ग्रामीणों ने की कलेक्टर से की सरपंच को पद प्रथक करने की मांग

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अजय नामदेव-6269263787

सरपंच को करें कार्यमुक्त और हो भ्रष्टाचार की जांच
सरपंच को पद से पृथक करने की ग्रामीणों ने की कलेक्टर से मांग
भ्रष्टाचार एवं शासकीय राशि का दुरुपयोग के सरपंच के ऊपर आरोप

इन्ट्रो- जिला अंतर्गत ग्राम पंचायतों में भ्रष्टाचार के मामले आम से हो गए हैं। तभी तो आए दिन अखबारों के पन्ने ग्राम पंचायत में हो रहे भ्रष्टाचार के कारनामों से भरे रहते हैं ग्राम पंचायत के ग्रामीणों द्वारा बकायदा लिखित में आला अधिकारी और कलेक्टर को शिकायत देकर कार्यवाही की मांग की जाती है लेकिन आला अधिकारियों के सेटिंग और कमीशन खोरी के बलबूते ग्राम पंचायतों के भ्रष्टाचार पर किसी भी प्रकार की कार्यवाही नहीं दिखती। दिखावे के लिए कार्यवाही की जांच टीम बनाकर बंद फाइलों में कार्यवाही को समेट दिया जाता है। ठीक है ऐसा ही मामला ग्राम पंचायत मौहरी में सामने आया है जहां ग्रामीणों ने कलेक्टर से शिकायत कर सरपंच को पद पृथक करने की मांग की है।
अनूपपुर। जनपद क्षेत्र जैतहरी अन्तर्गत ग्राम पंचायत मौहरी के ग्रामीणों ने सरपंच के द्वारा मनमानी एवं अडयि़ल रवैया और सरपंच के द्वारा किए जा रहे हैं भ्रष्टाचार को लेकर अनूपपुर कलेक्टर से लिखित में शिकायत दर्ज करवाई है। ग्रामीणों ने सरपंच पर विभिन्न प्रकार से भृष्टाचार एवं शासकीय राशियों के दुरूपयोग का आरोप लगाते हुऐ जिला कलेक्टर अनूपपुर से सरपंच को कार्यमुक्त कर भ्रष्टाचार कि जांच कराये जाने का मांग किया गया है। ग्रामीणों द्वारा किए गए शिकायत में उल्लेख किया गया है कि ग्राम प्रधान रामबाई बैगा और सचिव मिलकर पंचायत के अन्य सदस्यों को विश्वास में ना लेकर मनमाने तरीके से शासकीय राशियों का दुरूपयोग किया जा रहा है। वहीं पंचायत रजिस्टर में सभी सदस्यों से हस्ताक्षर कराये बिना ही निर्माण कार्य गुणवत्ता विहीन कराकर फर्जी तरीके से राशियों का आहरण किया गया है। शिकायती पत्र में विभिन्न प्रकार से आरोप लगाते हुऐ ग्रामीणों ने जिला कलेक्टर अनूपपुर से ग्राम प्रधान रामबाई बैगा को कार्यमुक्त कर भृष्टाचार कि जांच कराये जाने का मांग किया गया है।


नियमों को ताक में रखकर कर रहे भ्रष्टाचार
ग्राम पंचायत मौहरी में शासकीय नियमों के विपरीत मनमाने तरीके से ग्राम पंचायत के अन्य सदस्यों को विश्वास में न लेकर छलपूर्वक विधि विरुद्ध तरीके से ग्राम पंचायत की संचालन प्रस्ताव व ग्राम पंचायत के संचालन प्रस्ताव व ग्राम सभा के अनुमति के बिना शासकीय राशि का दुरुपयोग मनमाने तरीके से कर है। ग्राम प्रधान के द्वारा प्रस्ताव रजिस्टर में सभी सदस्यों का हस्ताक्षर कराए बिना निर्माण कार्य विधि विरुद्ध तरीके से प्राक्कलन के विपरीत गुणवत्ता विहीन कार्य कराकर फर्जी तरीके से राशि का आहरण किया गया है। वार्ड नं09,10 में बने पीसीसी रोड का निर्माण एवं वार्ड क्रमांक 03, 05, 08 में पीसीसी रोड का निर्माण गुणवत्ता विहीन होने से समय सीमा से पूर्व उखड़ गया है जो निरीक्षण में देखा जा सकता है। ग्राम प्रधान एवं सचिव द्वारा विगत 05 वर्षों से व्यापक रूप से भ्रष्टाचार कर शासकीय राशि का बंदरबांट किया गया हैं जो पूरी तरह दिख रहा हैं।


चेक डैम निर्माण में मनमानी
चेक डैम का निर्माण का कार्य ग्राम पंचायत एजेंसी द्वारा किया जा रहा है। जोकि प्राक्कलन विरुद्ध किया जा कर शासकीय राशि का दुरुपयोग किया जा रहा है। माननीय मंत्री बिसाहू लाल सिंह के अनुशंसा से ग्राम पंचायत में तीन नग चेक डैम निर्माण क्रमश:15 लाख रुपये एवं 7.50, 7.50 लाख की लागत से दो चेक डैम कुल मिलाकर 30 लाख रूपये का स्वीकृत हुआ। जिसका निर्माण ग्राम पंचायत करवा रहा हैं ग्राम प्रधान, सचिव एवं उपयंत्री द्वारा उक्त निर्माण कार्य अत्यंत घटिया एवं गुणवत्ता विहीन तरीके से किया जा रहा है। अमानक सामग्री के प्रयोग अपने तरीके से तीन सूत के सरिया से कराया जा रहा है। सीमेन्ट की मात्रा कम डाली जा रही है। पुल में रेत ही रेत नजर आ रहा है ग्राम पंचायत में दो नग चेक डैम भारी कमीशन में स्वेच्छा पूर्वक कमीशन लेकर ठेके में दे दिया गया है जिसे ठेकेदार द्वारा घटिया निर्माण कार्य कराया जा रहा है ग्रामीणों एवं पंचों ने जिलाधीश को पत्र सौंपकर उक्त संबंध में जांच व कार्यवाही की मांग की है।
कार्यवाही की आस में ग्रामीण
कलेक्टर को दिए गए शिकायत पत्र में ग्रामीणों ने सरपंच द्वारा चरम पर किए जा रहे भ्रष्टाचार की शिकायत तो कर दी साथ ही शिकायत पत्र में लिखित रूप में ग्राम पंचायत के सरपंच को पद प्रथक करने की मांग भी की गई है। ग्रामीणों को आस है कि कलेक्टर से शिकायत के बाद ग्राम पंचायत में हो रहे भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगी और ग्रामीणों के हक के राशि का अवैध तरीके से हनन भी रुकेगा। पंचायत में सचिव और सरपंच की मिलीभगत और अडयि़ल रवैया से ग्रामवासी काफी परेशान है अब देखना यह है कि शिकायत पत्र को संज्ञान में लेकर कलेक्टर द्वारा क्या कार्यवाही की जाती है पुराने तरीके से जांच टीम बैठा कर जांच की फाइलों में उक्त मामले को दबा दिया जाता है।

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