जल पर्यटन को मिल सकता है बढ़ावा,हनुवंतिया की तर्ज पर विकसित किया जा सकता है कोनिया को
जल पर्यटन को मिल सकता है बढ़ावा,हनुवंतिया की तर्ज पर विकसित किया जा सकता है कोनिया को
कटनी /बरही :- कटनी जिला मुख्यालय से 60 किमी एवं बरही तहसील मुख्यालय से 10 किमी की दूरी पर विजयराघवगढ़ तहसील का गाँव कोनिया इन दिनों शनैः शनैः पर्यटकों सैलानियों के आकर्षण का केंद्र बनता जा रहा है। बाणसागर जल भराव क्षेत्र के बीच टापू नुमा पहाड़ी में अतिप्राचीन सिद्धपीठ काली मंदिर जिसमें माँ काली की प्रतिमा के दर्शनार्थ पूजा अर्चना करने लोग आते हैं। परंतु बाणसागर परियोजना के जलभराव के कारण यह स्थान और भी रमणीक और मनोहारी हो गया गया है। अब भक्ति के साथ ही लोग यहाँ पिकनिक मनाने परिवार के साथ आ रहे हैं। जिलेभर के लोगों का झुकाव इस स्थान की ओर बढ़ता जा रहा है धार्मिक स्थल को पर्यटन मे शामिल करने ग्रामीणों ने प्रशासन का ध्यानाकर्षण कराया है।
अथाह जल सागर लोगों को कर रहा है रोमांचित
माँ कालीधाम कोनिया की पहाड़ी को छूता चारों ओर पानी से भरा अथाह जलसागर जो की छोटी महानदी का बाणसागर जलभराव क्षेत्र है लोगों के लिए रोमांच का केंद्र बना हुआ है।
प्राकृतिक मनोहारी छटा से लबरेज कालीधाम
कालीधाम मंदिर प्राँगण के साथ ही जल भराव क्षेत्र के मुहाने में लगे पेड़ पौधों से यहाँ आने वाले सैलानियों को छाया तो मिलती ही है वहीं घने लगे इन पेड़ों को देखकर जंगल सा भी आभास होता है।
समाजसेवी लगे हैं इसे चमकाने
ग्राम कोनिया से लेकर माइन्स कुटेश्वर गैरतलाई उबरा बरही और कटनी तक के समाजसेवी आध्यात्म, प्रकृतिप्रेमी इस अनूठे सुन्दर स्थान को और अधिक खूबसूरत और लोगों के सुविधाजनक बनाने नया आकार दे रहे हैं, पहाड़ी में सुंदर मंदिरों का निर्माण, मंदिर पहुंच मार्ग का निर्माण एवं बाहर से आने वाले माता के भक्तों सैलानियों के रुकने आराम करने के लिए कक्षों बारामदों का निर्माण निरंतर जारी है। स्थानीय ग्रामीणों प्रकृति प्रेमियों समाज सेवियों का मानना है कि यदि शासन जिला प्रशासन इस ओर ध्यान दे दे तो यह रमणीक मनोहारी प्राकृतिक आध्यात्मिक स्थान जल पर्यटन, जल बिहार, जल क्रीड़ा के लिए प्रदेश के हनुवंतिया की तरह जिले में भी विकसित किया जा सकता है। जागरूक लोगों समाज सेवियों द्वारा समय समय पर इसकी माँग शासन प्रशासन से की जाती रही है। हालाँकि की यह स्थान खजुराहो अमरकंटक राजमार्ग से लगा हुआ है, इसे पर्यटन का स्वरुप देने विकसित करने से पर्यटन विभाग को राजस्व तो मिलेगा ही साथ ही खजुराहो अमरकंटक मैहर चित्रकूट बांधवगढ़ के यात्रियों पर्यटकों को जल पर्यटन का मजा भी मिलेगा।