बसों से अवैध कॉमर्शियल गुड्स की ढुलाई

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जबलपुर-नागपुर से यात्री बसों से हो रहा अवैध कारोबार

इन्ट्रो-परिवहन विभाग के नियमों की अनदेखी करके निजी बसों की छत पर कई फुट ऊंचाई तक कामर्शियल लगेज रखा जा रहा है जो अक्सर बिजली के तारों से टकराता है, इससे चिंगारी निकलती है। जो कभी भी हादसे का कारण बन सकती है। निजी बसों पर रखा हुआ यह लगेज कई बार बिजली के तारों को भी छूने के बाद भी बस संचालक इस पर ध्यान नहीं दे रहे। परिवहन विभाग और पुलिस के अधिकारी भी बस संचालकों पर कार्रवाई नहीं कर रहे।
शहडोल। संभागीय मुख्यालय से जबलपुर-नागपुर रूट पर चल रही यात्री बसों में कमर्शियल गुड्स की अवैध ढुलाई खुलेआम चल रही है, लेकिन जिम्मेदार विभाग के पास कार्रवाई के करने फुर्सत नहीं है। इसलिए परिवहन विभाग को करोड़ों के राजस्व का चूना लगाकर निजी बस संचालकों को फायदा पहुंचाया जा रहा है। यही नहीं, इस कारोबार से यात्रियों के सामान और जान पर जोखिम बना रहता है। पूर्व में यात्रियों का लगेज गायब होने की घटनाएं हुई भी हैं, लेकिन उनमें कोई कार्रवाई नहीं की जाती। संभागीय मुख्यालय के जिम्मेदार बसों में कमर्शियल गुड्स की ढुलाई से अधिकारी अनजान बने हुए हैं।

नहीं होनी चाहिए ढुलाई

जबलपुर से शहडोल एवं नागपुर से शहडोल की ओर आने वाली बसों के जरिए पार्सल भेजने में फूलप्रूफ जांच नहीं की जाती। पार्सल के अंदर विस्फोटक, मादक पदार्थ कुछ भी रखकर भेजा जा सकता है। बसों में यात्री लगेज आड़ में बड़े पैमाने पर कॉमर्शियल गुड्स की ढुलाई की जा रही है। इससे हर महीने मोटा व्यवसाय किया जा रहा है। सूत्रों की मानें तो इसमें नेताओं और सरकारी विभागों के जिम्मेदार अधिकारियों की दुरभिसंधि है। नियमानुसार इन बसों में निर्धारित यात्री लगेज के अलावा व्यावसायिक माल की ढुलाई नहीं होनी चाहिए।

तीसरी आंख को रतौंधी

जबलपुर-शहडोल एवं नागपुर-शहडोल के बीच होने वाली कमर्शियल गतिविधियों का माल भी बड़े पैमाने पर शहडोल मंगाया जाता है। कुछ का कुछ माल पैकेट पर लिखकर मंगाने-भेजने से काफी सस्ता पड़ता है। माल का पार्सल खोलकर चेक नहीं किया जाता। छोटे पैकेट के 70 रुपए और कार्टून के 100-120 रुपए लगते हैं। पार्सल का बुकिंग काउंटर 24 घंटे खुला रहता है और किसी भी समय बुकिंग करवा सकते हैं, मजे की बात तो यह है कि कमर्शियल लगेज से लदी बस परिवहन कार्यालय के सामने से होकर प्रतिदिन गुजरती है, लेकिन जिम्मेदार आंख बंद करे हुए हैंं, इसके अलावा शहर में घुसते ही तीसरी आंख की जद में भी आते हैं, लेकिन तीसरी आंख को रतौंधी होने के चक्कर में वह भी इसे देख नहीं पाती।

यात्रियों का सामान सुरक्षित नहीं

जलबपुर से शहडोल एवं नागपुर से शहडोल का सफर करना है तो, दलालों द्वारा टिकट उपलब्ध कराई जाती है, जानकारों की माने तो ऐसे किसी ट्रेवल्स की बसों के संचालन की अनुमति संभाग में नहीं है, बावजूद इसके जबलपुर से यात्रियों को यादव ट्रेवल्स एवं नागपुर से ओरेंज सिटी ट्रेवल्स द्वारा टिकट काटकर दी जाती है, ट्रेवल्स की टिकट में स्पष्ट लिखा है कि यात्री अपने सामान की स्वयं रक्षा करें, इससे साफ जाहिर होता है कि जिले मे अवैध बसों का संचालन धड़ल्ले से हो रहा है, आये दिन शहर में नशीली दवाओं का जखीरा पकड़ा जाता है, लेकिन कभी इन बसों की पड़ताल नहीं होती कि आखिर इन बसों से आ क्या रहा है, जागरूक लोगों ने कलेक्टर सहित पुलिस अधीक्षक से मांग की है कि यात्री बसों से कमर्शियल गुड्स की अवैध ढुलाई पर रोक लगाई जाये और इन बसों की जांच की जाये कि आखिर इन बसों से बड़े शहरों से क्या भेजा जा रहा है।

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