कलेक्टर ने किया राजस्व अभिलेखों के डिजिटाइजेशन कार्य का औचक निरीक्षण शत-प्रतिशत आधुनिक अभिलेखागार की दिशा में तेजी से बढ़ रहा जिले का कदम
कलेक्टर ने किया राजस्व अभिलेखों के डिजिटाइजेशन कार्य का औचक निरीक्षण
शत-प्रतिशत आधुनिक अभिलेखागार की दिशा में तेजी से बढ़ रहा जिले का कदम
कटनी। कलेक्ट्रेट स्थित राजस्व अभिलेखागार को पूरी तरह आधुनिक एवं डिजिटल स्वरूप देने के लक्ष्य को लेकर किए जा रहे कार्यों की प्रगति का कलेक्टर श्री आशीष तिवारी ने गुरुवार को औचक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने भू-अभिलेख शाखा में पुराने दस्तावेजों की स्कैनिंग प्रक्रिया का जायजा लेते हुए कार्य में और तेजी लाने के निर्देश दिए। निरीक्षण के समय डिप्टी कलेक्टर सुश्री विंकी सिंहमारे उइके भी मौजूद रहीं।
कलेक्टर श्री तिवारी को जानकारी दी गई कि अब तक खसरा–पंचशाला, नामांतरण पंजी, मिसिल निस्तार पत्रक, री-नंबरिंग सूची सहित करीब 7 लाख पृष्ठों का डिजिटाइजेशन किया जा चुका है। स्कैनिंग कार्य में वेंडर कंपनी के 30 कर्मचारी, प्रत्येक तहसील से प्रतिदिन पाँच पटवारी, एक सहायक नोडल कर्मचारी तथा भू-अभिलेख शाखा के 15 अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त रूप से कार्यरत हैं।
भू-अभिलेखों की स्कैनिंग का कार्य कक्ष क्रमांक 93 में संचालित किया जा रहा है, जहां अभिलेखागार से दस्तावेज लाकर स्कैनिंग के बाद पुनः सुव्यवस्थित रूप से जमा किए जा रहे हैं। बताया गया कि जिले की नौ तहसीलों में से ढीमरखेड़ा और विजयराघवगढ़ में स्कैनिंग कार्य अंतिम चरण में पहुँच चुका है, जबकि शेष तहसीलों में कार्य प्रगति पर है।
आधुनिक डिजिटल अभिलेखागार तैयार होने के बाद राजस्व रिकॉर्ड न केवल दीर्घकाल तक सुरक्षित रहेंगे, बल्कि आम नागरिकों को आवश्यक दस्तावेज प्राप्त करने में भी सरलता एवं पारदर्शिता बढ़ेगी। वर्षों से कपड़े के बस्तों में बंधी पुरानी फाइलों को सुरक्षित संरक्षित करने तथा सुशासन की दिशा में यह प्रयास महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
कलेक्टर की इस पहल से राजस्व संबंधी जानकारी अब तेज़, सुलभ और पारदर्शी रूप में उपलब्ध होने की दिशा में जिले ने एक और बड़ा कदम आगे बढ़ाया है।