राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने देश में सर्वप्रथम 40 घंटे का ऑनलाइन मीडिएशन प्रशिक्षण दिया
राकेश सिंह
बालाघाट । उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश एवं मुख्य संरक्षक राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण श्री ए.के. मित्तल की प्रेरणा तथा कार्यपालक अध्यक्ष, राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण एवं न्यायमूर्ति श्री संजय यादव के दिशा-निर्देश में दस दिवसीय ऑनलाइन मीडिएशन प्रशिक्षण कार्यक्रम संपन्न हुआ।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में बालाघाट जिले की लांजी एवं कटंगी, बड़वानी जिले की खेतिया, बैतूल जिले की आमला, दमोह जिले की पथरिया एवं तेंदूखेड़ा, देवास जिले की टोंकखुर्द, डिण्डौरी जिले की शहपुरा, हरदा जिले की खिरकिया, होशंगाबाद जिले की सिवनी मालवा, इंदौर जिले की हातौद एवं कटनी जिले की बरही तहसील विधिक सेवा समितियों में पदस्थ एकल न्यायाधीशों को मध्यस्थता कार्य करने में आने वाली असुविधा एवं प्रकरणों को मध्यस्थता हेतु रेफर करने में आने वाली परेशानियों को ध्यान में रखते हुये कुल 12 तहसीलों से 24 अधिवक्ताओं ने 40 घंटे के (10 दिवसीय) ऑनलाइन मीडिएशन प्रशिक्षण में भाग लिया।
27 जुलाई, से 07 अगस्त तक प्रात: 10 बजे से दोपहर 2 बजे तक गिरिबाला सिंह, सदस्य सचिव एवं पोटेंशियल ट्रेनर म.प्र. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण एवं राजीव कर्महे, रजिस्ट्रार एवं सचिव सह पोटेंशियल ट्रेनर द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया गया। इसके अतिरिक्त रिसोर्स पर्सन के रूप में डॉ. स्वाति मुखर्जी मनोचिकित्सक द्वारा पक्षकारों की मनोदशाओं व अन्य आवश्यक पहलुओं जिन्हें मध्यस्थता किये जाने में एक विद्वान मध्यस्थ द्वारा ध्यान दिया जाना है, उस पर भी प्रतिभागियों को प्रशिक्षित किया गया। यह उल्लेखनीय है कि प्रशिक्षण में 78 वर्षीय मानकचंद पाटनी, अधिवक्ताओं तहसील-सिवनीमालवा जिला-होशंगाबाद द्वारा 40 घंटे का 10 दिवसीय ऑनलाइन मीडिएशन प्रशिक्षण प्राप्त किया गया।
प्रशिक्षण के माध्ययम से लोगों के मध्य उत्पन्न पारिवारिक, वैवाहिक एवं अन्य विभिन्न प्रकार के न्यायालय में लंबित विवादों व न्यायालय में आने के पूर्व ही मामलों का समझौते के आधार पर निराकरण दूर दराज के ग्रामीण क्षेत्रों में संभव हो सकेगा। मध्यस्थता की प्रकिया पूर्णत: गोपनीय रहती है पक्षकारों को एक दूसरे की बातें सुनने, भावनाओं को समझने का अवसर प्राप्त होता है, पक्षकार स्वयं अपना निर्णय ले सकते है। पक्षकारों तथा न्यायालयों के समय एवं संसाधन की बचत होगी।
महत्वपूर्ण बात यह है कि प्रशिक्षण हेतु चिंहित क्षेत्रों में एकल न्यायाधीश का पद प्रावधानित है, जिनके द्वारा मध्यस्थता के प्रकरण तहसील न्यायालय में 40 से 100 किलोमीटर जिला न्यायालयों को मध्यस्थता हेतु प्रेषित करने पड़ते थे, जिससे पक्षकारों को समय एवं धन की बर्बादी के अतिरिक्त असुविधाओं का भी बार-बार सामना करना पड़ता था। म.प्र. राज्य प्राधिकरण द्वारा इस बात को ध्यान में रखते हुये पूरे देश में पहली बार मध्यप्रदेश के प्रशिक्षको द्वारा 40 घंटे का ऑनलाइन मीडिएशन प्रशिक्षण अधिवक्ताओं हेतु प्रारंभ किया गया है। जिससे बड़ी संख्या में पीडि़त पक्षकारगणों को राहत प्राप्त हो सकेगी व मध्यस्थता व्यवस्था की पहुंच एवं लाभ से दूरस्थ ग्रामीण अंचलों को तीव्र गति से लाभ प्राप्त हो सकेगा। प्रशिक्षण कार्यक्रम में डी.के. सिंह, अतिरिक्त सचिव तथा अरविंद श्रीवास्तव, उप सचिव व राज्य विधिक सेवा के प्राधिकरण के अन्य अधिकारी तथा कर्मचारीगणों का सहयोग सराहनीय रहा।
प्रशिक्षण कार्यक्रम के अंतिम दिन सात अगस्त को न्यायमूर्ति संजय यादव, कार्यपालक अध्यक्ष, राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा 40 घंटे के प्रशिक्षण कार्यक्रम में सम्मिलित हुये प्रतिभागियों के साथ वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से मध्यस्थता विषय की प्रासंगिकता, मध्यस्थता के विविध पक्षों, प्रशिक्षण से प्राप्त मार्गदर्शन के साथ ही आने वाली कठिनाईयों इत्यादि विषयों पर विचार-विमर्श किया गया। साथ ही प्रतिभागियों का उत्साहवर्धन करते हुये समाज में समय-समय पर उत्पन्न होने वाले विभिन्न कठिनाईयों के निराकरण में मध्यस्थता पद्धति को अपनाने और उसके व्यापक प्रचार-प्रसार पर बल दिया गया।