अवैध गांजा परिवहन मामले में दो आरोपियों को 5-5 वर्ष का सश्रम कारावास

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उमरिया विशेष न्यायालय का फैसला, प्रत्येक पर 10-10 हजार रुपए का अर्थदंड
उमरिया। जिले में अवैध मादक पदार्थों की तस्करी के एक पुराने मामले में न्यायालय ने कड़ा रुख अपनाते हुए दो आरोपियों को कठोर सजा सुनाई है। मीडिया प्रभारी (अभियोजन) नीरज पाण्डेय ने जानकारी दी कि विशेष न्यायाधीश (एनडीपीएस एक्ट) उमरिया ने विशेष प्रकरण क्रमांक SC NDPS/09/2017 में अहमद अली उर्फ राजा और दीपक कोल को दोषी पाते हुए 5-5 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 10-10 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है।
घटना का खुलासा
29 अक्टूबर 2017 को थाना पाली में पदस्थ सहायक उपनिरीक्षक शशि कुमार द्विवेदी को मुखबिर से सूचना मिली कि दो व्यक्ति एक मोटरसाइकिल क्रमांक सीजी 10 बी-8104, हीरो होंडा सीडी डॉन से गांजा लेकर एनएच-78 मार्ग पर कमराई नदी के पुल के पास बैठे हैं। सूचना की गंभीरता को देखते हुए स्वतंत्र साक्षियों और पुलिस बल के साथ एएसआई द्विवेदी मौके पर पहुंचे। पुल पर दो व्यक्ति एक थैले के साथ बैठे मिले, जिन्होंने पूछताछ में अपने नाम अहमद अली एवं दीपक कोल बताए।
गांजा बरामदगी और गिरफ्तारी
पुलिस ने संदेहियों के थैले की तलाशी ली, जिसमें 8 किलो 100 ग्राम गांजा बरामद हुआ। मौके पर ही आरोपियों को गिरफ्तार किया गया और मोटरसाइकिल को भी जब्त कर लिया गया। इसके बाद थाना पाली में अपराध क्रमांक 546/17 दर्ज कर आरोपियों के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट की धारा 8 और 20(बी) के तहत मामला पंजीबद्ध किया गया।
अभियोजन और सुनवाई
मामले की विवेचना सहायक उपनिरीक्षक शशि कुमार द्विवेदी ने की, जिसमें सभी साक्ष्य, बरामदगी और गवाहों के बयान को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया गया। शासन की ओर से अपर लोक अभियोजक श्रीमती रचना गौतम ने पैरवी करते हुए न्यायालय में यह साबित किया कि आरोपी गांजा का अवैध परिवहन कर रहे थे।
सभी साक्ष्य और गवाही को सुनने के बाद 30 जुलाई 2025 को विशेष न्यायाधीश एनडीपीएस एक्ट उमरिया ने दोनों आरोपियों को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई। न्यायालय ने प्रत्येक को 5 वर्ष का सश्रम कारावास और 10 हजार रुपए का अर्थदंड देने का आदेश दिया। जुर्माना न भरने की स्थिति में अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।
इस पूरे प्रकरण में पुलिस की तत्परता, स्वतंत्र साक्षियों की उपस्थिति और अभियोजन पक्ष की प्रभावी पैरवी ने न्यायालय को आरोपी की दोष सिद्ध करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस फैसले से क्षेत्र में नशा तस्करी पर लगाम लगाने की दिशा में एक ठोस कदम माना जा रहा है।

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