दामिनी भूमिगत खदान में रिले ए एवं रिले बी में कब बटेगी कैश इंसेंटिव की राशि

धनपुरी। सोहागपुर क्षेत्र अंतर्गत आने वाली दामिनी भूमिगत खदान भ्रष्टाचार और कर्मचारियों का शोषण करने का
गढ़ बन चुकी है। यहां पदस्थ अधिकारी भ्रष्टाचार करने में एक से बढक़र एक है शिफ्ट इंचार्ज अपनी चरण वंदना
करने वाले कर्मचारियों को संडे ओवरटाइम का मुफ्त उपहार देते हैं, खदान का डीपीआर रजिस्टर गाय खा जाती है,
शाम के समय विशेष तरल गरल करने का सिलसिला अभी तक अनवरत निरंतर चलता ही जा रहा है। शिफ्ट इंचार्ज
कर्मचारियों की मेहनत का इनाम तक डकार जाते हैं। जनवरी माह में मिला कैश इंसेंटिव जून माह में तब खर्च किया
जाता है, जब दामिनी भूमिगत खदान के भ्रष्टाचार अखबारों की सुर्खियां बनने लगते हैं इन खदानों को व्यवस्थित रूप
से संचालित करने की जिम्मेदारी जिस उप क्षेत्रीय प्रबंधक के ऊपर है, उन्होंने सफेद झूठ बोलने वाले महाविद्यालय
से पीएचडी की डिग्री गोल्ड मेडल के साथ हासिल कर रखी है क्योंकि खदान का वाटर कूलर कई सालों से खराब पड़ा
हुआ है, ठंडे पानी के लिए खदान के कर्मचारी तरस रहे हैं और हरिश्चंद्र के मानस पुत्र कहते हैं कि वाटर कूलर कभी
खराब ही नहीं हुआ।
रिले सी में तो राव साहब ने आनन-फानन में कैश इंसेंटिव की राशि से पानी की बोतल खरीद कर बांट दी हालांकि
बोतल की गुणवत्ता से नाराज माइनिंग विभाग के अधिकांश कर्मचारियों ने पानी की बोतल बैरंग वापस लौटा दी थी,
अभी तक उनकी नाराजगी शायद दूर नहीं हुई है, इसलिए उन्होंने बॉटल को अभी तक स्वीकार नहीं किया है। आनन-
फानन में ही सही राव साहब ने कैश इंसेंटिव की राशि तो खर्च कर दी लेकिन रिले ए एवं रिले बी के शिफ्ट इंचार्ज अभी
तक कैश इंसेंटिव की राशि को दबाकर रखे हुए हैं कर्मचारियों को मिले इनाम पर बुरी नजर रखने वाले बहरा साहब ने
अभी तक कैश इंसेंटिव की राशि बाहर नहीं निकाली है, पूर्व में इस राशि को लेकर भंडारा करने की योजना बनाई गई
थी लेकिन कर्मचारियों को भंडारा ना खिलाकर अधिकारियों ने कैश इंसेंटिव की राशि का ही शायद भंडारा कर दिया
और आपस में मिल बांट कर मामला रफा-दफा कर दिया।
खदान में कर्मचारियों को वर्तमान समय में तरह-तरह से प्रताडि़त किया जा रहा है कुछ कर्मचारी मां काली की कसम
खाते हुए कहते हैं कि मैं नहीं हूं लेकिन अधिकारी कहते हैं कि तुम ही हो अधिकारियों की नजर में एक मिश्रा और एक
द्विवेदी चढ़ चुके हैं फिलहाल खदान के कर्मचारी चर्चा करते हैं कि इस गर्मी तो महा नवरत्न कंपनी के राज में पीने का
ठंडा पानी नहीं मिल पाया अब देखते हैं कि अगली गर्मी में पीने का ठंडा पानी मिल पाता है या फिर इसी तरह घर से
बोतल में पानी लेकर आना पड़ेगा या फिर खदान की छत से टपकता पानी ही बोतल में भरकर पीना पड़ेगा। मजदूरों के
हक की लड़ाई लडऩे वाले बड़े-बड़े दिग्गज नेता फिलहाल मजदूरों के मुद्दों से बहुत दूर गुमशुदा चल रहे हैं लगता है
सोहागपुर क्षेत्र के अधिकांश नेता अनिश्चितकालीन अज्ञातवास में है।