बीजेपी जिलाध्यक्ष को फोन पर चमकाने वाला निकला आरटीओ उड़नदस्ते का कटर @ शिकायत के बाद हुई आधी अधूरी FIR
शहडोल।
भाजपा जिलाध्यक्ष शहडोल के साथ 8 अप्रैल को तथाकथित आरटीओ बनाम गुंडों के द्वारा मोबाइल फोन पर बत्तमिजी की गई,जबकि कमल प्रताप ने सिर्फ किसान से अवैध वसूली न करने के लिए अपनी बात रखनी चाही थी,जिस अंदाज में तथाकथित युवक ने बीजेपी के जिला प्रमुख से बात की और उसके साथ गाड़ी में सवार अन्य दो महिलाएं एवम दो वर्दीधारी जो शायद होम गार्ड थे,ये चारो या इनके साथ रहे अन्य अभी परदे के पीछे छुपे हुए है,मंगलवार को आडियो वायरल होने और हाल ए हलचल में इसे प्रमुखता से प्रकाशित करने के बाद बुधवार को शहडोल जिले के सोहागपुर थाने में पिकअप चालक की शिकायत पर कमल प्रताप के दखल के बाद एफआईआर दर्ज की गई।
इससे पहले इस मामले ने तब तूल पकड़ा और शहडोल भाजपा जिला अध्यक्ष से आरटीओ उड़नदस्ते के प्रभारी की मौजूदगी में अंतर राजकीय चौकी के गुर्गों का दूरभाष पर टकराव हुआ और जिसमें अध्यक्ष को अपमानित होना पड़ा। सोचनीय पहलू यह है कि जब एक सत्ताधारी दल के जिला अध्यक्ष से उनका यह बर्ताव रहा है तो आम वाहन चालकों के साथ वे क्या करते होंगे? पूरी दादागिरी के साथ यहां पैसा वसूला जा रहा है। माना जाता है कि यहां सारा खेल सफलता से इसलिए चल रहा है क्योंकि इसे शासन का वरदहस्त प्राप्त है।
यह है मामला
सोहागपुर थाने में पिकअप चालक दीनदयाल साकेत निवासी जमुनी थाना पपौंध ने रिपोर्ट दर्ज कराई है कि उसके वाहन में भूसा लोड था। जिसे वह अमलाई निवासी तथा वाहन मालिक मनीष तिवारी के घर लेकर जा रहा था। रोहनिया के समीप उसे संजय सिंह तोमर उर्फ रविन्द्र सिंह ने रोककर कहा तेरी गाड़ी ओव्हरलोड है। इसका चालान होगा, मैं आरटीओ से हूं, मुझे अनूपपुर, शहडोल में सभी लोग जानते हैं। तेरी गाड़ी अभी आरटीओ में खड़ी करा दूंगा। तब वाहन मालिक मनीष से फोन पर बात की गई। उन्होने शहडोल भाजपा जिला अध्यक्ष कमल प्रताप सिंह को कांफ्रेस में लेकर उससे बातचीत कराई गई। भाजपा जिला अध्यक्ष द्वारा अपना परिचय दिए जाने के बावजूद संजय सिंह ने उनसे अभद्र ढंग से बातचीत कर उन्हे देख लेने की धमकी दी। ज्ञातव्य है कि इस मामले में कुछ अन्य लोगों के शामिल होने का संदेह जताया जाता है।
चौकियों का यह है गुंडा स्कॉट
अनूपपुर जिला अंतर्गत स्थित परिवहन विभाग की कबीर चबूतरा, खूंटाटोला और राज नगर चौकियो के लिए रितु शुक्ला आरक्षक और मीनाक्षी गोखले उपनिरीक्षक उड़नदस्ता प्रभारी के पद पर पदस्थ हैं। इनके संरक्षण में संचालित गुंडा स्कॉट में वहां और कौन पदस्थ है इसकी जानकारी नहीं दी जाती है। विभाग के अधिकारियों को नहीं पता कि वहां और कौन पदस्थ है। जबकि लोकेन्द्र शर्मा, संजय तोमर, राजू राठौर, धर्मवीर सिंह नाम के व्यक्ति वहां सदैव मौजूद रहते हैं, पूरा मैनेजमेंट करते है, जाहिर है कि यह तीनो संदिग्ध हैं और विभाग ने वसूली कराने पिछले दरवाजे से इनकी घुसपैठ करा रखी है। इन्ही की दादागिरी वाहन मालिकों पर भारी पड़ रही है। इन चौकी क्षेत्रों व अन्य स्थानों में दिन रात वसूली का खेल चल रहा है। वाहन चालकों का कालर पकड़कर भी वसूली की जाती है।
यह है वो आडियो जो
बना सबूत
अनमने ढंग से हुई एफआईआर
दीनदयाल साकेत की रिपोर्ट पर सोहागपुर पुलिस ने एफआईआर तो दर्ज कर लिया लेकिन केवल संजय सिंह के खिलाफ धारा 294,384 के तहत ही। जबकि ज्ञात हुआ कि जिस समय दीनदयाल को धमकाया जा रहा था उस समय वहां दोनो महिला कर्मचारी और दो अन्य भी वाहन में मौजूद थीं। इन्हे भी सह आरोपी बनाया जाना चाहिए,जिनके द्वारा शह देकर अपराध कराया जा रहा था वे अभी FIR की जद से बाहर है,इसके अलावा संजय सिंह ने स्वयं को आरटीओ से होना बताया वह भी फर्जी ही है इस मामले में धोखा धड़ी की 420 जैसी अन्य धाराएं एवम फोन पर धोखा देने वाली कॉल की रिकार्डिंग होने के बावजूद 65 B का शिकायतकर्ता द्वारा शपथ पत्र देने पर और धाराएं लगाई जा सकती है,जैसी धारा अभी नहीं लगाई गईं। इसी से ज्ञात होता है कि संबंधित लोगों की कितनी गहरी घुसपैठ है। परिवहन चौकियों की महिला कर्मचारी वहां तो वसूली करातीं ही हैं यहां वहां भी वाहनों को रोक कर वसूली करा रहीं हैं।