लोकपाल की नियुक्ति के बावजूद डिफाल्टर सूची में विश्वविद्यालय
शहडोल। उच्च शिक्षा विभाग द्वारा समस्त विश्व विद्यालयों में छात्रों की शिकायतें और अन्य मामलों के लिए यूजीसी के द्वारा 14 नवम्बर 2022 को पत्र जारी करके प्रदेश के समस्त विश्वविद्यालयों को लोकपाल की नियुक्ति करने के निर्देश दिये गये थे, भारत सरकार के राज पत्र में भी विश्व विद्यालय अनुदान आयोग के हवाले से लोकपाल की नियुक्ति के आदेश दिये गये थे, इधर यूजीसी ने शहडोल के पं. शंभूनाथ विश्वविद्यालय सहित प्रदेश की 18 यूनिवर्सिटियों को डिफाल्टर घोषित कर दिया, इस सूची में देशभर के 421 विश्वविद्यालय शामिल किये गये हैं। इधर पं. शंभूनाथ शुक्ल विश्वविद्यालय के कुलपति रमाशंकर तिवारी ने बताया यह किसी चूक के कारण हुआ है, जबकि बीते वर्ष सितम्बर में ही लोकपाल की नियुक्ति की जा चुकी है। पं. शंभूनाथ विश्वविद्यालय से मिली जानकारी के अनुसार सितम्बर 2023 में विनोद जायसवाल की नियुक्ति लोकपाल पद पर की जा चुकी है, यही नहीं विधिवत की गई भर्ती प्रक्रिया की पूरी जानकारी उच्च शिक्षा विभाग व मध्यप्रदेश शासन को भी पूर्व में भेजी जा चुकी है, यह अलग बात है कि इसकी जानकारी विश्वविद्यालय से यूजीसी को भेजने की प्रक्रिया न होने के कारण नहीं भेजी गई और अधूरी जानकारी के कारण विश्वविद्यालय के नाम डिफाल्टर सूची में आया है।