क्या…सांई पैथोलॉजी लैब, ईसीजी, डिजिटल एक्स-रे बांट रहा बीमारी!

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गाइड लाइन को ताक में रखकर संचालित हो रही एक्स-रे मशीन

शहडोल। शहर में पैथोलॉजी जांच के नाम पर लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ किया जा रहा है। जिला चिकित्सालय के सामने संचालित सांई पैथोलॉजी लैब, ईसीजी, डिजिटल एक्स-रे संचालित हो रहा है, विभाग से जुड़े सूत्रों की माने तो कथित लैब संचालक को पैथोलॉजी संचालन की अनुमति दी गई है, लेकिन संचालक ने संभाग के सबसे बड़े चिकित्सा संस्थान के सामने ही ईसीजी, डिजिटल एक्स-रे का संचालन कर रहे हैं, लेकिन विभाग के जिम्मेदारों ने आज तक यहां जांच करने की जहमत तक नहीं उठाई।
क्या योग्य है जांचकर्ता
शहडोल जिले में प्रथम आधुनिक 32 चैनल कम्प्यूटराईज्ड डिजिटल ईसीजी मशीन एवं ब्रेन मैपिंग की सुविधा देने वाले सांई पैथोलॉजी के संचालन में लगे रवि साहू नामक व्यक्ति क्या इतने योग्य हैं, जो ब्रेन मैपिंग के साथ ही ईसीजी मशीन का संचालन कर सकते हैं। मजे की बात तो यह है कि खून के साथ ही यहां एक्स-रे मशीन का संचालन भी हो रहा है, एक ही दुकान में इतनी जांचो की सुविधा और विभाग से मिली अनुमति पर सवाल उठने लगे हैं।
तो किसका है कारोबार
सुप्रीम कोर्ट ने पैथोलॉजी लैब को चलाने के लिए अब एमडी पैथोलॉजिस्ट योग्यता धारक का होना जरूरी माना है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब हर कोई व्यक्ति या गैर योग्यता धारक लोग पैथोलॉजी लैब नहीं चला सकता, वहीं सीएमएचओ कार्यालय से कुछ ही दूरी पर संचालित सांई पैथोलॉजी लैब, ईसीजी, डिजिटल एक्स-रे जांच केन्द्र में आखिर शहर के किस की एमडी पैथोलॉजिस्ट योग्यता धारक डिग्री लगी है, सूत्रों की माने तो कथित जांच केन्द्र में खुलेआम मरीजों से धोखा हो रहा है।
ताक पर रखी गाइड लाईन
सांई पैथोलॉजी लैब, ईसीजी, डिजिटल एक्स-रे में गाइड लाईन तक को ताक पर रख दिया गया है, इससे न केवल रोगी के परिजनों बल्कि एक्स-रे में कार्यरत कर्मचारियों को भी नुकसान होने का खतरा हर समय मंडराता रहता है। सूत्रों की माने तो, रेडिएशन को रूम से बाहर नहीं निकलने देने के लिए दरवाजे खिड़कियों पर लेडशीट तक नहीं लगाई गई है। साथ ही चिकित्सा विभाग से जुड़े सूत्रों की माने तो, एक्स-रे मशीन का संचालन रेडियोलॉजिस्ट ही कर सकते हैं।
खतरनाक बीमारी का अंदेशा
डॉक्टरों के अनुसार एक्स-रे रेडिशन से कई खतरनाक बीमारी होने की संभावना रहती है, इसमें कैंसर, किडनी का खराब होना, लीवर खराब होना, ह्दय घात सहित अन्य घातक बीमारियां शामिल है। जबकि एक्स-रे होम संचालित करने गाइड लाईन तय की गई है, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय से कुछ 100 मीटर की दूरी पर ही नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ रही है।
यह कहती है गाइड लाईन
एक्स-रे यूनिट की दरवाजे पर लेड शीट होना अनिवार्य है, एक्स-रे मशीन का मुंह दीवार की ओर होना चाहिए। एक्स-रे के समय यूनिट के अंदर अन्य कोई व्यक्ति नहीं होना चाहिए, एक्स-रे यूनिट की दीवार की मोटाई 9 इंच की होनी चाहिए, सभी उपकरण का रखरखाव होना चाहिए। सूत्रों की माने तो कथित जांच संचालक द्वारा पूरे कायदों को ही ताक पर रखकर उक्त पेशे को कारोबार का रूप दे दिया है।
दिया तले ही अंधेरे
दो दिन पूर्व ही जिला चिकित्सालय की टीम ने कलेक्टर के निर्देश पर जहां अवैध पैथोलॉजी को सील किया था, वहीं जिन पैथोलॉजी का संचालन रजिट्रेशन के बाद संचालन हो रहा है, वहां भी दबिश दी थी, जिसमें जांच टीम को डॉक्टर नहीं मिले थे, मजे की बात तो यह है कि चिकित्सा विभाग के मुखिया के कार्यालय के पास ही चिकित्सा को कारोबार का रूप दे चुके सांई पैथोलॉजी लैब, ईसीजी, डिजिटल एक्स-रे के संचालक पर कार्यवाही न होना विभाग के मुखिया सहित जिले के मुखिया के निर्देशों की अवहेलना से कम नहीं है।

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