आखिर किसके संरक्षण में फल-फूल रहा मानपुर–ताला क्षेत्र में अवैध शराब का कारोबार?

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(जय प्रकाश शर्मा)
मानपुर। नगर सहित ताला बांधवगढ़ हाईवे क्षेत्र में अवैध शराब कारोबार खुलेआम फल-फूल रहा है। शासन के स्पष्ट निर्देशों और गाइडलाइन को ठेंगा दिखाते हुए शराब माफिया और ठेकेदार हाईवे पर शराब दुकान का संचालन कर रहे हैं, जबकि नियमों के अनुसार ग्राम पंचायत क्षेत्र में हाईवे किनारे शराब दुकानें प्रतिबंधित हैं।
सूत्रों के अनुसार ताला मुख्यालय में लाइसेंसी शराब दुकानों की संख्या मात्र दो है, लेकिन वास्तविकता यह है कि ठेकेदार के गुर्गों द्वारा आधा सैकड़ा से अधिक गांवों में अवैध ठीहे बनाकर शराब की सप्लाई की जा रही है। यह सप्लाई मोटरसाइकिल और बोलेरो वाहनों से खुलेआम होती है।
आबकारी  और पुलिस की मिलीभगत के आरोप
ग्रामीणों का कहना है कि आबकारी विभाग और स्थानीय पुलिस सब कुछ जानते हुए भी आंख मूंदे बैठा है। कारण साफ है  ठेकेदार और माफिया द्वारा कथित रूप से “महीना” देकर अधिकारियों की चुप्पी खरीदी जाती है। इसी वजह से पूरे क्षेत्र में शराब माफियाओं को संरक्षण प्राप्त है और वे लाखों की अवैध कमाई कर रहे हैं।
आने वाली पीढ़ी बर्बादी की कगार पर
ग्रामीण जनप्रतिनिधियों और बुजुर्गों का मानना है कि गांव-गांव शराब की उपलब्धता ने युवा पीढ़ी को नशे की गिरफ्त में डाल दिया है। आए दिन झगड़े-फसाद और गंभीर अपराधों के पीछे शराब को ही जिम्मेदार माना जा रहा है।
चोरी-लूट की वारदातों में बढ़ोतरी
ग्रामीणों का कहना है कि शराब के आदी युवा रोजाना शराब खरीदने के लिए पैसों की व्यवस्था नहीं कर पाते। ऐसे में चोरी, लूटपाट और मारपीट जैसी घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं। गांव का शांत माहौल बिगड़ता जा रहा है और लोगों की सुरक्षा संकट में है।
शासन-प्रशासन से मांग
ग्रामीण अंचलों में बढ़ते इस अवैध कारोबार को लेकर लोगों ने शासन-प्रशासन से कड़ी कार्रवाई की मांग की है। ग्रामीणों का कहना है कि शराब माफियाओं और उनके संरक्षकों पर कठोर कानूनी कार्रवाई हो, तभी क्षेत्र में शांति और सुरक्षा बहाल हो पाएगी।

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