और सामग्री देखने को मिल रही हैं।
विभाग ने लगाया इंस्टॉल बुलाया दुकानदारों को
शिक्षा विभाग द्वारा पॉलिटेक्निक ग्राउंड में सरकारी खर्वे से टेंट लाइट पानी एवं अन्य व्यवस्थाओं को लगवा कर 11 चिन्हित दुकानदारों को पुस्तक मेले में सहभागिता देने के लिए निर्देशित किया गया था। दुकानदारों ने स्टॉल लगाया लेकिन उस स्टॉल में अधिकारियों के दावे के अनुसार ना ही पुस्तक और ना ही अन्य सामग्री उपलब्ध मिली जिसको लेकर अभिभावकों में भारी आक्रोश देखा जा रहा है वहीं दुकानदारों द्वारा अभिभावकों को अपनी दुकान पर बुलवाकर सामग्री उपलब्ध कराने की बात कही जा रही है। वहीं कुछ अभिभावकों का कहना है की शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने सेटिंग करके जानबूझकर इस मेले का आयोजन लेट करवाया ताकि उनकी सेटिंग पहले की तरह चल सके, वहीं सत्र प्रारंभ होने के 17 दिन बाद औपचारिकता के लिए मेला लगाकर सरकारी निर्देश के पालन का कागजी कार्यवाही पूरी की जा सके। लेकिन इस पूरे खेल में अभिभावकों को होने वाला लाभ नहीं मिल सका।