लगातार घटती घटनाएँ इस बात का संकेत हैं कि व्यवस्था का ताला कहीं न कहीं अंदर से टूटा हुआ है 24 घंटे आवाजाही वाली सड़क पर चोरों का आतंक पुलिसिया डर हुआ खत्म? जिला अस्पताल कॉलोनी में नर्स के मकान से दिनदहाड़े पाँच लाख की चोरी
लगातार घटती घटनाएँ इस बात का संकेत हैं कि व्यवस्था का ताला कहीं न कहीं अंदर से टूटा हुआ है
24 घंटे आवाजाही वाली सड़क पर चोरों का आतंक पुलिसिया डर हुआ खत्म? जिला अस्पताल कॉलोनी में
नर्स के मकान से दिनदहाड़े पाँच लाख की चोरी
कटनी।। शहर में अपराधियों के हौसले अब सिर्फ वारदातें नहीं, बल्कि कानून-व्यवस्था की नब्ज पर चोट जैसे लग रहे हैं। एटीएम चोरी की सनसनी अभी थमी नहीं थी कि दिनदहाड़े जिला अस्पताल परिसर में दूसरी बड़ी चोरी ने सुरक्षा इंतज़ामों की हकीकत सामने रख दी। एटीएम चोरी की सनसनी अभी थमी नहीं थी कि चोरों ने दिनदहाड़े जिला अस्पताल परिसर में दूसरी बड़ी वारदात को अंजाम दे दिया। 24 घंटे आवाजाही वाली मुख्य सड़क पर बनी कर्मचारियों की आवासीय कॉलोनी से चोरों ने करीब पाँच लाख के सोने-चांदी के जेवर और नगदी पार कर पुलिस व्यवस्था को खुली चुनौती दे दी।
जानकारी के अनुसार स्टाफ नर्स कल्पना सेन सुबह 9 बजे ड्यूटी के लिए अस्पताल गई थीं। दोपहर जब वे घर लौटीं तो अलमारी टूटी पड़ी थी और उसमें रखे 10 हजार नगद के साथ सोने के नाक-कान के जोड़े, मंगलसूत्र और चांदी का कमरबंद गायब था। पूरी वारदात अस्पताल परिसर की व्यस्त सड़क से चंद कदम की दूरी पर अंजाम दी गई, जहाँ दिनभर लोगों की आवाजाही रहती है। घटना की जानकारी मिलते ही कोतवाली थाना प्रभारी राखी पांडे दल-बल के साथ मौके पर पहुँचीं और कॉलोनी में लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज खंगालना शुरू किया। पुलिस ने आसपास की गतिविधियों को खंगालते हुए संदिग्धों की तलाश तेज कर दी है। सवाल उठता है कि अगर चोर दिन की रोशनी में, भीड़ के बीच अस्पताल कर्मचारियों के घरों में सेंधमारी कर सकते हैं, तो शहर के शांत मोहल्लों का क्या हाल होगा? चोरों के इन बेखौफ कदमों ने कहीं न कहीं यह अहसास भी कराया है कि पुलिसिया भय अब उनके लिए अतीत की चीज बनता जा रहा है। लगातार वारदातों से कर्मचारियों में दहशत का माहौल है। रहवासियों ने अस्पताल परिसर में सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने और गश्त बढ़ाने की माँग की है। पुलिस का कहना है कि फुटेज और सुरागों के आधार पर आरोपी जल्द ही गिरफ्त में होंगे। लगातार घटती घटनाएँ इस बात का संकेत हैं कि व्यवस्था का ताला कहीं न कहीं अंदर से टूटा हुआ है। चोरी हुई है, पर उससे भी बड़ा नुकसान है लोगों का सुरक्षा पर से उठता विश्वास।