यातायात विभाग: गस्ती और वसूली साथ-साथ

यातायात विभाग: गस्ती और वसूली साथ-साथ
पुलिस अधीक्षक की मंशा पर पानी फेर रहा यातायात विभाग
वाहन चैकिंग के नाम पर पुलिस कर्मी कर रहे अपनी जेबें गरम
जांच के नाम पर खर्चा पानी, व्यापारियों को हो रही सबसे ज्यादा परेशानी
शहर की व्यवस्था सुधारने की बजाय हाईवे पर वसूली में मस्त है यातायात पुलिस
पुलिस अधीक्षक अखिल पटेल जिले में जीरो टोलरेंस पर कार्य कर रहे है, अवैध गतिविधियां, सूदखोरी, जुआ-सट्टा जैसे अपराध शून्यता की ओर चल रहे है, लेकिन उनके मेहनत पर पानी फेरने में उनके ही नुमाईदें सबसे आगे निकल रहे है, जिले का यातायात विभाग अब दिन-रात अवैध गतिविधियों को रोकने के नाम पर वसूली अभियान चला रही है।
अनूपपुर। यातायात व्यवस्था को संभाल रहे युवा प्रभारी वीरेन्द्र कुमरे को छोडकर स्टाफ की तरफ नजर दौडाया जाये तो उनकी सर्विस बुक में कई अनुशासनहीनता के दाग नजर आयेंगे। जुगाड के दम पर यातायात विभाग में टिकने वाले आधा दर्जन कर्मचारी यातायात प्रभारी को नही बल्कि पुलिस अधीक्षक अखिल पटेल को भी गुमराह कर देने सिस्टम जानते है। यही कारण है कि दिन और रात हाईवे व अन्य जगहों पर विचरण करते हुए अवैध गतिविधियों को रोकने का दंभ भर कर अवैध वसूली का कारोबार करते नजर आते है। यही कारण है कि कर्मचारियों को यातायात से अन्य थाना के लिए चलता तो कर दिया जाता है, लेकिन कुछ माह बात पुन: जगाड लगाकर वापस यातायात विभाग पहुंच जाते है। ऐसे कई कर्मचारी है जो वर्षो से यातायात में अपनी सेवाएं दे रहे है।
हाईवे पर यातायात
शहर की बिगड़ी यातायात व्यवस्था को सुधारने की बजाय यातायात पुलिस हाईवे पर वसूली अभियान चलाती नजर आ रही है। यही कारण है कि लंबे समय से हाईवे पर चल रहे वसूली के गोरखधंधे से ट्रक चालक भी परेशान हैं। गौरतलब है कि शहर की यातायात व्यवस्था की गवाही देते हुए हर दिन जाम के चंगुल में फंसा नजर आता है। शहर की यातायात व्यवस्था को सुधारने के लिए कई बार कवायद भी शुरू की गई, लेकिन यातायात प्रभारी के वसूली अभियान के कारण व्यवस्था में कोई सुधार नहीं आया। उल्लेखनीय है कि प्रतिदिन यातायात प्रभारी अपनी टीम को हाईवे व अन्य जगह पाइंट लगाकर कार्रवाई के नाम पर वसूली अभियान चला रहे हैं। एक वाहन चालक ने नाम न बताने के सर्त पर कहा कि यातायात पुलिस गाडियों के दस्तावेजों व ओव्हरलोड सहित बिल भी दिखाने को कहती है, दिखाने के बाद कई घंटो तक गाडियों को खडी कराई जाती है, परेशान होकर जबरन का इन्ट्री भी देना पडता है।
सडक़ों पर अतिक्रमण आज भी
व्यवस्था सुधार का जिम्मा निभाने वाला यातायात विभाग स्वयं यातायात के नियमों का पालन नहीं कर रहा और लोगों से यातायात के नियम के नाम पर जुर्माना कम अवैध वसूली ज्यादा कर रहा है। जिला मुख्यालय के शहर के अंदर यातायात व्यवस्था पूरी तरह से बिगड़ चुकी है, सडक़ों पर अतिक्रमण देखते ही बनता है, बस स्टैंड पूरी तरह से अव्यवस्थित हो चुका, स्टेशन चौक, इंदिरा तिराहा, अमरकंटक रोड, सामतपुर तालाब के पास एवं अन्य प्रमुख स्थानों पर यातायात व्यवस्था पूरी तरह से बिगड़ी हुई है।लेकिन यातायात पुलिस को फुर्सत नहीं शहर की व्यवस्था सुधारने की वह हाईवे पर रात के अंधेरे में जब सब सो रहे होते हैं जुर्माने के नाम पर अपनी गाड़ी की लाइट चमचमाते हुए वाहनों को रोक रोक कर जुर्माने की आड़ में अवैध वसूली करने में पूरी तरह मस्त रहते हैं। इनको रात में नींद नहीं आती क्योंकि लक्ष्मी के आगे नींद भी नतमस्तक हो जाती है।
जांबाज एसपी की भी नहीं चिंता
शुरुआती दौर में पुलिस अधीक्षक ने कमान संभाली तो सब की हालात सुधर गये थे, लेकिन अब यातायात विभाग अपने पुराने ढर्रे में पहुंच गया है। ओवरलोड ट्रक, कैप्सूल, ऑटो रिक्शा, टैक्सी, बस डंके की चोट पर चल रही है, लेकिन इनका हर कहीं से बंधा हुआ है, जिससे इन पर कार्यवाही कभी कभार मात्र दिखावे के लिए की जाती है बाकी राजकाज डंके की चोट पर चल रहा है। आम जनता, आम नागरिक यातायात व्यवस्था को लेकर परेशान है। स्वयं यातायात विभाग यातायात के नियमों का पालन नहीं करता हेलमेट नहीं लगाता, सीट बेल्ट नहीं लगाता और लोगों से उम्मीद करता है कि आप नियमों का पालन करें।यातायात नियमों के नाम पर यातायात पुलिस राहगीरों के साथ बुरा व्यवहार कर भारी जुर्माना और अवैध वसूली में लगी हुई है।
शहर का यातायात प्रभावित
केवल राहगीरों को यातायात नियमों के उल्लंघन के नाम पर परेशान किया जा रहा है। जब से यातायात की कमान सूबेदार को सौंपी गई है, शुरुआती दौर में इनकी व्यवस्था अच्छी थी, लेकिन धीरे-धीरे इन्होंने व्यवस्था के नाम पर भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे दिया, जिससे इनके कर्मचारी दिन रात अवैध वसूली में लगे रहते हैं और उनकी जेब गर्म करते रहते हैं जिससे यह चुप्पी साधे अपनी ऑफिस देखते रहते हैं। पूरे जिले के अंदर अवैध वसूली का खेल खेला जा रहा है लेकिन किसी को इनके अवैध खेल से कोई लेना-देना नहीं।
नियम विरुद्ध वाहन चल रहे वाहन
नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं लेकिन ट्रैफिक पुलिस कोई से कोई लेना-देना नहीं।शहर के चौक चौराहे,फुटपाथ पर अतिक्रमण फैला हुआ है यातायात पूरी तरह से बाधित हो रहा है लेकिन अवैध वसूली के आगे यातायात विभाग कान में जूं तक नहीं रेंगती।खबर प्रकाशन के बाद एक्शन होता है फिर वही व्यवस्था चालू हो जाती है। आवश्यकता है यातायात के प्रभार में समय-समय पर परिवर्तन किया जाए और उनके कर्मचारियों को भी यहां से वहां किया जाए तो धीरे-धीरे व्यवस्था में सुधार आ सकता है एक जगह जमें जमें अधिकारी कर्मचारी परिपक्व हो जाते हैं और उनकी वसूली का धंधा तेजी से पनपता रहता है।
इनका कहना है
अवैध मादक पदार्थ व पशु तस्करों जैसे गतिविधियों को रोकने के लिए यातायात पुलिस लगाई गई है, अगर किसी प्रकार की अवैध वसूली गाडियों से की जा रही है तो मैं तत्काल यातायात प्रभारी से बात करता हूं।
अभिषेक राजन, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक
जिला अनूपपुर