विश्वविद्यालय का सूचना तंत्र हुआ बेकार

कुलपति के नाम छात्रों ने सौंपा ज्ञापन
(Amit Dubey+8818814739)
शहडोल। पंडित एस.एन. शुक्ला विश्वविद्यालय की प्रवेश प्रक्रिया चल रही है, जिसमें छात्र निरंतर अनेक प्रकार की परेशानियों का सामना कर रहे हैं, विश्वविद्यालय के पास मजबूत तंत्र नहीं होने के कारण छात्रों की समस्याओं का समाधान नहीं हो पा रहा है, इन्हीं समस्याओं को संज्ञान में लेते हुए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद शहडोल ने विश्वविद्यालय कुलपति के नाम ज्ञापन सौंपा।
यूजी और पीजी के छात्र हो रहे परेशान
अभाविप नगर मंत्री सौरभ द्विवेदी ने ज्ञापन में उल्लेख किया कि कोरोना की वैश्विक महामारी के कारण पूरा समाज आर्थिक मंदी से गुजर रहा है, अत: शहडोल जैसे जनजाति क्षेत्र में छात्रों के परिवार की आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए विगत वर्षों तक जितनी प्रवेश शुल्क ली जाती रही है, इस बार उसकी 50 प्रतिशत शुल्क ही प्रवेश फीस के तौर पर ली जाए। साथ ही अवलोकन में यह ज्ञात हुआ है कि पूरे प्रदेश के विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में स्टूडेंट इंफरमेंशन सिस्टम की शुल्क मात्र 15 से 20 ही ली गई है, किंतु यहाँ एसआईएस शुल्क 100 रखी है , ऐसा क्यों जबकि छात्रों ने परीक्षा शुल्क भी दी है। अभी यूजी और पीजी की जो प्रवेश प्रक्रिया चल रही है, उसमें छात्र अभी तक सबसे ज्यादा परेशान हुए हैं, छात्रों के फार्म बार-बार रिजेक्ट कर दिए जा रहे हैं, जिस कारण नया रजिस्ट्रेशन कराना पड़ता है, अत: छात्रों के फार्म रिजेक्ट ना करें, बल्कि उन्हें अपने फार्म को सही करने का अवसर दें ताकि उन्हें बार-बार फीस ना देनी पड़े।
बंद पड़े हैं हेल्पलाइन नंबर
छात्रों ने मांग की है कि वर्तमान में विश्वविद्यालय की जो वेबसाइट है, वह बिल्कुल भी सही नहीं है, हर दिन नए एरर आ जाता हैं, लगता ही नहीं है कि यह किसी विश्वविद्यालय की वेबसाइट है, प्रतीत होता है कि विश्वविद्यालय द्वारा नियुक्त किए गए वेबसाइट ऑपरेटर अप्रशिक्षित हैं , वेबसाइट में आधे से ज्यादा प्रोफार्मा खुलते ही नहीं है, इसलिए या तो वेबसाइट बदली जाए या फिर उसे बेहतर की जाए। विश्वविद्यालय द्वारा अभी तक कोई भी हेल्पलाइन नंबर जारी नहीं किए गए हैं, जो संपर्क नंबर इनकी वेबसाइट पर उपलब्ध हैं, वह सभी बंद हैं, आपके कोई भी प्रभारी या एचओडी छात्रों से बात ही नहीं करते हैं, उनका कहना होता है कि कुल सचिव एवं कुलपति से बात करें तो, सभी छात्रों का कुलपति एवं कुलसचिव से संपर्क कर पाना कतई संभव नहीं है। साथ ही कोरोना काल में विश्वविद्यालय द्वारा जो भी व्हाट्सएप ग्रुप बनाए गए थे, उनमें भी आपके प्राध्यापक कोई सूचनाएं नहीं डालते हैं।
नहीं हुई अतिथि विद्वानों की भर्ती
यूजी एवं पीजी के लिए विश्वविद्यालय जो प्रवेश प्रक्रिया है, उसमें पहले राउंड के बाद सीधे स्पॉट राउंड होना है, जिस कारण छात्रों को रजिस्ट्रेशन के लिए बहुत कम समय मिल पाएगा। इसलिए या तो पहले राउंड की डेट बढ़ाई जाए, अन्यथा स्पॉट राउंड के पहले दूसरा राउंड का समय दिया जाए। पूरे प्रदेश के विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में अतिथि विद्वानों की नियुक्ति हो चुकी है, किंतु यहां अभी तक अतिथि विद्वानों की नियुक्ति की प्रक्रिया आरंभ तक नहीं हुई है, क्या विश्वविद्यालय को अतिथि विद्वानों की आवश्यकता नहीं है? गिने-चुने प्राध्यापक ही पूरा विश्वविद्यालय संचालित कर सकते हैं।
आंदोलन की चेतावनी
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने मांगो को जल्द पूरा किया करने के साथ ही मांग पूरी न होने पर उग्र आन्दोलन की चेतावनी दी है। इस दौरान मनोज यादव, अरुणेन्द्र पाण्डेय, डॉक्टर सिंह मार्को, उत्कर्ष द्विवेदी, शिवम वर्मा, सुजीत खटीक, ऋषि गुप्ता, आयुष गुप्ता, आकाश कुशवाहा, रोशन गुप्ता, अभिषेक गुप्ता, मोनू रजक ,सौरभ गुप्ता, बालकृष्ण साहू आदि कार्यकर्ता उपस्थित रहे।