तंबाखू सेवन से शरीर के हर अंग को खतरा

राष्ट्रीय तंबाखू नियंत्रण के संबंध में कार्यशाला संपन्न
आशीष कचरे 9406677672
शहडोल। कलेक्टर कार्यालय के विराट सभागार में 24 मई को कलेक्टर श्रीमती वंदना वैद्य के अध्यक्षता में
मध्यप्रदेश वॉलन्ट्री हेल्थ एसोसिएशन के द्वारा इंटरनेशन यूनियन अगेस्ट टयूबरक्यूलोसिसी एंड लंग्स डिजिंज के
सहयोग से जिले में तंबाखू नियंत्रण कानून का प्रभावी क्रियान्वयन करने हेतु एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन
किया गया।
कार्यशाला को संबोधित करते हुए कलेक्टर श्रीमती वंदना वैद्य ने कहा कि जो लोग तंबाखू का सेवन करते हैं वे
अपनी जिंदगी को बद से बदतर करते जाते है और वो कई प्रकार की गंभीर बीमारियों को न्यौता देते है। इसलिए
आवश्यक है कि तंबाखू उत्पाद, गुटका, सिगरेट आदि से बचें। कलेक्टर ने कहा कि यदि जिंदगी चुनना है तो तंबाखू
छोडऩा होगा किशोरों एवं युवाओं को इससे बचने के लिये समझाइश देना होगा। तंबाखू स्वास्थ्य के लिये खतरा है
इससे गंभीर बीमारियां, कैंसर, फेफड़ों संबंधी रोग, बाझपन, हृदय एवं रक्त संबंधी रोग, मस्तिक संबंधी रोग होता।
उन्होंने कार्यशाला में बताया कि भारत सरकार ने तंबाखू के बढ़ते उपयोग को रोकने के लिए 18 मई को तंबाखू
नियंत्रण अधिनियम 2003 सिगरेट और अन्य तंबाखू उत्पाद, विज्ञापन का प्रतिशत और व्यापार तथा वाणिज्यिक
उत्पादन प्रदाय और वितरण का विनिमय, अधिनियम 2003 पारित कर दिया।
कार्यशाला में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत हिमांशु चंद्र ने कहा की जो व्यक्ति तंबाखू जैसे अन्य
धूम्रपान से सेवन करते हैं यदि इसे छोड़ दे तो उनकी जिंदगी बच सकती है। उन्होंने कहा कि शिक्षण संस्थान के 100
गज के दायरे में किसी की प्रकार के तंबाखू उत्पाद बेचना कानूनी अपराध है उल्लंघन करने वालों पर 200 रूप्ये तक
का जुर्माना शिक्षण संस्थान के अधिकारी के नाम पर हो सकता है।
कार्यशाला में मध्यप्रदेश वॉलन्ट्री हेल्थ एसोसिएशन के मुकेश सिन्हा ने बताया कि तंबाखूू नियंत्रण कानून के तहत
सार्वजनिक स्थलों पर धूम्रपान निषेध है जैसे सभागृहए अस्पताल रेलवे स्टेशन, प्रतीक्षालय मनोरंजन केंद्र, अन्य
कार्य स्थल कार्यालय व दुकाने आदि, उल्लंघन करने पर 200 रूपये का जुर्माना हो सकता है। तंबाकू उत्पादों के प्रचार
प्रसार हेतु विज्ञापन उनके द्वारा प्रयोजन एवं प्रोत्साहन प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रुप से निषेध है। उन्होंने बताया कि धारा
6 अ के अंतर्गत 18 वर्ष से कम आयु के अवयस्क व्यक्तियों के द्वारा तंबाकू उत्पाद बेचना प्रतिबंधित है और धारा ब
के अनुसार शैक्षणिक संस्थानों के 100 गज के दूरी में तंबाकू उत्पाद विक्रय प्रतिबंधित है। तंबाखू उत्पादों पर चित्र में
स्वास्थ्य चेतावनी प्रदर्शित होनी अनिवार्य हैए एमपीवीएचएके कार्यकारी निर्देशक मुकेश सिन्हा के द्वारा तंबाखू
नियंत्रण कानून की जानकारी दी गई जिसके मुख्य रूप से धारा 4 के अंतर्गत सार्वजानिक स्थलों पर धु्रमपान निषेध
उल्लघन करने पर 200 रूपये का जुर्माना। इसी प्रकार धारा 5ए6 एवं 7 के बारे में जानकारी दी गई।
कार्यशाला में तंबाखूू मुक्त शिक्षण संस्थान क्रियान्वयन निर्देशिका पुस्तिका का विमोचन किया गया। साथ ही
कार्यशाला में उपस्थित सभी लोगों ने एक मन, दृढ निश्चय से संकल्प लिया कि खुद इस व्यसन से दूर रहेंगे और
दूसरों को भी इससे दूर रहने की समझाइश देवें।
कार्यशाला में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आर.एस. पाण्डेय, प्राचार्य कन्या महाविद्यालय डॉ. उषा
नीलम, समाज शास्त्री डॉ. तारामणि श्रीवास्तव, जिला शिक्षा अधिकारी डॉ.पी.के. मरपाची, डीएसपी श्रीमती अंकिता
सुल्या, जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. रमाकांत शुक्ला, जिला क्षय नियंत्रण अधिकारी डॉ. योगेन्द्र पासवान, नोडल
अधिकारी डॉ. पुनीत श्रीवास्तव, डा. अंशुमन सोनारेए डीपीएम मनोज द्विवेदी, स्वय सेवी अरूण बाजपेयी डॉ. राज
शेखर पाण्डेय सभी सीडीपीओए सीबीएमओ एवं अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थें।