आदिवासियों की जमीन पर अल्ट्राटेक कम्पनी का बेजा कब्जा

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फर्जी अनुबंध कराकर सैकड़ों एकड़ कृषि भूमि ले ली गई, किसान परेशान व निराश

संभागीय मुख्यालय शहडोल के निकट ग्राम बिचारपुर में आदिवासियों की सैकड़ों एकड़ जमीन को फर्जी अनुबंध के माध्यम से अल्ट्राटेक सीमेन्ट कम्पनी द्वारा हथिया लिया गया है, किसान प्रताडि़त होकर निराश है, उनके सामाने रोजी-रोटी का संकट आन पड़ा। किसानों को न तो नौकरी दी जा रही है न ही उनको मुआवजा मिला रहा।

(सुनील मिश्रा) -9755476196

शहडोल। सीमेंट कंपनी द्वारा विचारपुर सहित आसपास के ग्रामीण इलाकों में आदिवासियों की भूमि को फर्जी अनुबंध करा कर खरीद फरोख्त का काम करने का आरोप लग रहा है, कंपनी से प्रभावित गांवो के आदिवासी किसानों के साथ तो छल-कपट एवं धोखा देने के साथ आदिवासी किसानों को जमीन के बदले जमीन व नौकरी देने के बजाय धोखे में रखकर अनुबंध कर खरीदा जा रहा है। इसमें एक नहीं अनेकों आदिवासी किसान है, जिसमें कृषिभूमि सैकड़ों एकड़ पर अल्ट्राटेक सीमेंट संयंत्र विचारपुर द्वारा बेजा कब्ज़ा किया जा रहा  है, जिसके चलते आर्थिक एवं मानसिक परेशानी से यहां के किसान गुजर रहे हैं अल्ट्राटेक सीमेंट कंपनी बिचारपुर के प्रताडऩा के चलते लोग परेशान हो रहे हैं व आने वाले दिनों में अपनी जमीन को खोकर बेघर व निराश्रित होने के डर से  इनको आत्महत्या करने की नौबत बन सकती है।

फर्जी अनुबंध का सहारा

कंपनी प्रबंधन द्वारा शासन-प्रशासन को गुमराह करने के लिए फर्जी अनुबंध पत्र का सहारा लिया जा रहा है। जबकि भूमि अधिग्रहण नियम के तहत आदिवासी कृषि भूमि पर कलेक्टर आदेश व पूर्ण भुगतान के बिना कब्ज़ा करना अपराध है फिर भी कंपनी प्रबंधन द्वारा विचारपुर क्षेत्र के सैकड़ों एकड़ कृषि भूमियों पर अवैध रूप से कब्जा कर माईन्स रेल्वे लाईन एवं उद्योग लगा कर निजी हित में उपयोग किया जाएगा। हमेशा आदिवासी किसानों की हित में बात कहने वाले शासन-प्रशासन के मौन मिलीभगत के चलते पीडि़त आदिवासी किसान परिवार दर-दर की ठोकरे खाने को मजबूर है।

किसानों के साथ धोखा

ग्राम विचारपुर में इस तरीके के जमीनी परेशानियों से पहले भी फांसी लगाकर आत्महत्या कर लिया गया था।  कंपनी के द्वारा कई मामलों मेंआदिवासी किसानों के साथ भी धोखा दिया है। आदिवासी किसानों के साथ अन्य किसानों को भी आत्महत्या के लिए मजबूर करने के लिए अल्ट्राटेक सीमेंट संयंत्र प्रबंधन के साथ अल्ट्राटेक सीमेंट संयंत्र के चेयरमैन बराबर के जिम्मेदार है। जिसने विगत  आदिवासी किसानों को ठगा जा रहा है, कलेक्टर आदेश का पालन नहीं किया गया है।

स्वास्थ हो रहा खराब

आदिवासी किसानों की जमीन पर कब्ज़ा कर लिए है पर नौकरी व जमीन देने के मामले में धोखा ही दी जाती रही है। शुरुवाती दौर के बाद प्रभावित गांवों से किसी भी नए व्यक्ति को परमानेट नौकरी नहीं  दी जाती है। अल्ट्राटेक सीमेंट संयंत्र विचारपुर में स्थापित होने के बाद  भी गाँव का विकास नहीं अपितु विनास ही हो सकता है, जल स्तर नीचे चला जाएगा। जिससे पूरी तरह पर्यावरण प्रभावित होगी, साथ ही धुल एवं धुँए से लोगों की स्वास्थ्य पूरी तरह से खऱाब हो जाएगा। इस तरह से पहले आदिवासियों की जमीन को नए-नए लुभावने अनुबंध देकर खरीदा जाता है और फिर बाद में उनको पूरी सुविधा मुहैया कराए बगैर ही छोड़ दिया जाता है।

इनका कहना है
इस संबंध में मुझे अभी शिकायत नहीं मिली है, शिकायत मिलने पर आवश्यक कार्यवाही की जायेगी।
डॉ. सतेन्द्र सिंह
कलेक्टर, शहडोल

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