वर्दी के नाम की लूट है, लूट सके तो लूट

एक लाख की जगह पैतिस हजाट गई।
अनूपपुर/शहडोल। रेंज अंतर्गत अनूपपुर जिले की महिर मिले तो, मुकरे वर्दीधारी सेदार बढ़े तो, सूचना पत्र बनाने के बाद भी महिला थाने की पुलिस वायदे से पलला थाने में आरोपी निखिल विश्वकर्मा पिता गोपाल विश्वकर्मा के खिलाफ भादवि की धारा 354, 354 सी, 354 डी व 384 के अलावा 67 आईटी एक्ट के तहत अपराध कायम किया गया। आरोपी पर अनूपपुर की एक महिला से सोशल मीडिया से दोस्ती करने और फिर उसे ब्लैकमेल करने के आरोप थे, महिला की शिकायत पर पुलिस ने अपराध कायम किया है और आरोपी को उमरिया से गिरफ्तार कर ले आई, लेकिन इस घटना के बाद महिला थाने में पदस्थ पुलिस अधिकारी खुद कटघरे में नजर आये, आरोप हैं कि महिला थाने मे इस मामले को देख रहे पुलिस अधिकारियों ने आरोपी को गिरफ्तार करने के बाद उसे थाने से ही छोडऩे और जेल भेजने के अलग-अलग रास्ते बताये गये।
सौदेबाजी के बाद यह हुआ तय
4 जुलाई को युवक को उमरिया से गिरफ्तार कर अनूपपुर लाया गया, जिसके बाद पुलिस के द्वारा 3 जुलाई के तिथि अंकित कर आरोपी के नाम से सूचना बनाई गई, जिसमें यह उल्लेख किया गया कि उक्त अपराध में आरोपी की गिरफ्तारी की आवश्यकता नहीं है, महिला थाने में पदस्थ ज्योति शुक्ला के नाम से जारी पत्र में यह उल्लेख किया गया कि इस दौरान आप कोई अपराध नहीं करेंगे और न ही साक्ष्यों से छेड़छाड़ नहीं करेंगे और जब आपसे अपेक्षा होगी तो, आप थाने में उपस्थित भी होंगे, आरोपी को उक्त पत्र में इस बात से भी सूचना दी गई कि 19 जुलाई 2021 को 10 बजकर 30 मिनट में इस मामले में उसे महिला थाने में उपस्थित होना होगा।
बढ़े हिस्सेदार या बदली नीयत
अनूपपुर में महिला थाना का शुभारंभ हुए बमुश्किल एक सप्ताह ही बीता होगा कि अपने कारनामों से प्रभारी ने पूरे पुलिस महकमें को ही कटघरे में खड़ा कर दिया है, प्रभारी पर पीडि़त पक्ष की ओर से यह आरोप है कि इस पूरी प्रक्रिया से पूर्व आरोपी से 1 लाख रूपये का सौदा हुआ, आरोपी की ओर से 35 हजार रूपये प्रभारी को दे भी दिये गये, लेकिन मामला अन्य अधिकारियों तक पहुंचा और संभवत: हिस्सेदारी बढ़ गई या फिर खुद को पाक-साफ बताने के फेर में 35 हजार रूपये लेने और समझौता पत्रक भरवाने के बाद भी युवक को न्यायालय में पेश कर दिया गया।
न्यायालय से मिली जमानत
आरोपी निखिल विश्वकर्मा की ओर से पैरवी करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता राजेश शर्मा उर्फ मेजर ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के अनुसार सात वर्ष से कम सजा वाले अपराधों में थाना स्तर पर ही जमानत दी जा सकती है, अगर किसी का पूर्व में किसी भी प्रकार का आपराधिक रिकार्ड नही है तो उसे और भी आसानी हो जाती है। आरोपी की जमानत स्वीकार करना पुलिस अधिकारी एवं न्यायालय का कर्तव्य है, किसी व्यक्ति को जान-बूझकर साधारण चोट पहुंचाना, उसे अवरोधित करना अथवा किसी स्त्री की लज्जा भंग करना, मानहानि करना आदि जमानती अपराध कहे जाते हैं। फिर भी निखिल को छोडने के बहाने उसके परिजनों को परेशान किया गया, महिला थाना में उसे घंटो बैठाये रखा गया जो नियमो के विपरीत है।
मोबाईल में छिपे है गुनाहों के सबूत
सोशल मीडिया के जरिये दोस्ती होने के बाद प्रेम संबंधों में कुछ ऐसा कृत्य दोनो युगल ने किया कि वह रिकार्ड में तब्दील हो गया, अपने गुनाहों का सबूत लिये फिर रहा निखिल को जेल तक जाना पड गया, लेकिन महिला थाना में बैठे जिम्मेदारों और उच्चाधिकारियों ने पूरे मामले का छानबीन किया, फिर भी लडकी का गुनाह नही देख पाये और लकडे को गुनाहों का राक्षक बना दिया गया। दोनो के बीच हुए लापरवाही और घिनौने कृत्य की सबूत भी लडके के मोबाईल पर मौजूद है फिर भी किसी एक को सजा दी जा रही है।
शपथ-पत्र में होगी शिकायत
पीडि़त निखिल विश्वकर्मा के साथ हुए घटनाक्रम के बाद उसके परिजन परेशान है, उन्होने कहा कि पुलिस अधीक्षक सहित डीआईजी, आईजी सहित अन्य अधिकारियों को शपथ पत्र के माध्यम से आवेदन देकर हुए भेदभाव से पर्दा उठायेंगे, तीन दिनों तक उन्हे परेशान किया गया, फिर समझौता के नाम पर 35 हजार रूपए ले लिये गये और निखिल को जेल भी भेज दिया गया, जबकि इस पूरे घटनाक्रम में दो वर्षो तक लडकी द्वारा की गई लगतियों को नही स्वीकारा गया और लडके को मुजरिम बनाकर कई दिनों तक हथकडी में बांध दिया गया।
इनका कहना है…
आरोप जो लगाये जा रहे है वह झूठे है, हमने कोई समझौता पत्र नही दिया है, हमने छोडऩे के लिए सोचा था, लेकिन उसका कृत्य छोडऩे लायक नही थे, इसलिए उसे जेल भेज दिया गया। बाकी जानकारी आप हमारे उच्चाधिकारियों से ले लीजिए।
ज्योति शुक्ला, प्रभारी
महिला थाना अनूपपुर
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महिला थाना हमने इसलिए बनाया है कि महिलाओं को कोई भी समस्या न हो, लेकिन इस तरह के गंभीर अपराध में कोई लापरवाही व लेन-देन जैसे बात करेगा, तो शिकायत पर हम जांच करेगें और सही पाये जाने पर कार्यवाही भी करेंगे।
सुश्री कीर्ति बघेल
एसडीओपी अनूपपुर
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अगर परिजन मुझे पूरे मामले की शिकायत शपथ-पत्र में देते है, तो निश्चित ही जांच कराकर दोषियों पर कडी कार्यवाही करूंगा।
एम.एल. सोलंकी
पुलिस अधीक्षक, अनूपपुर