दुर्घटना के बाद लिया टूरिस्ट बीमा : जीपीएस सिस्टम खोलेगा राज

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आरटीओ के संरक्षण में दौड़ रहे बिना परमिट की

दर्जनों बसें

ग्राम असवारी के पास दुर्घटना ग्रस्त बस का मामला

दादू एंड ट्रेवल्स एक बार फिर बना

असमय मौत का कारण

शनिवार की शाम लगभग 4:00 बजे के आसपास रीवा से शहडोल आ रही यात्री बस दुर्घटना का शिकार हो गई, जिसमें एक ट्रक चालक की मौत हो गई, यात्री बस बिना परमिट के बीते कई माह से दौड़ रही थी, दुर्घटना के कुछ मिनट बाद टूरिस्ट परमिट कटवाया गया, पुलिस को गुमराह करने के लिए खेले गए इस खेल का राज बस में लगा जीपीएस सिस्टम और पैनिक बटन खोलेगा, बहरहाल बस मालिक और आरटीओ धन लोलुपता ट्रक चालक की मौत का सबक बन गई।

शहडोल। रीवा से होकर अमरकंटक जाने के लिए परिवहन विभाग रीवा के द्वारा दादू एंड ट्रेवल्स के संचालक मृगेंद्र मिश्रा के नाम पर कुछ वर्षों पूर्व बस का परमिट जारी किया गया था, बस क्रमांक एमपी 17 पी 1255 सुबह 7:00 बजे रीवा से चलती थी और 12:00 बजे शहडोल पहुंचकर 12:30 बजे शहडोल से अमरकंटक के लिए रवाना हो जाती थी, इस बस का परमिट बीते 4 फरवरी 2025 तक का था, उसके बाद परिवहन विभाग के अधिकारी और बस के संचालक आपसी सांठगांठ कर बिना परमिट के ही बस को दौड़ा रहे थे, मजे की बात तो यह है कि परिवहन विभाग रीवा ने इसी समय पर अनूपपुर के प्रहलाद छुगानी का एक और परमिट बस क्रमांक mp 65 P 0147 का भी जारी किया हुआ था, जो अपने आप में जांच का विषय है, बहरहाल शनिवार 12 अप्रैल की शाम करीब 4:00 बजे के आसपास जब यात्री बस क्रमांक एमपी 17 पी 1255 ब्यौहारी, जयसिंहनगर से होती हुई गोहपारु के बाद असवारी मुख्य मार्ग पर पहुंची, इसी दौरान उत्तर प्रदेश की एक ट्रक से आमने-सामने भिड़ंत हो गई, इस भिड़ंत में उत्तर प्रदेश के रहने वाले मिथिलेश मिश्रा नामक ट्रक चालक की दर्दनाक मौत हो गई, घायलों को पहले सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गोहपारू और उसके बाद जिला अस्पताल तथा मेडिकल कॉलेज शहडोल में शाम करीब 6:00 बजे के आसपास भर्ती कराया गया। सूचना के बाद गोहपारू पुलिस मौके पर पहुंची और शव का पंचनामा तथा अन्य प्रक्रिया पूरी की, इस मामले को फिलहाल पुलिस ने जांच में लिया हुआ है, बस और ट्रक को दुर्घटना स्थल से हटकर आवागमन सुचारू किया गया और मामले की जांच शुरू कर दी गई। पुलिस इस मामले की एक और जांच कर रही है वहीं दूसरी ओर इस मामले में परिवहन विभाग तथा बस मालिकों के बीच शासन को चूना लगाने और अपनी जेबें भरने का एक बड़ा मामला सामने आया है, जिसकी यदि क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकार अर्थात शहडोल और रीवा के संभाग आयुक्त ने जांच कराई तो इस मामले के अलावा दर्जनों ऐसे और मामले सामने आ सकते हैं, जिसमें बस मालिक और परिवहन अधिकारियों के द्वारा अपने ही विभाग को चूना लगाने का बड़ा खुलासा हो सकता है।

सुनिए क्या कह रही सरकारी कर्मचारी की पत्नी

मामले पर पर्दा डालने का नाकाम प्रयास

दादू एंड ट्रेवल्स की बस क्रमांक एमपी 17 पी 1255 का रजिस्ट्रेशन परिवहन विभाग के ऑनलाइन पोर्टल पर 3 जून 2015 का दिखाया जा रहा है, वही बस का बीमा और फिटनेस भी क्रमशः 2 दिसंबर और 18 दिसंबर 2025 तक जीवित है, लेकिन बस का परमिट 4 फरवरी 2025 को खत्म हो चुका था, यह बस रीवा के चाकघाट से शहडोल होती हुई अमरकंटक जाती थी, परिवहन विभाग के द्वारा इस बस का परमिट 4 फरवरी के बाद दोबारा बढ़ाया नहीं गया, शनिवार की शाम करीब 4:00 के आसपास जब बस ग्राम असवारी के समीप दुर्घटनाग्रस्त हो गई और लगभग दो दर्जन से अधिक लोग घायल हो गए इसके ठीक बाद बस मालिक मृगेंद्र मिश्रा ने इस पूरे मामले में पर्दा डालने और खुद को बचाने के लिए परिवहन विभाग के ऑनलाइन पोर्टल से 4:20 पर टूरिस्ट परमिट लिया गया, सीधी से लेकर शहडोल तक के लिए लिया गया, यह टूरिस्ट परमिट पुलिस और भविष्य में न्यायालय में जमानत और मृतक को मुआवजा न देने तथा घायलों को आर्थिक मदद देने से बचने के लिए किया गया , दादू ट्रैवल्स एंड कंपनी के द्वारा इस तरह की धोखाधड़ी पहली बार नहीं की गई है पूर्व के मामलों में भी इसी कंपनी की अलग-अलग षड़यंत्र रचकर दुर्घटनाग्रस्त होने पर इस तरह के खेल रचे गए हैं।

(घायलों के बयान बता रहे टूरिस्ट नहीं

यात्री ढोए जा रहे थे बस में)

(घायलों के बयान प्रमाणित करते है कि घटना 4 बजे के आस पास हुई और परमिट बाद में बनाया गया)


जीपीएस सिस्टम सहित पार्टी परमिट की जांच की मांग

केंद्रीय मोटर परिवहन एक्ट के तहत सभी यात्री तथा माल वाहक वाहनों में जीपीएस सिस्टम की अनिवार्यता की गई है, शनिवार को दुर्घटनाग्रस्त हुई उक्त बस में भी लगे जीपीएस सिस्टम तथा पैनिक बटन एलटीडी की जांच दादू ट्रेवल्स के तथाकथित संचालकों के द्वारा रचे गए खेल का पर्दाफाश कर सकती है, जाहिर है कि बीते वर्ष में जब बस को परिवहन विभाग के द्वारा फिटनेस प्रमाण पत्र जारी किया गया होगा, तब जीपीएस सिस्टम भी की भी जांच की गई होगी, इस मामले में संभाग आयुक्त तथा परिवहन विभाग के ग्वालियर में बैठे वरिष्ठ अधिकारियों से के जीपीएस रिपोर्ट तथा लट्टीट्यूड व लट्टीट्यूड से संदर्भित जांच की मांग भी की गई है, इसके अलावा यदि बस का परमिट 4:20 पर सीधी से लेकर शहडोल के लिए जारी हुआ था, तो दुर्घटना इससे पहले लगभग 4 के आसपास कारित हुई, इससे यह स्पष्ट होता है कि यदि बस का परमिट 4:20 पर सीधी से शहडोल के लिए पिकनिक या रिजर्व पार्टी हेतु जारी हुआ था तो इतने कम समय में बस सीधी से चलकर असवारी तक कैसे पहुंच गई, पूरे मामले को दबाने के लिए झूठ की कई परतें बिछाई गई है जो परतदर परत खुलकर सामने आने लगी है।

टूरिस्ट बस में ढोए जा रहे थे यात्री व सरकारी कर्मचारी

शनिवार की शाम लगभग 4:00 बजे के आसपास ग्राम असवारी के समीप जो बस दुर्घटनाग्रस्त हुई, उसमें डेढ़ दर्जन से अधिक यात्री घायल हो गए, जिला चिकित्सालय के अलावा शहडोल मेडिकल कॉलेज में भी लगभग 11 पीड़ितों को भर्ती कराया गया था, जिसमें मोहन सिंह सोहागपुर के अलावा को गोहपारु के आनंद कुमार बैगा, ग्राम देवरी के सोमेश यादव, पुलिस लाइन शहडोल के विजय मिश्रा के साथ ही इंद्रावती बैगा, रामबाई, भैया लाल, रामजी सिंह, पप्पू सिंह जैसे कई नाम शामिल है। इन सबको लगभग शाम 6:00 बजे के आसपास सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गोहपारू से रेफर कर कर शहडोल भेजा गया था, जाहिर है 4:00 बजे दुर्घटना घटित होने के बाद पीड़ितों को दुर्घटनाग्रस्त बस से स्थानीय लोगों ने मदद कर बाहर निकाला, उसके बाद वाहनों का इंतजाम किया गया और उसमें एक-एक करके पीड़ितों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गोहपारू भेजा गया, वहां उन्हें भर्ती किया गया, प्राथमिक उपचार हुआ और फिर हालात और खराब होने के बाद क्रमशः 2 से 4 करके सभी को शाम 6:15 तक मेडिकल कॉलेज शहडोल पहुंचाया गया। इनमें से कुछ लोग गोहपारू से, कुछ उसके पहले और कुछ अन्य स्थानों से यात्रा शुरू की थी, कुछ सरकारी कर्मचारी और शिक्षक भी हैं जो अपनी ड्यूटी पूरी करके इस बस में शहडोल आने के लिए चढ़े थे, नियमतह टूरिस्ट बस के लिए आवेदन करने के उपरांत सभी यात्रियों की एक सूची बनाकर उन्हें एक साथ एक स्थान से गंतव्य स्थान तक ले जाना चाहिए था, जबकि बस में चढ़े सभी यात्री टूरिस्ट ना होकर नियमित यात्री थे, जो अलग-अलग स्थान से अलग-अलग स्थान के लिए शुल्क देकर बस में यात्रा के लिए चढ़े थे और दुर्घटना का शिकार हो गए, परमिट जारी करके पूरे मामले को छुपाने का प्रयास किया गया, जिससे बीमा कंपनी को भी चपत लगाई जा सके और पुलिस की जांच और कार्यवाही के साथ ही न्यायालय प्रक्रिया को भी धोखे में रखा जा सके

तो झूठा है सीधी से परमिट दिखाने का खेल

दादू एंड ट्रेवल्स के तथाकथित बस संचालक मृगेंद्र मिश्रा ने पहले तो शासन के राजस्व की चोरी की, वही प्रतिदिन दर्जनों यात्रियों की जान भी जोखिम सिर्फ परमिट शुल्क की बचत करने के लिए की। बताया जा रहा है कि बस बिना परमिट के दौड़ रही थी और बाद में इस मामले को दबाने के लिए और पुलिस कार्यवाही को गुमराह करने के लिए सीधी से शहडोल का परमिट बनाया गया, इस मामले में यदि पुलिस सीधी से शहडोल असवारी तथा ब्यौहारी, जयसिंह नगर क्षेत्र में लगे थानों की सीसीटीवी कैमरे और रास्ते में लगे सीसीटीवी कैमरा की जांच करें तो यह स्पष्ट हो जाएगा कि बस कितने समय कहां से गुजरी थी, बस सीधी से आ रही थी या फिर ब्यौहारी की ओर से, यात्री बस के रूप में दौड़ाई जा रही थी, सीसीटीवी कैमरा तथा जीपीएस सिस्टम की जांच से बस के दुर्घटना के समय की जहां जांच स्पष्ट हो जाएगी बस मालिक के द्वारा रचे के षड्यंत्र का भी खुलासा हो जाएगा।

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