पत्नी के आरोप: मानसिक प्रताडन से हुई है पति की मौत

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अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस) पर बयान के नाम पर मानसिक प्रताडना के आरोप
परिजनों ने कार्यालय पहुंचकर पुलिस अधीक्षक से की निष्पक्ष जांच की मांग

 वर्ष 2020 में हुए दुष्कर्म मामले में फरार आरोपी के पिता को बयान के लिए एसडीओपी कार्यालय बुलाया गया था, जहां पता-साजी व अन्य गतिविधियों की जानकारी ली गई थी, वहीं परिजनों ने कहा कि घंटो कार्यालय में बैठाया गया, मानिसक प्रताडना के कारण तीन दिन बाद उनकी मौत हो गई, एसडीओपी सुश्री कीर्ति बघेल पर आपराधिक प्रकरण दर्ज कर निलंबत करने की मांग उनकी पत्नी ने की है।

अनूपपुर। कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत ग्राम बरबसपुर में निवास करने वाली श्रीमती सरोज सिंह पति राजकुमार ङ्क्षसह के पुत्र पर वर्ष 2020 में दुष्कर्म (पॉक्सो एक्ट) के आरोप लगे थे, मामला पंजीबद्व होने के बाद से आरोपी फरार चल रहा है, मामले की विवेचना व पता-साजी के साथ पूछ-ताछ के लिए 19 अगस्त को अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस) के द्वारा कार्यालय में राजकुमार सिंह को बुलाया गया था। शाम को घर लौटने के बाद उन्होने अपनी पत्नी को कार्यालय में हुए पूछताछ व प्रताडना को बताया था, तीन दिवस बाद 21 अगस्त की सुबह 5 बजे असमय उनकी मौत हो जाती है, जिसके बाद परिजनों ने पुलिस की मानसिक प्रताडना और पत्नी ने एसडीओपी सुश्री कीर्ति बघेल को पति की मौत का जिम्मेदार ठहराते हुए पुलिस अधीक्षक, पुलिस महानिरीक्षक, पुलिस महानिदेश सहित गृह मंत्री व खाद्य मंत्री को पत्र लिखकर न्याय की मांग की है।
यह लगाये आरोप
स्व. राजकुमार की पत्नी सरोज सिंह ने शिकायत पत्र में उल्लेख किया कि 19 अगस्त को एसडीओ कीर्ति बघेल द्वारा मेरे पति राजकुमार सिंह को लडके के प्रकरण में बुलाकर सुबह 11 बजे से रात्रि 8 बजे तक कार्यालय में बैठाया गया, जहां भतीजा प्रशांत ङ्क्षसह भी साथ में गया हुआ था। बयान के नाम पर एसडीओपी के द्वारा मानसिक रूप से प्रताडित किया गया, जबकि मेरे पति उच्च रक्तचाप के मरीज भी थे, उनको दवाईयां भी नही खाने दिया गया, इतना ही नही एसडीओपी के द्वारा यह भी कहा गया कि अगर अपने लडके का पता सोमवार तक नही बताओगे तो पूरे घर वालों को जेल भेज दूंगी और सुबह 11 से रात्रि 8 बजे तक प्रताडित करते हुए कार्यालय में बैठाया गया था।
प्रताडना से थे परेशान

एसडीओपी कार्यालय से रात्रि में आने के बाद 61 वर्षीय स्व. राजकुमार सिंह डरे सहमे व मानसिक रूप से विचलित दिखाई दे रहे थे, उसी दिन से उनकी तबियत भी खराब हो गई थी। 21 अगस्त की सुबह 5 बजे उनकी मौत हो जाती है, जिसके बाद दो दर्जन से अधिक परिजनों ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंच कर शिकायत करते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की है।
एसपी ने दिये निष्पक्ष जांच के आश्वासन


पुलिस अधीक्षक अखिल पटेल ने पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्काल ही राजपत्रित अधिकारी से निष्पक्ष जांच कराने का आश्वासन परिजनों को दिये है। उन्होने कहा कि मामला लगभग डेढ वर्षो से लंबित था, जिसकी पूछताछ के लिए स्व. राजकुमार ङ्क्षसह को बुलाया गया था, लेकिन प्रताडना व दवाईयां न खाने देना उचित नही है, इसमे कितना सच्चाई है, पूरे मामले की जानकारी जांच के बाद ही सामने आयेगा, अगर इसमे कोई दोषी पाया जाता है तो निश्चित ही कार्यवाही की जायेगी।
इनका कहना है
मुझे दुख है कि एक परिवार ने अपना परिजन खोया है, मैं पूछताछ के लिए कार्यालय बुलाई थी, चूंकि हमे पता चला था कि 15 दिवस पहले उनका पुत्र घर आया हुआ था, इसी जानकारी व अन्य पूछताछ कर उन्हे घर भेज दिया गया था, इस दौरान किसी भी प्रकार से प्रताडित नही किया गया है। अब परिजन ऐसा आरोप क्यो लगा रहे मुझे नही पता।
सुश्री कीर्ति बघेल, एसडीओपी अनूपपुर

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