ठसक दिखाने के लिए युवती बनी फर्जी IAS , बड़वाराकला की रहने वाली युवती को पुलिस ने फर्जी आईएएस बनने के आरोप में किया गिरफ्तार

0

ठसक दिखाने के लिए युवती बनी फर्जी IAS , बड़वाराकला की रहने वाली युवती को पुलिस ने फर्जी आईएएस बनने के आरोप में किया गिरफ्तार

कटनी ॥ रांची के पॉश इलाके में मकान, दीवार पर लगा IAS का बोर्ड, बॉडीगार्ड, सरकारी वर्दी में ड्राइवर,असिस्टेंट कमिश्नर के बोर्ड के साथ गाड़ी, खाना बनाने के लिए रसोइया, सारे रुआब IAS वाले, लेकिन सब फर्जी…. ऐसी ठसक के साथ रह रही एक फर्जी युवती को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पकड़ी गई 24 वर्षीय फर्जी IAS का नाम मोनिका है। खुद को 2020 बैच की IAS अधिकारी बता उसने अशोक नगर में किराए का मकान लिया था। 20 से 25 दिन पहले मोनिका रांची शिफ्ट हुई थी अशोकनगर रोड नंबर 1 के मकान संख्या C/06 में उसने मकान किराए पर लिया। मकान मालिक व पड़ोसियों को उसने बताया था कि असिस्टेंट कलेक्टर के रूप में वह जमशेदपुर में पदस्थ है। लेकिन, लगातार वह यहीं रह रही थी,  मकान मालिक को उसकी गतिविधियां संदिग्ध लगीं। पूछने पर बताया था कि उसकी छुट्टी चल रही, इसलिए वह जमशेदपुर नहीं जा रही थी। शक होने पर इसकी सूचना पुलिस को दी गई। इसके बाद स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची और मोनिका को हिरासत में ले लिया गया। पूछताछ करने पर भंडाफोड़ हो गया। पुलिस ने मोनिका के खिलाफ FIR दर्ज की है। मोनिका के पिता शेषमणि हेडमास्टर हैैं जबकि मां सरकारी विभाग में क्लर्क हैं। मोनिका कटनी जिले के बड़वाराकला की रहने वाली है।

संदेह पर दी गई पुलिस कों सूचना

मकान मालिक डॉ डीके राय को संदेह हुआ तो उन्होंने अरगोड़ा पुलिस को इसकी जानकारी दी। पुलिस ने जब मामले की तफ्तीश की तो पता चला कि महिला फर्जी है। इसके बाद महिला को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने जब महिला से थाने में पूछताछ की तो मामले का भंडाफोड़ हुआ। डीके राय ने अरगोड़ा पुलिस को यह सूचना दी कि उनके मकान में भारतीय प्रशासनिक सेवा 2020 बैच की अधिकारी बनकर युवती ने उनका मकान किराए पर लिया है। लेकिन वह अधिकारी नहीं लग रही है। उसका आचरण संदिग्ध है। जानकारी मिलने पर अरगोड़ा थाना प्रभारी ने अपने वरिष्ट अधिकारियों को पूरे मामले की जानकारी दी। फिर मामले की जांच शुरू कर दी। दो दिन पुलिस की रेकी करने पर यह साबित हो गया कि मोनिका आईएएस नहीं है, बल्कि आईएएस अफसर बनने का ढोंग कर रही है। इसके बाद पुलिस की टीम महिला पुलिसकर्मियों के संग मोनिका के घर पहुंच गई। पुलिस को देखकर मोनिका सकपका गई। जब पुलिसकर्मियों ने उससे पूछा कि आपकी पोस्टिंग कहां है तो उसने बताया कि वह 2020 बैच की आईएएस अधिकारी है और वर्तमान में असिस्टेंट कलक्टर के रूप में जमशेदपुर में पदस्थापित है। पुलिस ने उससे आइडी कार्ड और अन्य प्रमाण पत्र मांगे, लेकिन उसने कुछ नहीं दिखाया। पुलिस की दबिश की वजह से मोनिका टूट गई और उसने फर्जी होने का राज खोला।

फर्जी लेटर पैड व आइकार्ड बरामद 

पुलिस के अनुसार आरोपी मोनिका ने किराए के मकान के गेट पर भी आईएएस का बोर्ड लगा रखा था। उसने अपने साथ रिटायर्ड आर्मी जवान शशि उरांव को बॉर्डीगार्ड के रूप में रखा था, जबकि कोकर आदर्श नगर निवासी राकेश कुमार को चालक के रूप में। नगड़ी निवासी राधा देवी को रसोइया के रूप में अपने घर में रख रही थी। मोनिका के पास से झारखंड सरकार का फर्जी लोगो, डिप्टी कलेक्टर का फर्जी लेटर पैड बरामद किया गया है। इसके अलावा उसने आईएएस अधिकारी का फर्जी आईकार्ड भी बनवा रखा था, जिसे पुलिस ने बरामद कर नष्ट कर दिया !

ठसक दिखाने के लिए बनी फर्जी आईएएस 

गिरफ्तार मोनिका ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि वह दिल्ली के एक कोचिंग सेंटर में आईएएस की तैयारी करा रही थी। वह अपने रिश्तेदारों को ठसक दिखाने के लिए आईएएस अफसर बनकर घूमती थी, ताकि रिश्तेदारों को यह लगे कि वह एक अधिकारी है। हालांकि पुलिस उसके फर्जी आईएएस बनकर घूमने की मंशा का पता लगा रही है। मोनिका ने जिस बॉडीगार्ड और ड्राइवर को अपने साथ रखा था, उन्हें भी यह पता नहीं था कि वह फर्जी आईएएस अधिकारी है। दोनों ने पुलिस के सामने यह बयान दिया है कि उन्हें एक आईएएस अधिकारी के तौर पर फोन किया गया था, जिसके बाद दोनों ने नौकरी ज्वाइन किया था। फिलहाल बॉडीगार्ड और ड्राइवर दोनों पुलिस के गवाह बन गए हैं।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed