शिल्पकारों की कल्पनाओं ने लिया आकार, चेहरे पर आई खुशी, प्रदर्शनी के लिए तैयार हुई शिल्पकलाएं, फाइनल टच देने में देर रात तक जुटे शिल्पकार , दो दिन शिल्पकलाओं को निहार सकेंगे लोग
शिल्पकारों की कल्पनाओं ने लिया आकार, चेहरे पर आई खुशी, प्रदर्शनी के लिए तैयार हुई शिल्पकलाएं, फाइनल टच देने में देर रात तक जुटे शिल्पकार ,
दो दिन शिल्पकलाओं को निहार सकेंगे लोग
कटनी॥ जिस तरह से किसान खेतों में बीज बोता है और जब उसकी फसल लहलहाने लगती है तो उसके चेहरे की खुशी देखते बनती है, ठीक उसी तरह का माहौल इन दिनों जागृति पार्क में देखने को मिल रहा है। कटनी के स्टोन को देश विदेश में पहचान दिलाने आयोजित कटनी स्टोन आर्ट फेस्टिवल में देशभर से आए शिल्पकार कटनी के स्टोन पर अपनी शिल्प को आकार देने में जुटे हैं। उनकी कलाकृतियां तैयार हैं और शिल्पकार देर रात तक उन्हें फाइनल टच देने में जुटे हैं। प्रदर्शनी स्थल पर कलाकृतियों को रखने का काम भी प्रारंभ हो गया है। शिल्पकारों ने कटनी के स्टोन को देखकर पहले दिन उसे कलाकृति का रूप देने की जो कल्पना की थी, कल्पना साकार हुई तो उनके चेहरों में अलग ही खुशी देखने को मिली। बुधवार की देर रात तक कलाकृतियों को फाइनल टच देने के दौरान शिल्पकार अपने साथियों के साथ सेल्फी लेने में व्यस्त रहे।
जबलपुर के शिल्पकार विनय अंबर ने कहा कि 20 दिन की कड़ी मेहनत के बाद जब उनकी कला निखर कर आई है तो खुशी होती है कि जिस संकल्प को हमने अपने हाथ में लिया था, उसे सफलता पूर्वक पूरा किया है। इंदौर निवासी शिल्पकार जितेन्द्र बेगढ़ की कलाकृति भी बनकर तैयार है, उनका कहना है कि कटनी के स्टोन पर काम करने का अपना एक अलग ही अनुभव रहा है और अब कलाकृतियों को देखने आने वाले जब उसकी तारीफ करते हैं तो एक शिल्पकार का मन उतने मेें ही प्रसन्न हो जाता है।
दो दिन शिल्पकलाओं को निहार सकेंगे लोग
एक जिला एक उत्पाद के अंतर्गत कटनी के स्टोन का चुनाव करने के बाद उसे पहचान दिलाने जागृति पार्क में 9 नवंबर से कटनी स्टोन आर्ट फेस्टिवल का आयोजन किया गया। जिसका समापन 28 नवंबर को होगा। उससे पहले देशभर से आए शिल्पकारों द्वार कटनी के स्टोन पर जो कलाकृतियां गढ़ी गई हैं, उनकी प्रदर्शनी का भी आयोजन किया जाएगा। जागृति पार्क में 27 व 28 नवंबर को कलाकृतियों की प्रदर्शनी लगेगी और लोग प्रदर्शनी का अवलोकन करेंगे।