कहा खो गईं?रूट निर्धारण के साथ कलर कोडिंग की व्यवस्था 6 महा पूर्व 6 रूटों के लिए बनाई गई थी योजना रूट निर्धारण और कलर कोड का पालन नहीं हो रहा ई रिक्शा संचालन में e-rickshaw in katni सुगम यातायात के लिए बनाए गए निर्धारित रूट के साथ कलर कोडिंग की व्यवस्था ध्वस्त, शहर की गले की फांस बने लगे ई रिक्शा. ड्राइवर की जहां मर्जी वहां अपनी गाड़ियां दौड़ते रहते. शहर में हर जगह बनने लगी जाम की स्थिति. बनाए गए थे 6 रूट 6 माह पूर्व बनाई गई थी योजना

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e-rickshaw in katni:-कहा खो गईं?रूट निर्धारण के साथ कलर कोडिंग की व्यवस्था 6 महा पूर्व 6 रूटों के लिए बनाई गई थी योजना.रूट निर्धारण और कलर कोड का पालन नहीं हो रहा ई रिक्शा संचालन में

e-rickshaw in katni सुगम यातायात के लिए बनाए गए निर्धारित रूट के साथ कलर कोडिंग की व्यवस्था ध्वस्त, शहर की गले की फांस बने लगे ई रिक्शा. ड्राइवर की जहां मर्जी वहां अपनी गाड़ियां दौड़ते रहते. शहर में हर जगह बनने लगी जाम की स्थिति. बनाए गए थे 6 रूट 6 माह पूर्व बनाई गई थी योजना
कटनी।। ई-रिक्शा संचालन को लेकर यातायात एवं परिवाहन विभाग क़ी सयुक्त कार्यवाही कर शहर में 6 रूट निर्धारित कर दिए गए थे और साथ कलर कोडिंग व्यवस्था भी की गईं थी. जिससे शहर पर ई-रिक्शाओं का संचालन बिल्कुल सिमित होनें के साथ ई-रिक्शाओं का रूट तय होने से जाम की समस्या भी काफी हद तक राहत मिलने की संभावना थी लेकिन ये सारी व्यवस्था ई-रिक्शा चलाकों के आगे ध्वस्त हों गईं.अब ई-रिक्शा शहर के गले की फास बनने लगे है. ड्राइवर की जहां मर्जी वहां अपनी गाड़ियां दौड़ते रहते हैं.शहर की यातायात व्यवस्था को सुगम और सरल बनाने के लिए यातायात थाना प्रभारी राहुल पाण्डेय और क्षेत्रिय जिला परिवहन अधिकारी विमलेश कुमार गुप्ता ने बैठक कर सभी ई-रिक्शा चालक यूनियनों को भी इस संबंध में दिशा-निर्देश दिए थें। कि सभी ई-रिक्शा चालकों के पास पूरे कागजात होने चाहिए। सभी अपनी व्यक्तिगत जिम्मेदारी समझते हुए सभी ई-रिक्शा चालकों बताएं कि उनके पास ई-रिक्शा संबंधी फिटनेस, डीएल, टैक्स व इंश्योरेंस आदि होना चाहिए। लेकिन सारे दिशा निर्देश ई-रिक्शा संचालकों के आगे ख़त्म हों गए.

(( कलर कोड के अनुसार इन रूटों पर चलना था ई-रिक्शा.यातायात पुलिस ने परिवहन विभाग के साथ मिलकर बनाया था प्लान ))
परिवाहन तथा यातायात पुलिस द्वारा लगभग 6 माह पहले शहर में ई-रिक्शा संचालन के लिये निर्धारित रूट और कलर सिस्टम लागू कर दिया था। उक्त नियम का पालन कराने के लिये कुछ दिनों तक यातायात पुलिस मैदान में उतरी थी और नियम का उल्लंघन करने वालों के वाहन जब्त कर थाने में खड़े किए थे और जुर्माना लगाया था। परंतु उसके बाद से ई-रिक्शा वाहनों की चेकिंग नहीं होने से अब सभी ई-रिक्शा वाहन साथ-साथ दौड़ते नजर आ रहे हैं। इसका नतीजा यह हुआ कि अब ई-रिक्शा वाहन सवारियां भरकर शहर के हर मार्गो पर दौड़ते मीडिया के कैमरे में कैद हुए हैं। परिवाहन विभाग और पुलिस रिकार्ड के मुताबिक शहर में सैकड़ो से अधिक ई-रिक्शा का संचालन हो रहा है। ऐसे में नियमानुसार ई-रिक्शा वाहनों का संचालन होना चाहिए। परंतु इस नियम के बाद भी शहर की सड़कों पर ई-रिक्शा वाहनों की संख्या में कोई कमी नहीं आई है। यह हाल पूरे शहर का है। जानकारी के अनुसार रूट क्रमांक-1 पर हरे रंग के ई-रिक्शा चलना था जो कि स्टेशन से सराय मोहल्ला के रास्ते ई रिक्शा ये रेलवे स्टेशन से सराय मोहल्ला, गणेश चौक, सिविल लाइन, मुड़वारा स्टेशन, मिशन चौक से माधवनगर गेट होते हुए पीरबाबा तक जाना था। इसी प्रकार रूट क्रमांक-2 पर लाल रंग के ई-रिक्शा का संचालन होना था जो रेलवे स्टेशन से सराय मोहल्ला, गणेश चौक, कचहरी चौक, कोतवाली तिराहा, मिशन चौक, आजाद चौक, कैलवारा मोड़ से होते हुए इंदिरा ज्योति कालोनी तक जाना था। इसी प्रकार रूट क्रमांक-3 पर आसमानी रंग के ई-रिक्शा चलना था. ये ई रिक्शा रेलवे स्टेशन से बरही रोड, गर्ग चौराहा, आदर्श कालोनी, चड्डा कॉलेज से होते हुए प्लेटफार्म क्रमांक 5 तक जाना था । वहीं रूट क्रमांक 4 पर नारंगी रंग के ई-रिक्शा चलना था। ये रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म क्रमांक 5 से गायत्री नगर, बाबा घाट,  कटनी साउथ, डीजल लोको शेड से होते हुए एनकेजे बजरिया तक जाना था। रूट क्रमांक-5 पर सफेद रंग के ई-रिक्शा का संचालन होना था। ये प्लेटफार्म क्रमांक 5 से जुहला-जुहली की ओर चलना था । इसके अलावा रूट क्रमांक-6 पर पीले रंग के ई-रिक्शा चलना था । ये कटनी साउथ से मिशन चौक, मुड़वारा स्टेशन, सिविल लाइन, व्हीआईपी रोड, रेलवे स्टेशन, आयुध निर्माणी, एसीसी होते हुए माधवनगर तक जाना था । परंतु इन सारी योजना के बाद भी e-rickshaw के रूट निर्धारण पर कोई सहमति नहीं बन सकी। और अब हर घंटे ई-रिक्शा से सड़कों पर जाम लग रहा है। रिक्शा ड्राइवर यहां-वहां अपनी मर्जी से इसे चलाते है। इससे सड़कों से गुजर रहे अन्य वाहनों को परेशानी होती है। शहर के बीच कही पर भी ई-रिक्शा रोक कर सवारियों कों उतारने चढ़ाने का कार्य किया जाता है। ई-रिक्शा ड्राइवर की जहां मर्जी होती है, वहां अपनी गाड़ियां दौड़ाते रहते हैं।
इससे शहर में यातायात की समस्या सुलझने के बजाय और उलझने लगी है। शहर के प्रमुख मार्गों पर तो इनकी वजह से कई बार जाम की स्थिति बन जाती है।

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