सच है ये सच,मुंह काला है झूठ का #गरीब बैगा को मिलेगी PM आवास की पक्की छत
शहडोल । गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले बैगा जनजाति के परिवारों के उत्थान के लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकारी भले ही कितनी योजनाएं क्यों लागू कर दे, लेकिन जमीनी स्तर तक पहुंचते पहुंचते इन योजनाओं का क्या हश्र होता है, कभी प्रशासनिक अधिकारी तो कभी पुलिस अधिकारी उन योजनाओं के आड़े आकर गरीबों का हक अपने आर्थिक लाभ के कारण खत्म करने में कोई भी गुरेज नहीं करते।
ऐसा ही एक मामला शहडोल जिले के बुढार थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पकरिया का सामने आया है, जहां पर बैगा जनजाति के परिवार को प्रधानमंत्री जन मन योजना से आवास तो स्वीकृत हुआ, लेकिन स्थानीय दबंगों ने पुलिस को अपने साथ लेकर खेल …खेल दिया।
फर्जी दस्तावेजों को आगे करके पहले तो गरीब को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा दी गई छत छीनने का आदेश जारी करवाया गया और रही सही कसर स्थानीय दरोगा ने पूरी करते हुए पीड़ित को ही आरोपी बना कर उसे दिन भर थाने बैठा दिया गया।
आज से पहले राजस्व के तमाम मामलों में सीधे कार्यवाही से बचने वाली बुढार पुलिस ने प्रधानमंत्री जन मन योजना के अंतर्गत आदिवासी परिवार के द्वारा शासकीय आरजी में शासन द्वारा स्वीकृत होने के उपरांत बनाए जा रहे आवास को रोकने के लिए शिकायतकर्ता को ही आरोपी बना दिया, ग्राम पंचायत पकरिया के समदा टोला में रहने वाले गौकरण बैगा और केमला बैगा, नरबदिया बैगा ने अपने साथ हो रहे अन्याय की शिकायत पहले स्थानीय थाने में दी और जब सुनवाई नहीं हुई तो उसने पुलिस अधीक्षक शहडोल को भी इसकी शिकायत दी, लेकिन शिकायत देने के बाद उल्टा उसे ही पुलिस शुक्रवार को घर से उठाकर ले आई और दिनभर बिना किसी लिखा पड़ी के थाने में बैठाये रखा, शुक्रवार के पूरे दिन पुलिस ने उसे उठाकर थाने में एक आरोपी की तरह बैठाए रखा और देर शाम बिना किसी लिखा पड़ी के उसे धमका कर छोड़ दिया, अगले दिन शनिवार को जिस स्थान पर प्रधानमंत्री योजना के अंतर्गत आवास स्वीकृत होने के बाद बनाया जा रहा था, उसकी जांच राजस्व अधिकारियों द्वारा की गई तो पूरा मामला ही उल्टा पड़ गया, राजस्व अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर जांच की तो यह स्पष्ट हो गया कि जिस स्थान पर निर्माण किया जा रहा है, वह भूखंड भूरी यादव,प्रकाश यादव और उसके परिवार का न होकर शासकीय आरजी की भूमि है जिससे स्पष्ट हो गया कि निर्माण सही स्थल पर किया जा रहा था और निर्माण को स्वीकृत करने वाले जनपद में बैठे अधिकारियों ने भी प्रक्रिया सही तरीके से की थी।
इस पूरे मामले के बाद कथित आरोपी और पुलिस खुद कटघरे में नजर आई इस मामले में आगे पुलिस क्या करती है यह तो देखने का मामला है लेकिन यह बताना भी आवश्यक है कि शासकीय भूमि पर जब गोकरण बैगा और उसके परिवार के द्वारा निर्माण कराया जा रहा था तो समदा टोला में ही रहने वाले प्रकाश यादव और पूर्व लाल यादव पिता स्वर्गीय मुन्नी यादव तथा लखन यादव और उसका पुत्र प्रेम लाल यादव तथा अन्य वहां पर पहुंचे और उसके साथ मारपीट की, निर्माणधीन शासकीय आवास की बीम भी तोड़ दिया और दीवाल भी गिरा दी, शासकीय विभाग के द्वारा किए जा रहे निर्माण में व्यवधान उत्पन्न किया गया और इस मामले की शिकायत जब पीड़ित ने थाने में दी तो पुलिस ने कोई भी कार्यवाही नहीं की।
यह भी बताया गया कि मारपीट करने के बाद आरोपी तहसील कार्यालय पहुंचे और अधिवक्ता के माध्यम से शासकीय आरजी पर होने वाले निर्माण को खुद के भूमि होना बताया और प्रशासन को गुमराह करने के लिए कोर्ट में कुटरचित दस्तावेजों का प्रयोग तरह किया गया, जिस कारण न्यायालय तहसील कार्यालय भी गुमराह हो गए और उन्होंने इस मामले में स्थगन दे दिया था। हालांकि पटवारी की जांच रिपोर्ट आने के बाद पूरा मामला साफ हो गया है, अब देखना यह है कि बुढार पुलिस इस मामले में बैगा परिवार के द्वारा दी गई शिकायत और शासकीय निर्माण में व्यवधान उत्पन्न करने और मकान तोड़ने आदि के मामले में यादव परिवार के खिलाफ क्या कार्यवाही करती है और कब तक करती है।