जनपद पंचायत ब्यौहारी में दलालों की खैर नहीं,अध्यक्ष ने लगाई बड़ी चेतावनी

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शहडोल।सरकार भले ही भ्रष्टाचार मुक्त और पारदर्शी व्यवस्था की दुहाई देती रही हो, लेकिन ज़मीनी हकीकत में दलाल तंत्र अब भी भोले-भाले ग्रामीणों की जेब पर डाका डालने से बाज नहीं आ रहे। जनपद पंचायत ब्यौहारी से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसने सिस्टम की हकीकत उजागर कर दी। पंचायत कार्यालय के बाहर सक्रिय दलाल ग्रामीणों से सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के नाम पर पैसे वसूल रहे थे। लेकिन अब इन दलालों के दिन लदते नजर आ रहे हैं, क्योंकि पंचायत अध्यक्ष ने इस गोरखधंधे पर सीधी चोट कर दी है।
दलालों का खेल हुआ बेनकाब
जनपद पंचायत कार्यालय के बाहर ग्रामीणों से शिकायतें मिल रही थीं कि समग्र आईडी, पेंशन आईडी, संबल कार्ड और कर्मकार पंजीयन जैसे पूरी तरह निःशुल्क कार्यों के लिए दलाल पैसे की मांग कर रहे हैं। अनपढ़ और भोले-भाले ग्रामीण झांसे में आकर जेब ढीली कर बैठते थे। मामला सामने आते ही जनपद पंचायत अध्यक्ष ने इस पर कड़ा रुख अपनाया और तुरंत कार्रवाई का आदेश दे दिया।
कार्यालय के बाहर  ‘चेतावनी बोर्ड’
अध्यक्ष ने सख्ती दिखाते हुए पंचायत कार्यालय के बाहर बड़ा बोर्ड लगवाया है, जिस पर मोटे अक्षरों में साफ लिखा है दलालों से  सावधान! जनपद पंचायत में समस्त योजनाओं के कार्य पूरी तरह निःशुल्क किए जाते हैं। यदि कोई पैसे की मांग करता है, तो तुरंत अध्यक्ष अथवा सीईओ से शिकायत करें। यह बोर्ड लगते ही दलालों की बेचैनी बढ़ गई है और ग्रामीणों में राहत की सांस देखी जा रही है।
अध्यक्ष ने जताई कड़ी नाराजगी
जनपद पंचायत अध्यक्ष ने इस पूरे प्रकरण पर गहरी नाराजगी जताई। उनका कहना है कि शासन की गरीब कल्याणकारी योजनाएं किसी का निजी कारोबार नहीं हैं। यदि कोई दलाल इस तरह से ग्रामीणों को ठगने की कोशिश करेगा, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
ग्रामीणों को मिली राहत, पर सवाल बरकरार
ग्रामीणों ने अध्यक्ष की इस पहल का स्वागत किया है। उनका कहना है कि अब वे ठगी से बच सकेंगे और योजनाओं का लाभ सीधे पा सकेंगे। हालांकि, बड़ा सवाल अभी भी यही है कि क्या सिर्फ बोर्ड लगा देने से दलालों का खेल रुक जाएगा? या फिर वे कोई नया रास्ता तलाश कर फिर से भोले-भाले ग्रामीणों को निशाना बनाएंगे?
करारा प्रहार या दिखावा?
जनपद पंचायत अध्यक्ष का यह कदम निश्चित रूप से दलालों पर करारा प्रहार है। लेकिन साथ ही यह भी देखना होगा कि क्या आने वाले दिनों में इस चेतावनी का असर स्थायी रहेगा या यह महज़ एक औपचारिकता बनकर रह जाएगा। फिलहाल इतना तय है कि ब्यौहारी जनपद पंचायत ने दलालों को साफ संदेश दे दिया है कि अब उनकी चालें नहीं चलने वालीं। यह सख्ती ग्रामीणों के लिए राहतभरी जरूर है, लेकिन दलालों की नई चालों पर नजर रखना प्रशासन की सबसे बड़ी जिम्मेदारी होगी।

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