एक सप्ताह से अहिरगवा के कठौतिया में डेरा जमाए है दो दन्तैल हाथी*

गिरीश राठौर
अनूपपुर/ अनूपपुर मंडल के वन परिक्षेत्र अहिरगवा अंतर्गत कठौतिया बीट के जंगल में विगत एक सप्ताह से दो दन्तैल हाथियों ने निरंतर डेरा जमाए हुए हैं जिससे जंगल के किनारे स्थित गांव के लोगों में दहशत की स्थिति बनी हुई है वही वन विभाग अहिरगवा तथा बुढार की टीम हाथियों के विचरण क्षेत्र में निरंतर नजर बनाए हुए ग्रामीणों को समझाइश देकर ग्रामीणों की सुरक्षा में लगे हैं,वही हाथियों का समूह कहीं अन्य स्थान पर जाने को तैयार सा नजर नहीं आ रहा है। इस संबंध में बताया जा रहा है कि विगत दो माह से अधिक समय से छत्तीसगढ़ राज्य की सीमा के मरवाही क्षेत्र से तीन दन्तैल हाथियों का समूह मध्य प्रदेश के अनूपपुर वन मण्डल अंतर्गत वन परीक्षेत्र जैतहरी,राजेंद्रगाम,अहिरगवा,शहडोल वन मंडल के वन परीक्षेत्र बुढार तथा डिंडोरी जिले के वन परीक्षेत्र शाहपुर एवं उमरिया जिले के पाली तथा घुनघुटी वन क्षेत्रों में निरंतर विचरण कर रहा है । इस बीच 29 मई को वन परीक्षेत्र रजेन्दगाम व डिन्डौरी जिले के शाहपुर इलाके से तीन दन्तैल हाथियों का दल दो भाग में बट गया रहा जिसमे से एक दन्तैल हाथी डिंडोरी जिले के शाहपुर क्षेत्र के जंगलों में विचरण करता हुआ वापस राजेंद्रग्राम,जैतहरी वन झेत्र से दस जून को छत्तीसगढ़ राज्य के मरवाही,खंडगवा से कटघोरा वन मंडल की ओर रवाना हुआ है,यह एक दन्तैल हाथी द्वारा विगत एक माह के मध्य डिंडोरी एवं छत्तीसगढ़ राज्य की सीमाओं में चार लोगों को मौत के घाट उतार चुका है जब कि दो दन्तैल हाथी अहिरगवा वन क्षेत्र से उमरिया जिले के पाली,घुनघुटी से वापस आकर शहडोल जिले की शहडोल एवं बुढार वन परिक्षेत्रों में विचरण करने बाद विगत 10 जून से वन परीक्षेत्र अहिरगवा के कठौतिया पूर्व एवं पश्चिम के जंगलों में वितरण करते हुए निरंतर डेरा जमाए हुए हैं,यह क्षेत्र शहडोल जिले के वन परीक्षेत्र बुढार एवं शहडोल वन परिक्षेत्र से लगा हुआ है। दो दन्तैल हाथियों के निरंतर विचरण के कारण बुढार एवं अहिरगवा के वन अधिकारी, कर्मचारी तथा पुलिस विभाग द्वारा हाथियों के विचरण क्षेत्र पर निगरानी रखते हुए आसपास के गांव कठौतिया,सामतपुर,कोदवार कठई के ग्रामीणों को सतर्कता बरतने की अपील करते हुए निरंतर निगरानी रख रहे हैं,विगत एक सप्ताह के मध्य दो दन्तैल हाथियो द्वारा दिन मे जंगल मे रह कर रात के समय गाव के आस- पास आ कर कुछ कच्चे मकानों में तोड़फोड़ कर मकान के अंदर रखें खाने-पीने की सामग्री को अपना आहार बनाया है वहीं ग्रामीणों के खेती-बाड़ियो में लगे कटहल व अन्य तरह के पेड़ों के फलों को भी खा गए हैं इन दो दन्तैल हाथियों के द्वारा अब तक किसी तरह के जनघायल एवं जनहानि करने की घटनाएं नहीं की है जो राहत की बात है ।