ढ़ाई लाख के ईनामी विकास के बुढ़ार से जुडे हैं तार मामला पहुंचा माईक-2 के पास

(हलचल टीम)
शहडोल। उत्तरप्रदेश के कानपुर में 8 पुलिसकर्मियों की हत्या के मामले में विकास दुबे चार दिन से पुलिस की गिरफ्त से दूर है, यूपी पुलिस ने विकास की तलाश में 40 टीमें गठित की हैं, इसके अलावा एसटीएफ भी अलग-अलग जगह दबिश दे रही है, यूपी-नेपाल सीमा के अलावा यूपी-एमपी और यूपी-राजस्थान सीमा पर भी गश्त बढ़ा दी गई है, हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे पर अब पुलिस ने ढाई लाख रुपये का इनाम घोषित किया है, इसके अलावा पूरे प्रदेश के टोल नाकों पर उसके पोस्टर भी लगाए गए हैं।
बीते दिवस उत्तरप्रदेश से एसटीएफ की टीम विकास दुबे के सुराग तलाशते हुए जिले के बुढ़ार कस्बे में भी पहुंची थी। बताया जा रहा है कि बुढ़ार थाना अंतर्गत रेस्ट हाउस तिराहे के समीप रहने वाले राजू की बहन के साथ करीब 15 साल पहले विकास दुबे ने प्रेम विवाह किया था, इस संदर्भ में राजू का कहना है कि उसने खुद ही विकास से करीब डेढ़ दशक पहले संबंध खत्म कर लिये थे। चूंकि विकास दुबे का सीधे का बहनोई है, इसलिए एसटीएफ की टीम कल यहां पहुंची थी, संभवत: राजू से उसकी मुलाकात नहीं हुई थी, जिस कारण टीम बाकी बिन्दुओं पर जांच करने के बाद यहां से लौट गई थी।
कल राजू घर पर नहीं था, जब उसे यह जानकारी लगी तो, पहले उसने टीम से संपर्क किया और बाद में अपने संदर्भ में पूरी जानकारी देने खुद पुलिस अधीक्षक कार्यालय आया हुआ है। सूत्रों पर यकीन करें तो, अपने संदर्भ में जानकारी देने के लिए राजू ने अभी से कुछ देर पहले अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कार्यालय में अपनी आमद दर्ज कराई है। इस संदर्भ में पुलिस अधिकारियों से अभी तक न तो कोई चर्चा हो पाई है और उन्होंने न ही अभी तक यहां आने की पुष्टि ही की है।
कुछ कहानी विकास से जुड़ी.
खबर है कि पूर्व में शास्त्री नगर के शातिर बदमाश राजू खुल्लर और उसकी बहन सोनू की। आपराधिक घटनाओं को अंजाम देते हुए राजू खुल्लर और विकास दुबे वर्ष 1995 के आस-पास एक दूसरे के संपर्क में आए। कुछ ही समय में राजू विकास का जिगरी हो गया। विकास दुबे ने दुश्मनी निभाने में किसी को नहीं छोड़ा।
न सिर्फ चचेरे भाई की हत्या में उसका हाथ रहा, बल्कि प्रेमिका से पत्नी बनी युवती और उसके भाई तक का भी जानी दुश्मन बन गया। खबर है कि विकास के भय की वजह से युवती उसकी शरण में आ गई और भाई हमेशा के लिए यूपी छोड़कर भाग गया।
राजू ने सम्हाला था विकास का कारोबार
राजू-विकास का खास होने के बाद उसके तमाम गैर कानूनी धंधे संभालने लगा। घर में आने जाने की वजह से उसकी बहन सोनू से विकास के प्रेम संबंध हो गए। बाद में विकास ने सोनू से शादी की तो राजू साला हो गया। इन वर्षों में विकास ने बेशुमार दौलत कमाई।
सब की सब सोनू के नाम करता गया। विकास के साथ राजू खुल्लर की भी ताकत बढ़ती गई, वर्ष 2000 में ताराचंद्र इंटर कालेज के सेवानिवृत्त प्रिंसिपल सिद्धेश्वर पांडेय और वर्ष 2001 में दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री की हत्या के बाद विकास कभी जेल में रहा तो कभी फरार रहा। इस दौरान विकास की सारी सत्ता काफी हद तक राजू खुल्लर और उसकी बहन सोनू के पास रही। इसी बीच सोनू के संबंध विकास के एक बहुत ही खास शख्स से हो गए। तीनों ने विकास से दूरी बनाने का प्रयास किया। राजू बहन सोनू को लेकर काफी समय तक गायब रहा।
राजू बेचना चाहता था जमीन
संतोष शुक्ला हत्याकांड में विकास बरी हो गया, राजू- सोनू के नाम विकास की खरीदी हुई जमीनों को विकास के जेल में रहने के दौरान राजू बेचने की फिराक में था। राजू और सोनू की कारस्तानी का पता चलने पर वह आग बबूला हो गया। उसे सोनू के बेवफा होने से ज्यादा अपनी संपत्तियों के जाने का डर था। अपने दर्जनों गुर्गे राजू खुल्लर और सोनू को जिंदा या मुर्दा पकड़कर लाने के लिए लगा दिए।
बौखलाया विकास
जानकारों का कहना है कि सोनू की तलाश में विकास दुबे ने शास्त्री नगर स्थित उसके घर पर धावा बोला था। तब उसने मोहल्ले के कई घरों की तलाशी ली थी, लेकिन सोनू नहीं मिली। इस बेवफाई से विकास इतना बौखला गया था कि राजू का यूपी में रहना मुश्किल कर दिया। भाई के फरार होने और विकास के नजदीकी व्यक्ति के साथ देने से मना करने पर सोनू ने विकास के सामने सरेंडर कर दिया।
रिचा ही है सोनू
लोगों का कहना है कि सोनू ने नाम बदलकर विकास का काम संभाल लिया। चर्चाएं तो यहां तक हैं कि विकास दुबे के लखनऊ आवास में बतौर पत्नी साथ रहने वाली महिला रिचा दुबे ही सोनू है। अपराध की दुनिया में वह विकास की हर कदम पर सहयोगी रही है। यहां तक कि वह घरों के सीसीटीवी कैमरे अपने मोबाइल से आपरेट करती है।