थाने में खड़े लाखों के वाहन नीलामी न होने से कबाड़ 

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ब्यौहारी। प्रशासनिक उदासीनता कहें या लापरवाही का नतीजा कि अपराध सिद्ध होने के बाद भी थाने में खड़े लाखों के जप्ती वाहन कई वर्षों से कंडम हो सड़ रहे हैं। जिसके कारण अपराध के साथ-साथ धन की भी अतिरिक्त क्षति हो रही है। थाना परिसर में सैकड़ों की संख्या में चार पहिया,  दो पहिया और बड़े वाहन कई वर्षों से कंडम हो रहे हैं, वाहनों की समय पर नीलामी नहीं की जा रही है। जबकि बीते दिनों प्रदेश सरकार ने थानों में वर्षो से खड़े कंडम वाहनों को लेकर चिंता जता चुके हैं। ऐसे में उम्मीद है कि इस समस्या का कोई समाधान निकलेगा।
नीलामी की प्रक्रिया लंबी
वर्षो से खड़े जप्त कंडम वाहनों के चलते थाना परिसर में अतिक्रमण सा रहता है और पूरा थाना कबाड़ गाह नजर आता है। मामलों में अतिरिक्त वाहनों की जप्ती एवं कार्यवाही के लिए थाना परिसर में पर्याप्त जगह नहीं रहती। थाने में चोरी की आशंका में धारा 41,1,4, के तहत वाहन जप्त किये जाते है। इनका निराकरण कोर्ट के  निर्देश के बाद ही होता है। इसके अलावा लावारिस हालत में मिले वाहनों को 25 पुलिस एक्ट के तहत जप्त करती है। इन वाहनों के निराकरण के लिए संबंधित एसडीएम की मंजूरी जरुरी होती है। इसके अलावा अवैध शराब परिवहन में वाहन जप्त किया जाता है। गम्भीर मामलों में जप्त वाहनों के नीलामी की प्रक्रिया बहुत लंबी होती है। मालखाना प्रभारी इन वाहनों की सही तरीके से देखरेख नहीं कर पाते इन तमाम लापरवाही की वजह से लाखों के वाहन बेवजह खड़े-खड़े सड़कर खराब हो रहे हैं।
जिम्मेदार भी हैं उदासीन
वाहनों की चोरी आबकारी और लावारिस  हालत में मिले वाहनों को जप्त किया जाता है। कई बार हादसे के बाद वाहन मालिक उसका निराकरण कराने ही नहीं आते है। ऐसे में जप्त सभी वाहनों को संबंधित थाना परिसर में रखा जाता है। इसके बाद जांच अधिकारी की जिम्मेदारी है कि वह उस वाहन पर उसका अपराध क्रमांक और अपराध की जानकारी दर्ज करे। इसके अलावा थाना प्रभारी कार्यपालिक मजिस्ट्रेट को इन वाहनों की नीलामी प्रक्रिया के संबंध में हर माह जानकारी भेजनी चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं हो पाता।
आखिर जिम्मेदार कौन
जप्त वाहनों की देखरेख की जिम्मेदारी मूल रूप से मालखाने के मुंशी की होती है। थाने में जगह कम होने के चलते वाहनों को खुले में रखा जाता है। बारिश, धूप , धूल, मिट्टी के कारण लाखों के वाहन कंडम स्थिति में नष्ट हो रहे हैं। कागजी कोरम पूरा ना होने से कबाड़ में तब्दील हो रहे थाने में खड़े जप्ती के इन वाहनों की समस्या के लिऐ आखिर जिम्मेदार कौन है? यह तो जाँच का विषय है।
इनका कहना है
संबंधित न्यायालय से अनुमति प्राप्त कर विधिवत नीलामी प्रक्रिया के तहत निकाल किया जाएगा। वहीं इस विषय में वरिष्ठ कार्यालय से भी निर्देश प्राप्त हुए है। थाना परिषर में जप्त वाहनों की सूची तैयार की जा रही है।

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