जो यह पढ़े हनुमान चालीसा. होय सिद्धि साखी गौरीसा की सहज भावना को जन-जन में जागृत करने के उद्देश्य वेद मंत्रों की स्वरिय लहरियां से हुआ संगीतमय 1008 पंच हनुमान चालीसा अनुष्ठान

0

जो यह पढ़े हनुमान चालीसा. होय सिद्धि साखी गौरीसा की सहज भावना को जन-जन में जागृत करने के उद्देश्य
वेद मंत्रों की स्वरिय लहरियां से हुआ संगीतमय 1008 पंच हनुमान चालीसा अनुष्ठान

कटनी ॥ “जीवन मित्र हनुमान “और “जीवन मंत्र हनुमान चालीसा ” सेवा समर्पण का 85वीं वर्ष मे
श्री बजरंग बाल रामायण समाज सेवा समिति कटनी द्वारा श्रृद्धा भक्ति से पूर्ण 1008 पंच हनुमान चालीसा पाठ अनुष्ठान का आयोजन किया गया जिसमें सुबह 10 बजे से शोभायात्रा के साथ कार्यक्रम की शुरुआत हुई। मंगलाशासन, पूजन पाठ के बाद 1008 लोगों ने एक साथ बैठकर हनुमान चालीसा का पाठ शुरू किया। इस मौके पर हनुमान चालीसा का पाठ संगीत की धुन पर बजरंग बाल रामायण समाज द्वारा कराया तो पूरा माहौल भक्ति में डूब गया। समापन पर रामदरबार व हनुमान जी की दिव्य मंगल आरती की गई और अनुष्ठान का समापन किया गया। संत सुरेन्द्रदास, नरसिंह दास महाराज, डॉ. बालगोविंद शास्त्री, संत ब्रम्हानंद दास, डॉ. रजनीश शास्त्री आदि ने श्रद्धालुओं को संबोधित किया। संतों ने बताया कि बल, बुद्धि और विद्या, इन तीनों गुणों की खान हनुमानजी हैं। इनमें से किसी एक गुण की भी कमी हो, तो साधना का उद्देश्य सफल नहीं हो सकता है। सबसे पहले तो साधना के लिए बल जरूरी है। दूसरे साधक में बुद्धि और विचार शक्ति होनी चाहिए। इसके बिना साधक पात्रता विकसित नहीं कर पाता है। तीसरा अनिवार्य गुण विद्या है। विद्यावान व्यक्ति ही आत्मज्ञान हासिल कर सकता है। हनुमान जी के जीवन में इन तीनों गुणों का अद्भुत समन्वय मिलता है। इन्हीं गुणों के बल पर वे जीवन की प्रत्येक कसौटी पर खरे उतरते हैं। आयोजन में श्रेष्ठजनों, भजन गायकों का भी सम्मान किया गया। नरेंद्र गुप्ता व उनकी टीम द्वारा एक से बढ़कर एक भजनों की प्रस्तुति दी गई। आयोजन मे 1200 श्रद्धालुओं नें रजिस्ट्रेशन कराकर हनुमान चालीसा का संगीतमय पाठ कर अपने जीवन को धन्य बनाकर धर्मलाभ अर्जित किया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed