आरटीओ की प्रताडऩा से त्रस्त वाहन मालिक ने मांगी आत्मदाह की अनुमति

परिवहन अधिकारी पर लगाये जातिगत भेदभाव के आरोप
5 महीनों से लगातार प्रताड़ित बस मालिक कर्ज में डूबा
शहडोल। 18 सालों की शिवराज सरकार के अंतिम वर्षाे में हुए भ्रष्टाचार और नौकरशाहों से त्रस्त बस मालिक ने प्रदेश के नये मुखिया को पत्र भेजकर न्याय की गुहार लगाई है, जिले के बरकोड़ा में रहने वाले अजय साहू ने परिवार सहित आत्मदाह करने की अनुमति मांगी है, बस मालिक का कहना है कि जातिगत भावनाओं से प्रेरित होकर आरटीओ आशुतोष सिंह भदौरिया ने उसकी बस के आगे-पीछे जानबूझकर परेशान करने हेतु परमिट जारी किये, बसें लोन लेकर ली गई थी, किश्ते नहीं चुक रही है, बार-बार कार्यालय और घर बुलाकर पिछड़ी जाति के होने का एहसास कराया जाता है। शिकायत में शर्म के कारण हम इन चीजों का उल्लेख भी नहीं कर सकते, कर्ज इतना बढ़ चुका है कि अब घर तक बैंक के लोग पहुंच रहे हैं, अगस्त 2023 से प्रताडऩा शुरू हुई, अब हम बिल्कुल हार चुके हैं, 7 फरवरी को मुख्यमंत्री मोहन यादव के साथ ही परिवहन मंत्री, प्रमुख सचिव, कमिश्नर शहडोल, एडीजीपी, कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक और एसडीएम को पत्र देकर 10 दिन के भीतर निराकरण न होने पर आत्मदाह का अल्टीमेटम दिया है।
6 महीनों से परेशान परिवार
बरकोड़ा के अजय साहू ने इस संदर्भ में बताया कि पिछले साल के शुरूआती महीनों तक सब ठीक था, आशुतोष सिंह भदौरिया को पता नहीं कौन सी बात खल गई कि बार-बार बुलाकर घंटो खड़े रखते हैं, कार्यालय से लेकर उनके शहडोल और गृह ग्राम तक चक्कर लगा चुका हूं, अजय साहू ने कहा कि 6 सालों से यहां आरटीओ पदस्थ हैं, कभी सीधी और कभी शहडोल पदस्थापना के बीच प्रभार का खेल चलता रहता है, पूरा कार्यालय घर से चलता है, कार्यालय में रहने वाले अरविंद और पिन्टू खुलकर वसूली करते हैं, 6 महीनों में दर्जनों स्थानों पर शिकायत दी है, आरटीओ के गुस्से को शांत करने के लिए हाथ जोड़े, पैर तक पड़े, लेकिन कोई हल नहीं निकला, इसलिए परेशान होकर यह कदम उठा रहे हैं।
इस तरह कर रहे परेशान
पीड़ित अजय साहू ने बताया कि उन्हें मानसिक रूप से परेशान किया जा रहा है, जानबूझकर बीते लगभग एक साल से अन्य बस मालिको को बुलाकर नियमों के विपरीत उनके बस के आगे-पीछे परमिट जारी कर दिये गये, परेशान होकर बस खड़ी कर दी है, इस संदर्भ में कार्यालय से बीते 6 महीनें के दौरान अर्जेन्ट नकल के आवेदन 5 सितम्बर, 29 सितम्बर और 11 अक्टूबर 2023 को दिये गये, लेकिन नकल आज तक नहीं दी गई। एक तरफ ब्याज बढ़ रहा है और दूसरी तरफ बीमा, फिटनेस आदि के शुल्क का बोझ भी बढ़ रहा है, हालात यह हो गये हैं कि कोई भी आवेदन लेकर जाओ तो, रिसीव तक नहीं कर रहे हैं।
अरविंद से शुरू हुआ विवाद
दरअसल पूरे मामले के पीछे परिवहन अधिकारी आशुतोष सिंह भदौरिया के कटर अरविंद सिंह नामक व्यक्ति के द्वारा की जाने वाली अवैध वसूली से पूरा मामला गड़बड़ा गया, लगातार अजय साहू ही नहीं बल्कि दर्जनों बस मालिकों और दलालों से सीधे अपने खाते में रिश्वत लेने वाले अरविंद के खिलाफ अजय ने 1 अगस्त 2023 को शिकायत दी थी, अरविंद को अपना रिश्तेदार बताने वाले आशुतोष सिंह को यह शिकायत रास नहीं आई, जनसुनवाई से लेकर सीएम हेल्पलाईन में शिकायतें आज भी लंबित हैं, जब शिकायतों का दबाव बढ़ा तो, आशुतोष ने अरविंद को पिछड़ी जाति का होने के कारण न सिर्फ बेइज्जत किया, बल्कि इसी समय से बदले की भावना लेकर राजनीति शुरू हुई, जो आत्मदाह के अल्टीमेटम तक पहुंच गई।
इनका कहना है…
परमिट जनसुविधा और आवेदनों के आधार पर जारी होते हैं, सरकार के निर्देश हैं कि अधिक से अधिक राजस्व मिले, कोई शिकायत करता है तो, वह उसकी समस्या है।
आशुतोष भदौरिया
प्रभारी परिवहन अधिकारी
शहडोल