कटनी माइनिंग कॉन्क्लेव से प्रदेश को मिली ऐतिहासिक सौगात : ₹56,414 करोड़ के निवेश प्रस्ताव खनन क्षेत्र में तीन बड़े एमओयू, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा – मध्यप्रदेश बनेगा देश का माइनिंग हब

कटनी माइनिंग कॉन्क्लेव से प्रदेश को मिली ऐतिहासिक सौगात : ₹56,414 करोड़ के निवेश प्रस्ताव
खनन क्षेत्र में तीन बड़े एमओयू, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा – मध्यप्रदेश बनेगा देश का माइनिंग हब
कटनी।। कटनी में शनिवार को आयोजित मध्यप्रदेश माइनिंग कॉन्क्लेव 2.0 प्रदेश के औद्योगिक और खनन इतिहास में मील का पत्थर साबित हुआ। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की मौजूदगी में आयोजित इस कॉन्क्लेव से प्रदेश को 56,414 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए। देश की प्रमुख खनन एवं औद्योगिक कंपनियों ने विभिन्न परियोजनाओं में निवेश की घोषणा की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने निवेशकों को संबोधित करते हुए कहा कि “मध्यप्रदेश में निवेश का यही सही समय है। उद्योगपति बड़े सपने देखें, प्रदेश सरकार उन्हें पूरा करने में हरसंभव सहयोग करेगी।” उन्होंने कहा कि कटनी की पहचान खनिज संपदा से है और यहां से मिले निवेश प्रस्ताव प्रदेश की औद्योगिक तस्वीर बदल देंगे।
कॉन्क्लेव में हुए प्रमुख निवेश प्रस्ताव
1. सिंघल बिज़नेस प्रा. लि. – कोल गैसीफिकेशन एवं नवीकरणीय ऊर्जा, ₹15,000 करोड़
2. विनमिर रिसोर्सेस प्रा. लि. – ग्रेफाइट बेनिफिसिएशन उद्योग, ₹850 करोड़
3. रामनिक पावर एंड अलॉयज़ – स्पॉन्ज आयरन प्लांट एवं फेरो-अलॉय इकाइयाँ, ₹1,850 करोड़
4. माइनवेयर एडवाइजर्स प्रा. लि. – कोल ब्लॉक खनन व उत्पादन, ₹450 करोड़
5. महाकौशल रिफ्रैक्ट्रीज़ – रिफ्रैक्ट्री उद्योग में निवेश, ₹90 करोड़
6. सायना ग्रुप – लौह अयस्क बेनिफिसिएशन, पैलेट प्लांट, बॉक्साइट कैल्सिनेशन प्लांट, ₹3,950 करोड़
7. नीलाम किए गए प्रमुख खनिज ब्लॉक (09 ब्लॉक) – उत्पादन हेतु ₹32,774 करोड़
8. कोयला खनिज (02 ब्लॉक) – उत्पादन हेतु ₹1,450 करोड़
कुल निवेश प्रस्ताव – ₹56,414 करोड़
तीन बड़े एमओयू
खनन क्षेत्र के भविष्य को नई दिशा देने हेतु कॉन्क्लेव में 3 अहम समझौते हुए –
कोल इंडिया लिमिटेड के साथ क्रिटिकल मिनरल्स की खोज, संवर्धन व प्रसंस्करण।
टेक्समिन आईएसएम, धनबाद के साथ आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, आईओटी, ब्लॉकचेन व रिमोट सेंसिंग तकनीक के उपयोग पर समझौता। भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (IISER) भोपाल के साथ खनिज अन्वेषण अनुसंधान हेतु एमओयू। मुख्यमंत्री ने कहा कि ये समझौते मध्यप्रदेश को क्रिटिकल मिनरल्स के क्षेत्र में नई ऊँचाइयाँ देंगे।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव के संबोधन की प्रमुख बातें
“हमारी संस्कृति शोषण की नहीं, दोहन की है। जियो और जीने दो की भावना से उद्योगपति आगे बढ़ें।”
“प्रदेश में मेजर और माइनर मिनरल्स के साथ अब क्रिटिकल मिनरल्स भी खोजे जा रहे हैं।”
“प्रदेश में उद्योग अनुरूप वातावरण है, सरकार हर स्तर पर साथ खड़ी है।”
“कटनी में सोने की संभावना, पन्ना में हीरे, शहडोल और छिंदवाड़ा में कोल, बैतूल में ग्रेफाइट – मध्यप्रदेश की धरती रत्नगर्भा है।”
“प्रदेश में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के लिए अनुमतियों को 29 से घटाकर 10 किया गया है।”
प्रभारी मंत्री उदय प्रताप सिंह – “मुख्यमंत्री ने कृषि आधारित छवि को बदलकर औद्योगिक विकास को गति दी है।”
सांसद वी.डी. शर्मा – “कटनी माइनिंग कॉन्क्लेव प्रदेश के विकास में मील का पत्थर है। यहां माइनिंग इंस्टीट्यूट शुरू किया जाना चाहिए।”
हिन्दुस्तान कॉपर लिमिटेड चेयरमैन संजीव कुमार सिंह – “तांबे का महत्व सोने-चांदी से अधिक है, प्रदेश को तांबा उत्पादन में अग्रणी बनाएंगे।”
माइनवेयर एडवाइजर्स एमडी कौशिक बोस – “राज्य सरकार की नीतियों और सुविधाओं से हम जल्द निवेश कर पाएंगे।”
भविष्य की दिशा
प्रदेश में जल्द ही एयर कार्गो सुविधा, दो मेट्रोपॉलिटन सिटी, मल्टी मॉडल इंडस्ट्रियल डिपो (कटनी) और इंडस्ट्रियल कॉरिडोर विकसित किए जाएंगे। उज्जैन में 27 अगस्त को स्प्रिचुअल कॉन्क्लेव और ग्वालियर में 31 अगस्त को टूरिज्म कॉन्क्लेव आयोजित होंगी।
कार्यक्रम में मौजूद रहे
विधायक संजय सत्येन्द्र पाठक, संदीप जायसवाल, प्रणय प्रभात पांडेय, धीरेन्द्र बहादुर सिंह, भाजपा जिला अध्यक्ष दीपक टंडन सोनी, महापौर प्रीति संजीव सूरी, जिला पंचायत अध्यक्ष सुनीता मेहरा सहित बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि, उद्योगपति और गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।
कटनी माइनिंग कॉन्क्लेव 2.0 ने मध्यप्रदेश को खनन और औद्योगिक विकास की नई दिशा दी है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अगुवाई में मिले 56,414 करोड़ के निवेश प्रस्ताव और तीन बड़े एमओयू न केवल प्रदेश की औद्योगिक छवि को मजबूत करेंगे, बल्कि हजारों युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी सृजित करेंगे।