शराबखोरी करते पकड़े गए मेडिकल कॉलेज में वाटर सप्लाई के कर्मचारी

ओटी सहित विभिन्न वार्ड व विभागों में आए
दिन नहीं पहुंच रहा पानी
…..मेडिकल कॉलेज आए दिन किसी न किसी मामले को लेकर सुर्खियों में रहा आता है, वाटर सप्लाई जैसे महत्वपूर्ण काम के लिए जिस कंपनी को ठेका दिया गया है उसने जिन्हें जिम्मेदारी सौंपी है, वह शराबखोरी करते हुए पकड़े गए है, मामला तब सामने आया जब आए दिन ओटी से लेकर वार्ड और विभिन्न विभागों में पानी की व्यवस्था चौपट रहने के बाद औचक निरीक्षण किया गया।
शहडोल । बिरसा मुंडा मेडिकल कॉलेज में पानी की व्यवस्था के लिए पूरे मेडिकल कॉलेज सहित विभिन्न वार्डों, आवासीय कॉलोनी और ओटी से लेकर विभिन्न विभागों तक करोड़ों रुपए खर्च करके वाटर फिल्टर प्लांट और पाइपलाइन बिछाई गई है, विभाग ने जिस ठेकेदार को यह काम दिया है उसने नौसेखियों को यहां अलग-अलग तीन पालियों में काम सौंपा है, बीते एक से डेढ़ माह से लगातार विभिन्न विभागों के साथ ही वार्ड और ऑपरेशन थिएटर तक में पानी की अनुपलब्धता सुर्खियों में रही है, लगातार आ रही शिकायतों के बाद जब बीते दिनों वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर तैनात गार्डों ने मौके पर पहुंचकर निरीक्षण किया तो उन्हें कर्मचारी वाटर फिल्टर प्लांट में ही शराबखोरी करते हुए नजर आए, सोशल मीडिया में यह वीडियो इन दिनों जमकर वायरल हो रहा है और लोग तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं मेडिकल कॉलेज को लेकर दे रहे हैं।
औचक निरीक्षण में खुली पोल
शुक्रवार को सोशल मीडिया में एक वीडियो वायरल होने लगा, जिसमें मेडिकल कॉलेज के कुछ गार्ड वाटर प्लांट के अंदर नजर आते हैं और उनके हाथों में कच्ची शराब की एक बोतल नजर आती है, कुछ युवक वहां कुर्सी पर बैठे हैं जिनके पास पीने के साथ ही खाने आदि चखना के रूप में सामग्री रखी हुई है, यह वीडियो सामने आने के बाद शनिवार को छिंदवाड़ा के जिस फर्म को ठेका दिया गया है प्रबंधन ने उसे भी तलब किया, प्रबंधन और ठेका अधिकारी के बीच क्या चर्चा हुई यह तो स्पष्ट नहीं हो पाया, लेकिन लगभग डेढ़ करोड़ के आसपास सालाना ठेका लेने वाली कंपनी ने किस तरह के कर्मचारियों को यहां तैनात करके रखा है और उनके द्वारा ऑपरेशन थिएटर तक की पानी की व्यवस्था चौपट हो जाना और इसके अभाव में ऑपरेशन तथा अन्य मरीज को स्वास्थ्य लाभ वचित रहने का मामला सामने आया है।
जिम्मेदारी से बचते रहे अधिकारी
मेडिकल कॉलेज के भवन तथा अन्य रखरखाव की जिम्मेदारी तो लोक निर्माण विभाग सहित ग्रामीण स्वास्थ्य यांत्रिकी विभागों के पास है लेकिन उनकी निगरानी के लिए मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने चिकित्सकों की ड्यूटी लगा कर रखी है, ग्रामीण स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग (पी एच ई ) के द्वारा यहां पर पानी की व्यवस्था का कार्य देखा जाता है बताया गया कि भवन तथा पानी से संदर्भित अन्य समस्याओं की निगरानी के लिए डॉक्टर मोहम्मद मुजाहिद को जिम्मेदारी सौंपी गई है उनके साथ डॉक्टर प्रशांत कुमार सोंधिया भी भवन तथा इस तरह की अन्य व्यवस्थाओं की जिम्मेदारी की निगरानी रखते हैं और प्रबंधन और पी एच ई के बीच सेतु का कार्य करते हैं, शनिवार को वीडियो वायरल होने के बाद जब दोनों ही जिम्मेदार अधिकारियों से चर्चा की गई तो दोनों ने इस मामले से खुद को किनारे करते हुए बताया कि वह अवकाश पर हैं इसके साथ ही उन्होंने पी एच ई के उपयंत्री अजय श्रीवास्तव पर जिम्मेदारी डालते हुए अधिक जानकारी उनसे लेने की सलाह भी देती।