धनपुरी में 25 से 30 लाख तक लगेगी जीते हुए पार्षदों की बोली..?? समझौते के लिए रात भर चलता रहा मान मनौव्वल

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शहडोल। जिले की सबसे धनी और विवादित नगर पालिका धनपुरी में आज नामांकन वापसी का अंतिम दिन है, इसके लिए जिन प्रत्याशियों को भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस ने टिकट दे दी है उन्होंने बीती रात से ही अन्य प्रत्याशियों के नामांकन वापसी के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा दिया है, लालच के साथ भय तक दिखाया जा रहा है और कुछ प्रत्याशी तो नामांकन वापस न लेने के कारण धनपुरी से ही बाहर कूच कर गए हैं ।

आपको बता दें कि धनपुरी नगरपालिका जिले की सबसे धनी नगरपालिका मानी जाती है और बीते कार्यकाल के दौरान जब यहां से अध्यक्ष श्रीमती रविंदर कौर छाबड़ा के कार्यकाल को लोगों ने देखा और उन पर जिस तरह के करोड़ों के भ्रष्टाचार के आरोप लगे, यही नहीं यह भी चर्चा रही कि उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान फर्श से अर्श का सफर तय किया और अध्यक्ष ही नहीं बल्कि पार्षद तक करोड़पति बन गए।

इसी जगमगाहट और रुपयों की चकाचौंध अब पार्षदों के मन में नए-नए सब्जबाग बना रही है, नामांकन वापसी को लेकर जहां भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के चुनाव के उम्मीदवार अन्य को बैठाने के लिए प्रलोभन दबाव लालच कर रहे हैं, वही जीत के बाद प्रति पार्षद 25 से 30 लाख रुपए के दाम मिलेंगे, ऐसी चर्चा धनपुरी के चौक चौराहों पर होने लगी है यह भी बात सामने आई कि इसके लिए धनपुरी तथा बुढार में बैठे धनकुबेर ने धनपुरी नगरपालिका पर कब्जा करने के लिए अपने दरवाजे खोल दिए हैं।

जिस कारण जिन लोगों ने पार्षद पद के लिए नामांकन दाखिल किए हैं, वह अब नामांकन वापस लेने के मूड में नजर नहीं आ रहे हैं , यही माना जा रहा है कि चुनाव लड़ने में महज 1 वार्ड में एक से दो लाख अधिकतम खर्च हो सकते हैं, लेकिन यदि वे चुनाव जीतकर आ जाते हैं तो उनकी लाटरी 5 साल के लिए लग जाएगी एक मुश्त से 25 से 30 लाख तो मिलेंगे ही और 5 साल के कार्यकाल के दौरान वे फर्श से अर्श तक पहुंच जाएंगे ।
आज नामांकन वापसी का अंतिम दिन है देखना है कि क्या होता है चल रही है माना जा रहा है कि जिन लोगों ने नामांकन दाखिल किए हैं उनके नामांकन सही पाए गए हैं, कम से कम नामांकन वापस नहीं लेते हैं तो परिषद में पहुंचकर या फिर अध्यक्ष और उपाध्यक्ष को अपना वोट देकर करोड़पति तो बन ही जाएंगे…!!

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