शहडोल बस स्टैंड पर कार में बैठे युवक खुलेआम नशे में धुत, दबंगई से बिगड़ा माहौल
सुधीर यादव (9407070722)
शहडोल। संभागीय मुख्यालय शहडोल में नशे का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है। गुरुवार 11 सितम्बर को इसका जीता-जागता उदाहरण तब देखने को मिला, जब जिले के सबसे बड़े राजीव गांधी बस स्टैंड के पास एक कार में बैठे दो युवक खुलेआम नशा करते हुए पाए गए। उनकी हरकतों से यात्रियों और स्थानीय लोगों में गुस्सा फैल गया। आपत्ति करने पर युवकों ने दबंगई दिखाते हुए साफ शब्दों में कहा कि उनके खानदान में दर्जनों डॉक्टर हैं और वे किसी से डरते नहीं।
इस मामले में शिकायतकर्ता गौरव गुप्ता, पिता राजेश गुप्ता, निवासी नयागांव बस स्टैंड, शहडोल ने पुलिस थाने में लिखित सूचना दी। शिकायत पर पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए एनसीआर (गैर संज्ञेय अपराध की सूचना रिपोर्ट) क्रमांक 1069/2025 दर्ज की। यह रिपोर्ट थाना कोतवाली, जिला शहडोल में दर्ज की गई।
एनसीआर में जिन युवकों के नाम दर्ज किए गए हैं, उनमें पहला आरोपी अमित सिंह, पिता राकेश सिंह, निवासी शहडोल, मध्य प्रदेश और दूसरा आरोपी अनमोल सिंह, पिता राकेश सिंह, निवासी शहडोल, मध्य प्रदेश है। रिपोर्ट के अनुसार, दोनों आरोपी गुरुवार दोपहर लगभग 3 बजे कार में बैठकर नशा कर रहे थे और आमजन की शांति भंग कर रहे थे।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, बस स्टैंड परिसर में शराब और अन्य नशीले पदार्थ का सेवन करने वाले युवाओं की संख्या लगातार बढ़ रही है। आए दिन यहां इस तरह की हरकतें देखने को मिल रही हैं, जिससे यात्रियों और स्थानीय निवासियों को असुविधा होती है। खास बात यह है कि शहर में शराब के साथ अब कोकीन, अफीम, चरस और नशीले इंजेक्शन तक आसानी से उपलब्ध हो रहे हैं।
नागरिकों का आरोप है कि पुलिस और आबकारी विभाग नशे पर नियंत्रण पाने में पूरी तरह विफल हैं। एनसीआर दर्ज होने के बाद भी केवल औपचारिक कार्रवाई तक ही मामला सिमट जाता है। लगातार बढ़ते नशे के कारोबार ने युवाओं की नई पीढ़ी को गहरी गिरफ्त में ले लिया है।
लोगों ने जिला प्रशासन और पुलिस अधीक्षक से मांग की है कि नशे के खिलाफ कठोर अभियान चलाया जाए, बस स्टैंड और प्रमुख चौक-चौराहों पर निगरानी बढ़ाई जाए और नशीले पदार्थों की सप्लाई चेन को तोड़ा जाए। यदि समय रहते कदम नहीं उठाए गए तो शहडोल में नशे का जाल और गहराई से फैलकर समाज व कानून-व्यवस्था दोनों के लिए गंभीर संकट खड़ा कर देगा।