शहर में चाकू का बेखौफ अपराध ट्रेन लाइटिंग स्टाफ का हेल्पर घायल ,मुख्य स्टेशन के द्वारा के बाहर हुई घटना ने पुलिस पर खड़े किये सवाल बढ़ती लापरवाही प्रशासन के लिए गहरी चिंता का विषय
शहर में चाकू का बेखौफ अपराध ट्रेन लाइटिंग स्टाफ का हेल्पर घायल ,मुख्य स्टेशन के द्वारा के बाहर हुई घटना ने पुलिस पर खड़े किये सवाल बढ़ती लापरवाही प्रशासन के लिए गहरी चिंता का विषय
कटनी।। शहर में चाकूबाजी की वारदातें थमने का नाम नहीं ले रही हैं। ताजा मामला गुरुवार की शाम लगभग 4:30 से 5:00 बजे के बीच मुख्य रेलवे स्टेशन के मुख्य द्वार पर सामने आया, जहां ट्रेन लाइटिंग कॉन्ट्रैक्टर स्टाफ LOA No. JBL-L-T. No-55-2024 Dt. 01.05.2025 के अंतर्गत कार्यरत कर्मचारी शशांक शुक्ला पिता इंद्र भूषण शुक्ला, जो हेल्पर के पद पर कार्यरत था, पर दो अज्ञात हमलावरों ने चाकू से ताबड़तोड़ हमला कर दिया। घटना के समय शशांक अपनी दैनिक ड्यूटी पर था। तभी अचानक दो लोग पहुंचे और पुरानी रंजिश के चलते उस पर हमला बोल दिया। चाकू का वार उसके कंधे के नीचे गंभीर रूप से लगा, जिसके बाद मौके पर मौजूद स्कूटी सवार दो युवकों ने तत्काल उसे जिला अस्पताल पहुंचाया। जिला अस्पताल में शशांक का इलाज जारी है और उसकी हालत फिलहाल स्थिर बताई जा रही है। घायल युवक गायत्री नगर, बैलट घाट का निवासी है।
शहर में पिछले कुछ समय से चाकूबाजी की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं। चाहे मुख्य रेलवे स्टेशन हो, भीड़भाड़ वाला बाजार हो या शहर की चौपाटी हर जगह अपराधी बेखौफ होकर वारदातों को अंजाम दे रहे हैं और मौके से फरार हो जा रहे हैं।
अपराधियों में कानून का डर कम होता दिख रहा है।
सार्वजनिक जगहों पर सुरक्षा व्यवस्था सवालों के घेरे में है। लगातार होती घटनाओं ने आम नागरिकों की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ा दी है। पुलिस प्रशासन अपनी ओर से अपराधियों को पकड़ने और उन पर कार्रवाई करने में जुटा है, लेकिन इसके बावजूद घटनाओं में कमी की बजाय बढ़ोतरी देखी जा रही है। वही इन कारणों को जिम्मेदार माना जा सकता है जिनमें सार्वजनिक स्थानों पर पर्याप्त पुलिस गश्त का अभाव,एंटी-सोशल तत्वों पर समय रहते निगरानी न हो पाना,किशोरों और युवाओं में बढ़ती आपराधिक प्रवृत्ति,छोटी रंजिशों का तुरंत हिंसा में बदल जाना,चाकू जैसे हथियारों की आसानी से उपलब्धता
प्रशासन के लिए बड़ा सवाल यह है कि चाकूबाजी को कैसे रोका जाए? लगातार बढ़ती घटनाएं जिला पुलिस प्रशासन के लिए गंभीर चिंता का विषय बन चुकी हैं। शहर में चाकूबाजी की घटनाओं पर नियंत्रण हेतु संवेदनशील इलाकों में पुलिस की चौकसी बढ़ाई जाए,स्टेशन, चौपाटियों और बाजारों में नियमित सर्चिंग अभियान चलाए जाएं,अपराधियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति को कड़ाई से लागू किया जाए,युवाओं में अपराध रोकथाम को लेकर जागरूकता अभियान चलाया जाए,सीसीटीवी कवरेज को बढ़ाया जाए ताकि हर गतिविधि रिकॉर्ड हो सके सहित इन कदमों की जरूरत है लगातार हो रही चाकूबाजी की घटनाओं ने नागरिकों में दहशत का माहौल पैदा कर दिया है। लोग दिनदहाड़े भी सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे हैं। सार्वजनिक स्थानों पर बढ़ते अपराध प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर रहे हैं। शहर में चाकूबाजी की बढ़ती घटनाएं अब सामान्य अपराध नहीं, बल्कि एक गंभीर सामाजिक समस्या बन चुकी हैं। प्रशासन को इन घटनाओं पर तुरंत और कड़े कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि अपराधियों में कानून का भय स्थापित हो सके और आमजन सुरक्षित महसूस कर सकें।