बंद है मेडिकल कॉलेज का रैन बसेरा

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बरसते पानी में बाहर खाना बनाने को मजबूर लोग

(ANIL TIWARI 7000362359)

शहडोल। शासकीय बिरसा मुंडा मेडिकल कॉलेज में आसपास सहित अन्य जिलों मरीज यह सोच कर अच्छे स्वास्थ्य सुविधा मिल सके, लेकिन मेडिकल कॉलेज प्रबंधन द्वारा रैन बसेरा में ताला डाल दिया गया है, मेडिकल कॉलेज में भर्ती मरीजों के साथ उनके तीमारदार भी आते हैं, तीमारदारों के लिये मेडिकल कॉलेज में रैन बसेरा की सुविधा उपलब्ध है, लेकिन मेडिकल कॉलेज प्रबंधन की तरफ से उस पर ताला लगाकर चुप्पी साध कर बैठे हुए हैं, लोगों ने कई बार कहा कि हम लोगों को रहने खाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है एवं अन्य नित्य क्रियाकलाप करने ने भारी दिक्कत हो रही है, बावजूद इसके मेडिकल कालेज प्रबंधन द्वारा रैन बसेरा को चालू नहीं किया जा रहा है, हालत तो इतनी खराब है कि बरसात के समय में लोगो को गीले स्थान पर खाना बनाना पड़ रहा है, खुले आसमान के नीचे इन दिनों तीमारदारों को रात गुजारनी पड़ रही है।
पानी में खाना बनाने की मजबूरी
अनूपपुर जिले के कोतमा की नंदनी बंसल ने बताया कि हमें प्रतिदिन भीगते हुए खाना बनाना पड़ता है, हमें मालूम भी नहीं है कि यहां रैन बसेरा है और अगर रैन बसेरा है तो, उसे मेडिकल कॉलेज की तरफ से चालू नहीं किया जा रहा है, जहरीले जीव-जन्तु का खतरा बना रहा है, लेकिन करें क्या, हमारे पास इतने पैसे नहीं है कि हम प्रायवेट लॉज या अन्य कोई व्यवस्था कर सकें।
वनसुकली के अजय साकेत ने बताया कि खुले आसमान के नीचे खाना बनाना पड़ रहा है, गर्मी में तो दिन-रात किसी कदर कट जाता था, लेकिन बरसात के मौसम में खाना बनाने में बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है और मेडिकल कॉलेज में जो रैन बसेरा बना है उसे लोगों को देख कर ताला लगा दिया गया है। वहीं भदवाही के रामनारायण जयसवाल ने कहा कि बारिश के दिनों में खाना बनाने में कई प्रकार की दिक्कतें कीड़े मकोड़े आते हैं, रात में खाना बनाने में और भारी दिक्कत होती, मेडिकल कॉलेज प्रबंधन को रैन बसेरा गरीबों के लिये खोल देना चाहिए, मरीजों के साथ आये तीमारदारों का कहना है कि प्रबंधन द्वारा संभवत: लोगों को कैंटीन से खाना खरीदने के लिये मजबूर किया जा रहा है, क्योंकि अगर रैन बसेरा बंद रहेगा तो, बरसात में खाना बाहर बनेगा नहीं, तो हमें मजबूरन कैंटीन से खाना खरीदना की पड़ेगा। मामला चाहे जो हो, लेकिन प्रबंधन को चाहिए कि रैन बसेरा का दरवाजा गरीबों के लिये खोल दें। तीमारदारों ने मेडिकल कालेज प्रबंधन सहित जिम्मेदारों से गुहार लगाई है कि समस्या का जल्द हल निकाला जाये।

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