ये रिश्ता क्या कहलाता है…??.
शहडोल। मरा हुआ सांप पुलिस के हाथ लगा और साहब ने खुद को भोलेनाथ समझकर उसे गले से लेकर वर्दी के सितारों तक में शुमार कर दिया। बदमाश तो निकल गये, लेकिन जो रास्ते में हाथ लगे थे, वे महाबदमाश निकले। यह पहला मौका होगा जब किसी ने बदनामी के डर से बाप बदल दिया, पहले कोई मां की गाली देता था तो, तलवारें खिंच जाती थी, लेकिन किसी ने तो बाप ही बदल दिया।

इधर महाबदमाश थाने में रतजगा करते रहे, वहीं तिवारी जी को लाईन में बैठे-बैठे नींद ही नहीं आ रही थी, लगातार फोन पर लगे रहे और जैसे ही वन-5-वन की अर्जी लगी, ऐसे लगा जैसे तिवारी जी पुलिसवाले नहीं बल्कि वकील या सगे रिश्तेदार हैं। तहसील कार्यालय से लेकर हर बड़ी और छोटी गली से तिवारी जी जुआरियों के पीछे-पीछे सिविल ड्रेस में दिन भर नजर आये। हर जगह यही चर्चा थी, तिवारी और गेलानी के बीच का रिश्ता, टीवी सीरियल ये रिश्ता क्या कहलाता है कि याद दिला रहा है।