महाशिवरात्रि पर सज गए शिवालय, भगवान शंकर का हो रहा अद्भुत श्रृंगार

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शहडोल । महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर नगर के शिव मंदिरों में सुबह से पूजा अर्चना के साथ ही भगवान भोलेनाथ भव्य श्रृंगार किया गया । नगर के शिव मंदिरों आज से ही महाशिवरात्रि की पूजा विशेष तैयारी के साथ की जा रही है । नगर के दुर्गा मंदिर , विराट मंदिर , पंचायती मंदिर , बूढी देवी,नर्मदेश्वर महादेव मंदिर सहित सबसे महत्त्वपूर्ण पूजा प्राचीन विराट मंदिर और लखबरिया स्थित शिव मंदिर में की जाएगी ।जिले में अनेक शिव मंदिर है जिनमे लखबरिया स्थित अर्धनारेश्वर शिव मंदिर का विशेष स्थान है ।

लखबरिया का अद्भुत शिवलिंग
संभागीय मुख्यालय से करीब 40 किलोमीटर दूर लखबरिया शासन-प्रशासन के नजरों से ओझल जरूर है परंतु यहां के स्थानीय लोगों में श्रद्धा भाव उससे कहीं ज्यादा समाहित है इसका प्रमुख कारण यहाँ स्थित शिव लिंग है मंदिर के पुजारी ने बताया कि यह शिवलिंग अत्यंत दिव्य और चमत्कारिक है । खुदाई में मिले इस शिवलिंग की सबसे खास बात यह कि शिवलिंग में ही भगवान शिव के साथ ब्रह्मा विष्णु महेश ,देवता और दुर्गा काली और सरस्वती की छवि समाहित है जिसे शिव लिंग को देखकर स्वतः ही समझा और देखा जा सकता है ।इस शिवलिंङ्ग में पार्वती का वास भी होने के कारण इसे अर्धनारेश्वर भी कहा जाता है । इस शिवलिंग पर चुनरी भी चढ़ाई जाती है ।

कांवरियें करते है अभिषेक
पिछले एक दशक से ज्यादा वर्ष से कांवरियों का जत्था मां नर्मदा उद्गम से जल लेकर लखबरिया धाम पहुंचकर जलाभिषेक करने की परंपरा चली आ रही है बताया गया है कि सन 2008 से कांवर यात्रा की शुरुआत की गई थी उसके पश्चात प्रतिवर्ष कंवर यात्रियों की संख्या लगातार बढ़ती ही जा रही है जिसमें सावन मास के हर शुक्रवार को कांवरिया कावर में जल भरकर पैदल चलते हुए 3 दिन का सफर कर लखबरिया पहुंचते हैं जहा बड़े धूमधाम, बाजे गाजे के साथ कांवरियों का स्वागत किया जाता है तत्पश्चात भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक किया जाता है । शिवरात्रि के अवसर पर यह भव्य पूजन और अभिषेक का कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है ।

धार्मिक और ऐतिहासिक महत्त्व
ग्राम लखबरिया में श्रीराम का ऐतिहासिक मंदिर और गुफाएं है । ऐसे में यह स्थान ऐतिहासिक और धार्मिक दोनों ही दृष्टि से महत्त्वपूर्ण हो जाता है लोगो ने बताया कि इस स्थान की स्थापना श्री श्री १००८ श्री जानकी बाई जी के द्वारा100 वर्षो से भी पहले की गई थी और उन्होंने ही यहाँ श्री राम के बाल रूप का मंदिर बनवाया था । इस स्थान के बारे में एक कथा और भी है कि जब राम अपने वनवास काल में थे तब सीता कि खोज करते हुए चित्रकूट से होते हुए दंडकारण्य में प्रवेश किया था और लखबरिया की गुफाओं में एक रात्रि विश्राम किया था । तब से यह स्थान राम पथ गमन के रूप में चिन्हित किया गया है ।

होगी विशेष पूजा , भंडारे का आयोजन

आज महाशिवरात्रि के अवसर पर नगर के पांडवनगर स्थित नर्मदेश्वर महादेव मंदिर में भगवान शंकर का विशेष पूजन एवं अभिषेक किया जायेगा। मंदिर के पुजारी पंडित पिनाकपाणि ने बताया कि इस अवसर पर भोलेनाथ का विशेष श्रृंगार भी किया बजायेगा साथ ही मंदिर में भंडारे का अभी आयोजन किया जायेगा , सभी श्रद्धालुओं से प्रसाद ग्रहण करने का आग्रह भी किया है। महाशिवरात्रि के अवसर पर नगर में जगह जगह भंडारे का आयोजन भी किया जा रहा है।

चल रहे भजन कीर्तन सहित भंडारे
शिवरात्रि के एक दिन पूर्व ही मंदिरो में भजन कीर्तन कर भगवान भोलेनाथ को रिझाने के लिए भक्तों ने भंडारे का आयोजन किया है।साथ ही कई शिवालय में बाबा भोलेनाथ के अद्धभुत श्रंगार भी किये गए हैं। कोरोना काल के बाद शिवरात्रि के महापर्व से ही मंदिरो में उत्साह देखा जा रहा है।
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