पानी की टंकी की गुणवत्ता हीन सीढ़ी तोड़ने का कार्य शुरू कलेक्टर अवि प्रसाद नें देवरी मझगवां मे 40 फीट ऊंची पानी की टंकी में चढ़कर की थी गुणवत्ता की जांच दिए निर्देश
पानी की टंकी की गुणवत्ता हीन सीढ़ी तोड़ने का कार्य शुरू
कलेक्टर अवि प्रसाद नें देवरी मझगवां मे 40 फीट ऊंची पानी की टंकी में चढ़कर की थी गुणवत्ता की जांच दिए निर्देश
कटनी ॥ गुणवत्ताहीन सीढियों का निर्माण करना ठेकेदार को महंगा पड़ गया। कलेक्टर अवि प्रसाद के गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं करने के सख्त रुख के बाद विजयराघवगढ़ के देवरी मझगवां की पानी की टंकी की गुणवत्ता विहीन सीढ़ियों की वेस्ट स्लैब को तोड़कर अब नया निर्माण किया जाएगा। सीढ़ियों के स्लैब को तोड़ने का यह कार्य जबलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज के सिविल इंजीनियरिंग विभाग के एचओडी डॉ राजीव चांडक द्वारा कलेक्टर अवि प्रसाद को सौंपे गए जांच प्रतिवेदन के बाद कलेक्टर ने लिया है। विदित हो कि कलेक्टर अवि प्रसाद ने अपने दो फरवरी के विजयराघवगढ़ क्षेत्र के भ्रमण के दौरान देवरी मझगवां की 40 फीट ऊंची निर्माणाधीन पानी की टंकी में खुद चढ़कर इसकी गुणवत्ता का प्रथम दृष्टया निरीक्षण किया था। इस दौरान उन्हें सीढ़ियों में कंपन और गुणवत्ता विहीन निर्माण होना मिला। इस पर कलेक्टर श्री प्रसाद ने पानी की टंकी निर्माण की गुणवत्ता की जांच हेतु संभागीय परियोजना यंत्री परियोजना क्रियान्वयन इकाई लोक निर्माण विभाग और कार्यपालन यंत्री जल संसाधन एवं कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा की 3 सदस्यीय टीम गठित किया था। इस जांच दल ने सीढ़ियों के वेस्ट की मोटाई 130 एम.एम.से कम लगभग 90 एम.एम. की पाया था। जिससे सीढ़ियों में चढ़ने पर कंपन होता था। साथ ही टंकी का नॉन डिसट्रेक्टिव टेस्ट व अल्ट्रासोनिक पल्स वैलोसिटी टेस्ट शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज से कराने की अनुशंसा की थी । जांच दल से प्राप्त प्रतिवेदन के बाद कलेक्टर श्री प्रसाद के निर्देश पर जबलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज के विशेषज्ञ से जांच कराने प्राचार्य को पत्र लिखा गया। इसके बाद जबलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज के सिविल इंजीनियरिंग संकाय के विभागाध्यक्ष डॉक्टर राजीव चांडक ने अल्ट्रासोनिक पल्स वैलोसिटी एनडीटी टेस्ट से पूरी टंकी की जांच की। उन्होंने टंकी में पानी भरवा कर भी गुणवत्ता की जांच किया था। जिसमें टंकी में कोई भी लीकेज नहीं मिला। लेकिन सीढ़ी के वेस्ट स्लैब को गुणवत्ता विहीन पाया और इसे तोड़कर नए सिरे से निर्माण कराने की अनुशंसा की थी। इसके बाद कलेक्टर अवि प्रसाद ने अनुशंसा पर त्वरित अमल करने के निर्देश देते हुए निर्मित सीढ़ी को तोड़कर नई सीढ़ी बनवाने पीएचई को निर्देशित किया। कलेक्टर के निर्देश और सख्त तेवर के बाद सीढ़ी को तोड़ने का कार्य शुरू हो गया है।