एयरपोर्ट की तरह बनेंगे टॉयलेट

जिला चिकित्सालय के सिविल सर्जन ने कहा स्वच्छता पर होगा विशेष ध्यान
शहडोल जिला चिकित्सालय की अन्य व्यवस्थाओं के साथ ही स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया जाएगा टॉयलेट को तोड़कर एयरपोर्ट के टॉयलेट की तरह अत्याधुनिक बनाने का लक्ष्य है। फिलहाल बेसिक जरूरतें ठीक की जाएंगी।यह बात रविवार को सिविल सर्जन डॉ. जी. एस. परिहार ने पत्रकारों से कही। उन्होंने कहा कि टूटे नलों को ठीक कर टॉयलेट के दरवाजों की मरम्मत भी की जाएगी।
डायलिसिस की तीसरी मशीन
सिविल सर्जन डॉ. जी. एस. परिहार ने बताया कि डायलिसिस की दो मशीन शासन ने दिया था, जिसमें से एक खराब हो गई थी। खराब मशीन को दुरुस्त करा लिया गया है,साथ ही कलेक्टर डॉ. सत्येंद्र सिंह के प्रयास से तीसरी मशीन भी आ गई है। तीनों मशीनों को एक टेक्निशियन चला रहा है, एक मशीन से प्रतिदिन 6 मरीजों की डायलिसिस की जाती है, इसलिए तीन मशीनों से 18 मरीजों की डायलिसिस रोजाना की जाने लगी है । 75 मरीजों ने डायलिसिस के लिए पंजीयन कराया है।
एक और डायलिसिस मशीन की जरूरत
सिविल सर्जन ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए बताया कि अस्पताल में 18 मरीज हेपेटाइटिस-सी के हैं, यह संक्रामक रोग है, इनकी डायलिसिस के लिए एक और मशीन की जरूरत महसूस की जा रही है। हेपेटाइटिस-बी एवं सी के मरीजों की डायलिसिस रिजर्व मशीन से ही की जाती है ताकि दूसरे मरीजों की यह बीमारी वायरल ना हो। डॉ. परिहार के अनुसार तीन डॉक्टरों की एक कमेटी गठित की गई है जो एक और मशीन की व्यवस्था के संबंध में निर्णय लेंगे,14 लाख रुपया की यह मशीन आती है।
सिटी स्कैन मशीन
डॉ. परिहार ने यह जानकारी भी दी कि जिला चिकित्सालय में ज्यादा से ज्यादा मरीजों को लाभ पहुंचाने के लिए सिटी स्कैन मशीन भी शीघ्र मंगवाने के प्रयास किए जा रहे हैं। लगभग डेढ़ माह में मशीन आने की संभावना है। सिविल सर्जन ने कहा कि संवेदनशील कलेक्टर के सहयोग से ही जिला चिकित्सालय का कायाकल्प हो रहा है, सीटी स्कैन मशीन लगाने के लिए 50 केवी विद्युत ट्रांसफार्मर अलग से स्थापित किया जाना है, जिसकी प्रक्रिया प्रारंभ हो गई है। मात्र 950 रुपया का शुल्क अदा कर कोई भी मरीज सिटी स्कैन करवा सकेगा, सिर्फ बीपीएल के मरीजों को नि:शुल्क सुविधा प्राप्त होगी। इस सुविधा का लाभ प्राइवेट क्लीनिक के मरीज भी ले सकेंगे, इस मशीन के लिए अलग से भवन का निर्माण भी किया जाएगा।
1 करोड़ रुपए की डिमांड
सिविल सर्जन ने आगे बताया कि जिला अस्पताल के अच्छे स्टूमेंट्स क्रय करने के लिए कलेक्टर को एक करोड़ रुपए की डिमांड भेज दी गई है, डीएमएफ से कलेक्टर जिला चिकित्सालय का कायाकल्प करेंगे।
ब्लड कनेक्शन ट्रांसपोर्ट वैन
डॉ. परिहार ने बताया कि ब्लड ट्रांसपोर्ट वैन शीघ्र ही जिला चिकित्सालय को प्राप्त हो जाएगी, जिससे घर-घर जाकर ब्लड डोनेशन करने वालों से ब्लड लिया जा सकेगा। 8 मार्च को भोपाल में इस वैन की डिलीवरी हो जाएगी। इस वैन में फ्रिज, एसी एवं डोनर्स काउच लगे रहते हैं, इसके अलावा दो एंबुलेंस और मंगाई गई है, एक डॉक्टर को प्रशिक्षण दिलाकर इको मशीन भी शुरू की जाएगी।
काम के प्रति डेडीकेशन
डॉ. परिहार ने पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत करते हुए बताया कि काम के प्रति डेडीकेशन सीखना हो तो 3 डॉक्टरों डॉ. धर्मेंद्र द्विवेदी, डॉ. गंगेश टांडिया एवं डॉ. अरविंद अंबेडकर से सीखनी चाहिए, क्योंकि यह तीनों डॉक्टर मरीजों को सेवा प्रदान करने के लिए पूरी तरह समर्पित हैं और रात दिन मेहनत करते हैं। पत्रकारों के सुझाव का स्वागत करते हुए सिविल सर्जन ने वार्डों में यूरिन पॉट, व्हीलचेयर एवं प्रवेश पत्र की व्यवस्था, बेहतर सफाई व्यवस्था एवं खराब पड़े उपकरणों की मरम्मत की व्यवस्था करने की बात कही।
सफाई कर्मी हमारे भगवान
सिविल सर्जन डॉ. परिहार ने कहा कि सफाई कर्मियों के प्रति मेरा विशेष स्नेह है, क्योंकि पूरे अस्पताल की स्वच्छता का दायित्व सफाई कर्मी बखूबी निभाते हैं। उन्होंने कहा कि सफाई कर्मी हमारे भगवान हैं, सफाई कर्मी मनोज एवं सुरेश का उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि शराब के नशे के आदी इन दोनों की शराब छुड़वा कर किस तरह से उनके जीवन में सुधार किया गया है और अब यह दोनों कर्मी पूरी तरह निष्ठाभाव से समर्पित होकर सेवा कर रहे हैं।
पर्याप्त एक्स-रे फिल्म
जिला चिकित्सालय में एक्स-रे फिल्म पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध होने की जानकारी देते हुए डॉ. परिहार ने बताया कि फरवरी माह में 1653 मरीजों को एक्स-रे फिल्म से रिपोर्ट दी गई है, इसके अलावा मोबाइल से भी एक्सरे रिपोर्ट दिए जाने का सिस्टम काम कर रहा है, जबकि कुछ लोग गलत जानकारी प्रसारित करके भ्रम की स्थिति उत्पन्न कर रहे हैं।
भर्ती मरीजों को गुणवत्तापूर्ण भोजन
डॉ परिहार के अनुसार अस्पताल में भर्ती मरीजों को गुणवत्ता युक्त भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है, शासन से 40 रुपये प्रति मरीज की राशि स्वीकृत है, प्रसूताओं को गुड़ के लड्डू एवं फल अलग से दिया जाता है और प्रसूताओं के लिए 90 रुपये प्रति मरीज का बजट है।