रामपुर कटना नदी की क्षतिग्रस्त पुलिया बनी खतरा, ग्रामीणों में आक्रोश,सामाजिक कार्यकर्ता अखिलेश त्रिपाठी ने उठाई आवाज, चक्का जाम की चेतावनी

यह पुलिया शहडोल-अनूपपुर मुख्य मार्ग पर स्थित है, जहां से प्रतिदिन सैकड़ों भारी वाहन गुजरते हैं। खासकर मानसून के दौरान सड़क की सतह पर पानी भरने से गड्ढे और अधिक खतरनाक हो गए हैं। राहगीरों, विशेष रूप से दोपहिया वाहन चालकों के लिए यह मार्ग किसी चुनौती से कम नहीं है। ग्रामीणों का कहना है कि कई बार बाइक सवार गड्ढों में फंसकर गिर चुके हैं।
सबसे गंभीर बात यह है कि अब तक न तो प्रशासन ने इस पुलिया की मरम्मत करवाई है और न ही कोई चेतावनी बोर्ड या बैरिकेड लगाए गए हैं। ऐसे में दुर्घटना की आशंका हर गुजरते वाहन के साथ बढ़ती जा रही है। स्थानीय नागरिकों और राहगीरों का आरोप है कि पुलिया की हालत को लेकर बार-बार शिकायतें की गईं, लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों ने कोई संज्ञान नहीं लिया।
सामाजिक कार्यकर्ता अखिलेश त्रिपाठी ने इस विषय को लेकर प्रशासन को चेताया है। उन्होंने कहा, “यदि जल्द से जल्द पुलिया की मरम्मत नहीं करवाई गई, तो क्षेत्रीय जनता चक्का जाम करने को बाध्य होगी और भारी वाहनों की आवाजाही को पूरी तरह बंद कर दिया जाएगा।” उन्होंने यह भी मांग की है कि जब तक स्थायी मरम्मत नहीं होती, तब तक अस्थाई सुरक्षा इंतजाम किए जाएं, जैसे बैरिकेडिंग और चेतावनी संकेतक।
इस पुलिया के जरिये अनूपपुर और जैतपुर सहित कई गांवों का सीधा संपर्क शहडोल से बना रहता है। यही मार्ग स्थानीय प्रशासन, अधिकारी और जनप्रतिनिधियों का भी रोजमर्रा का रास्ता है, फिर भी किसी ने इसकी खतरनाक स्थिति को गंभीरता से नहीं लिया है। यह प्रशासन की निष्क्रियता और संवेदनहीनता का स्पष्ट उदाहरण है।
ग्रामीणों का कहना है कि अगर कोई बड़ा हादसा होता है तो उसकी पूरी जिम्मेदारी प्रशासन और संबंधित विभागों की होगी। उन्होंने प्रशासन से अपील की है कि तत्काल स्थल निरीक्षण कर मरम्मत का कार्य शुरू करवाया जाए।